जयपुर. उदयपुर में जघन्य हत्याकांड के चलते प्रदेश में की गई इंटरनेट बंदी का असर सहकारी बैंकों में रबी का ऋण जमा कराने वाले किसानों पर भी पड़ा. ऋण जमा कराने की अंतिम तिथि 30 जून थी, लेकिन प्रदेश में 29 जून से 3 जुलाई तक नेट बंदी के चलते करीब साढ़े 3 लाख किसान ऋण जमा नहीं करवा पाए. इन किसानों को ओवरड्यू पर ब्याज और पेनल्टी के करीब 180 करोड़ रुपए का हर्जाना भरना पड़ेगा. हालांकि राहत भरी खबर यह है कि सहकारिता विभाग ने ऋण चुकाने की अवधि 31 अगस्त तक करने के लिए वित्त विभाग को प्रस्ताव भेजा है.
सहकारिता विभाग और अपेक्स बैंक ने किसानों को हुई इस परेशानी की जानकारी सरकार को दे दी है. जिसके बाद विभाग में वित्त विभाग को प्रस्ताव बनाकर भेजा है ताकि ऋण चुकाने की अवधि 30 जून के बजाय 31 अगस्त तक बढ़ सके. वित्त विभाग मुख्यमंत्री के अधीन है. ऐसे में अब निर्णय मुख्यमंत्री को ही लेना है. यदि प्रस्ताव को मंजूरी मिली तो फिर साढ़े 3 लाख किसानों को समय पर ऋण नहीं चुकाने के चलते 7 फीसदी ब्याज और 2 फीसदी पेनल्टी की जमा करवाने वाली राशि से छुटकारा मिल (Farmers could not deposit loans) जाएगा.
पेनल्टी के साथ ऋण नहीं चुकाया तो खरीफ के लिए नहीं मिलेगा नया ऋण: उदयपुर हत्याकांड की घटना के बाद सरकार ने इंटरनेट पर पाबंदी तो लगा दी लेकिन इससे किसानों को दोहरा नुकसान हो गया. पहला तो किसान समय पर अपना लोन नहीं चुका पाए क्योंकि अधिकतर सिस्टम ऑनलाइन और इंटरनेट पर ही आधारित था. वहीं दूसरा नुकसान यदि किसान पेनल्टी के साथ अपना ऋण चुकता नहीं करेंगे, तो बैंक उन्हें आगामी खरीफ के लिए भी अल्पकालीन ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध नहीं कराएगा.
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23 लाख किसानों को दिया था 9200 करोड़ का ऋण: प्रदेश सरकार ने रबी की फसल के लिए प्रदेश के करीब 23 लाख किसानों को 9200 करोड़ रुपए का अल्पकालीन फसली ऋण वितरित किया था जिन सहकारी समितियों में यह ऋण जमा होता है, वे मोबाइल नेट बैंकिंग पर चलते हैं. प्रदेश सरकार ने मौजूदा कार्यकाल में सभी 7300 प्राथमिक सहकारी समितियों में ऋण वितरण ऑनलाइन किया था. जिसके बाद ऋण अदायगी और ऋण वितरण दोनों का काम भी ऑनलाइन हो गया. लेकिन इंटरनेट बंदी के चलते गांव में रहने वाले छोटे किसान अपना लोन समय पर जमा नहीं करवा पाए, जिसके चलते यह स्थिति बनी.
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यह कहना है सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना का: इस मामले में सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना का कहना है की अपेक्स बैंक और किसानों की इस परेशानी को देखते हुए अल्पकालीन ऋण चुकाने की अवधि 31 अगस्त तक करने का प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा है. मंत्री के अनुसार जल्द ही उस पर अनुमति मिलने की संभावना है. आंजना के अनुसार प्रदेश सरकार हमेशा किसानों का हित सोच कर ही कोई निर्णय लेती है और किसानों के हित में ही यह प्रस्ताव वित्त विभाग के पास भेजा गया है.