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कोरोना एडवाइजरी की सख्ती से हो पालना, विवाह समारोह में तय सीमा से अधिक लोगों के जुटने पर जुर्माना राशि भी बढ़ाई

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Published : Nov 22, 2020, 9:00 PM IST

प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए गहलोत सरकार ने अधिकारियों को कोरोना एडवाइजरी की सख्ती से पालना कराने के निर्देश दिए हैं. वहीं विवाह समारोह में तय सीमा से अधिक लोगों के जुटने पर जुर्माना राशि भी बढ़ाई गई है.

Corona Advisory Cradle Instructions, Order of CM Ashok Gehlot
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों को कोरोना एडवाइजरी की सख्ती से पालना कराने के निर्देश दिए


जयपुर. प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच सरकार ने भी सख्ती शुरू कर दी है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे सख्ती से कोरोना गाइडलाइन की पालना कराएं. रविवार को कोरोना संक्रमण की स्थितियों की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने यह निर्देश दिए. साथ ही विवाह समारोह में निर्धारित 100 से अधिक लोग होने पर जुर्माना राशि भी 10 हजार से बढ़ाकर 25 हजार रुपये कर दी गई है.

इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित प्रदेश के 8 जिला मुख्यालयों में रात्रिकालीन कर्फ्यू लगाने का निर्णय राज्य सरकार ने इस महामारी से प्रदेशवासियों के जीवन की रक्षा करने के महत्वपूर्ण उद्देश्य से किया है. संबंधित जिला कलक्टरों, पुलिस कमिश्नर और पुलिस अधीक्षकों की यह जिम्मेदारी है कि वे कोविड-19 संक्रमण रोकने के लिए नाइट कर्फ्यू, शादी-ब्याह में अधिकतम 100 लोगों के शामिल होने, सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क लगाने सहित अन्य दिशा-निर्देशों की जमीनी स्तर पर सख्ती से पालना सुनिश्चित कराएं.

पढ़ें- सरकार ने आमजन के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए कड़े कदम उठाए हैं : डोटासरा

वीडियो कांफ्रेंस के जरिए हुई इस बैठक में कोर ग्रुप के सदस्यों के साथ ही आठ जिलों के संभागीय आयुक्त, पुलिस कमिश्नर, पुलिस महानिरीक्षक, जिला कलेक्टर, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य, सीएमएचओ और निजी अस्पतालों में कोरोना रोगियों के बेहतर प्रबंधन के लिए नियुक्त नोडल अधिकारियों से मुख्यमंत्री ने कहा कि वे जीवन बचाने के लिए अपनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को पूरी संवेदनशीलता एवं तत्परता से निभाएं.

विवाह समारोह में 100 से अधिक लोग जुटने पर जुर्माना राशि लगेगा 25 हजार

मुख्यमंत्री गहलोत ने विवाह आयोजनों में 100 से अधिक व्यक्तियों के एकत्रित होने पर लगने वाली जुर्माना राशि को 10 हजार से बढ़ाकर 25 हजार रूपए करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी बाजारों में जाकर यह सुनिश्चित करें कि वहां हैल्थ प्रोटोकॉल की अनिवार्य रूप से पालना हो. उन्होंने निर्देश दिए कि विवाह कार्यक्रमों में निर्धारित संख्या से अधिक लोग नहीं जुटें इसके लिए अधिकारी विवाह तिथि से पहले आयोजकों से समझाइश करें. आयोजकों द्वारा विवाह समारोह की वीडियोग्राफी करने को अनिवार्य किया जाए. साथ ही अधिक लोगों के एकत्र होने की सूचना या अंदेशा होने पर पुलिस एवं प्रशासन भी वीडियोग्राफी कराएं.

सरकार का उददेश्य जीवन बचाना

मुख्यमंत्री ने कहा कि मास्क न लगाने पर भी जुर्माना राशि बढ़ाकर 500 रूपए की गई है. जुर्माना राशि बढ़ाने और वीडियोग्राफी के इन निर्णयों के पीछे सरकार का मकसद राशि वसूलना या समारोह में व्यवधान डालना नहीं बल्कि भीड़ के एकत्र होने एवं मास्क न पहनने के कारण फैलने वाले कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाना है. उन्होंने कहा कि बीते दिनों त्यौहारी सीजन, चुनाव, सर्दी के मौसम तथा विवाह आयोजनों के कारण प्रदेश में कोरोना संक्रमित रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ी है. साथ ही रिकवरी रेट के बेहतर होने तथा मृत्यु दर के नियंत्रित होने के कारण लोग मास्क लगाने तथा सोशल डिस्टेंसिंग प्रोटोकॉल की पालना में गंभीर लापरवाही बरत रहे हैं . हमें ऐसी स्थिति को रोकना होगा.

नोडल अधिकारी सेतु की भूमिका निभाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि नोडल अधिकारियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है. ये अधिकारी मरीजों, अस्पतालों तथा राज्य सरकार के बीच सेतु का काम करें. साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि मरीजों को निजी अस्पतालों में इलाज के दौरान कोई परेशानी न हो. गहलोत ने कोरोना के विरूद्ध जन आन्दोलन को और अधिक प्रभावी बनाने तथा 181 हैल्पलाइन का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करने के भी निर्देश दिए.

कोरोना की दूसरी लहर से बचना होगा : चिकित्सा मंत्री

वीडियो कांफ्रेंस के दौरान चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि शहरी इलाकों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी भीड़ को एकत्रित होने से रोकने और मास्क पहनने के नियम की कड़ाई से पालना करवाने की जरूरत है . उन्होंने कहा कि चिकित्सा विशेषज्ञों ने नवम्बर माह के अंत तक कोरोना की दूसरी लहर की आशंका पहले ही व्यक्त कर दी थी. अब हमें और अधिक समन्वित प्रयासों से संक्रमण को फैलने से रोकना होगा.

पढ़ें- बड़ी राहत: राज्य कर्मचारियों को Corona संक्रमित होने पर मिलेगा Special Leave...

मुख्यमंत्री निवास में हुई इस बैठक में प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा वैभव गालरिया, शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सिद्धार्थ महाजन, गृह सचिव एनएल मीणा, स्वायत्त शासन निदेशक दीपक नंदी, राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति राजाबाबू पंवार, एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य सुधीर भंडारी, वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. वीरेन्द्र सिंह सहित संभागीय आयुक्तों, पुलिस कमिश्नर, पुलिस महानिरीक्षकों, जिला कलक्टरों, पुलिस अधीक्षकों, चिकित्सा अधिकारियों ने भी विचार व्यक्त किए. इस अवसर पर सूचना व जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे.


जयपुर. प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच सरकार ने भी सख्ती शुरू कर दी है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे सख्ती से कोरोना गाइडलाइन की पालना कराएं. रविवार को कोरोना संक्रमण की स्थितियों की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने यह निर्देश दिए. साथ ही विवाह समारोह में निर्धारित 100 से अधिक लोग होने पर जुर्माना राशि भी 10 हजार से बढ़ाकर 25 हजार रुपये कर दी गई है.

इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित प्रदेश के 8 जिला मुख्यालयों में रात्रिकालीन कर्फ्यू लगाने का निर्णय राज्य सरकार ने इस महामारी से प्रदेशवासियों के जीवन की रक्षा करने के महत्वपूर्ण उद्देश्य से किया है. संबंधित जिला कलक्टरों, पुलिस कमिश्नर और पुलिस अधीक्षकों की यह जिम्मेदारी है कि वे कोविड-19 संक्रमण रोकने के लिए नाइट कर्फ्यू, शादी-ब्याह में अधिकतम 100 लोगों के शामिल होने, सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क लगाने सहित अन्य दिशा-निर्देशों की जमीनी स्तर पर सख्ती से पालना सुनिश्चित कराएं.

पढ़ें- सरकार ने आमजन के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए कड़े कदम उठाए हैं : डोटासरा

वीडियो कांफ्रेंस के जरिए हुई इस बैठक में कोर ग्रुप के सदस्यों के साथ ही आठ जिलों के संभागीय आयुक्त, पुलिस कमिश्नर, पुलिस महानिरीक्षक, जिला कलेक्टर, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य, सीएमएचओ और निजी अस्पतालों में कोरोना रोगियों के बेहतर प्रबंधन के लिए नियुक्त नोडल अधिकारियों से मुख्यमंत्री ने कहा कि वे जीवन बचाने के लिए अपनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को पूरी संवेदनशीलता एवं तत्परता से निभाएं.

विवाह समारोह में 100 से अधिक लोग जुटने पर जुर्माना राशि लगेगा 25 हजार

मुख्यमंत्री गहलोत ने विवाह आयोजनों में 100 से अधिक व्यक्तियों के एकत्रित होने पर लगने वाली जुर्माना राशि को 10 हजार से बढ़ाकर 25 हजार रूपए करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी बाजारों में जाकर यह सुनिश्चित करें कि वहां हैल्थ प्रोटोकॉल की अनिवार्य रूप से पालना हो. उन्होंने निर्देश दिए कि विवाह कार्यक्रमों में निर्धारित संख्या से अधिक लोग नहीं जुटें इसके लिए अधिकारी विवाह तिथि से पहले आयोजकों से समझाइश करें. आयोजकों द्वारा विवाह समारोह की वीडियोग्राफी करने को अनिवार्य किया जाए. साथ ही अधिक लोगों के एकत्र होने की सूचना या अंदेशा होने पर पुलिस एवं प्रशासन भी वीडियोग्राफी कराएं.

सरकार का उददेश्य जीवन बचाना

मुख्यमंत्री ने कहा कि मास्क न लगाने पर भी जुर्माना राशि बढ़ाकर 500 रूपए की गई है. जुर्माना राशि बढ़ाने और वीडियोग्राफी के इन निर्णयों के पीछे सरकार का मकसद राशि वसूलना या समारोह में व्यवधान डालना नहीं बल्कि भीड़ के एकत्र होने एवं मास्क न पहनने के कारण फैलने वाले कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाना है. उन्होंने कहा कि बीते दिनों त्यौहारी सीजन, चुनाव, सर्दी के मौसम तथा विवाह आयोजनों के कारण प्रदेश में कोरोना संक्रमित रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ी है. साथ ही रिकवरी रेट के बेहतर होने तथा मृत्यु दर के नियंत्रित होने के कारण लोग मास्क लगाने तथा सोशल डिस्टेंसिंग प्रोटोकॉल की पालना में गंभीर लापरवाही बरत रहे हैं . हमें ऐसी स्थिति को रोकना होगा.

नोडल अधिकारी सेतु की भूमिका निभाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि नोडल अधिकारियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है. ये अधिकारी मरीजों, अस्पतालों तथा राज्य सरकार के बीच सेतु का काम करें. साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि मरीजों को निजी अस्पतालों में इलाज के दौरान कोई परेशानी न हो. गहलोत ने कोरोना के विरूद्ध जन आन्दोलन को और अधिक प्रभावी बनाने तथा 181 हैल्पलाइन का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करने के भी निर्देश दिए.

कोरोना की दूसरी लहर से बचना होगा : चिकित्सा मंत्री

वीडियो कांफ्रेंस के दौरान चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि शहरी इलाकों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी भीड़ को एकत्रित होने से रोकने और मास्क पहनने के नियम की कड़ाई से पालना करवाने की जरूरत है . उन्होंने कहा कि चिकित्सा विशेषज्ञों ने नवम्बर माह के अंत तक कोरोना की दूसरी लहर की आशंका पहले ही व्यक्त कर दी थी. अब हमें और अधिक समन्वित प्रयासों से संक्रमण को फैलने से रोकना होगा.

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मुख्यमंत्री निवास में हुई इस बैठक में प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा वैभव गालरिया, शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सिद्धार्थ महाजन, गृह सचिव एनएल मीणा, स्वायत्त शासन निदेशक दीपक नंदी, राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति राजाबाबू पंवार, एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य सुधीर भंडारी, वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. वीरेन्द्र सिंह सहित संभागीय आयुक्तों, पुलिस कमिश्नर, पुलिस महानिरीक्षकों, जिला कलक्टरों, पुलिस अधीक्षकों, चिकित्सा अधिकारियों ने भी विचार व्यक्त किए. इस अवसर पर सूचना व जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे.

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