जयपुर. हेरिटेज नगर निगम के बीते 1 साल में एक ही बोर्ड बैठक होने पर सवाल खड़े करते हुए (BJP Councillors Reminded Municipal Act) विपक्ष ने जल्द बोर्ड बैठक बुलाने को लेकर मेयर और कमिश्नर को नगरपालिका अधिनियम की धारा 51 की याद दिलाई है, ताकि शहर की सफाई, लाइट, सीवर और दूसरे विकास कार्यों के मुद्दों पर चर्चा कर उन्हें निस्तारित किया जा सके.
पूर्व उपमहापौर और बीजेपी के पार्षद मनीष पारीक ने महापौर के नाम कमिश्नर को बोर्ड बैठक को लेकर नोटिस दिया है. उन्होंने बताया कि नगर पालिका अधिनियम की धारा 51 में बोर्ड बैठक बुलाने का अधिकार है. इसमें वर्णित किया गया है कि 60 दिन में एक बैठक होगी, जो अनिवार्य है. इसके हिसाब से पूरे साल में 6 मीटिंग होने का प्रावधान है, लेकिन यहां लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी की सरकार है, कांग्रेस पार्टी की मेयर है, वो अपनी मनमर्जी (BJP Alleged Mayor Munesh Gurjar) कर रहे हैं. बीते 1 साल में एक बोर्ड बैठक हुई है, उसमें भी चर्चा किए बिना एजेंडे पास कर लिए गए थे. महापौर ने अलोकतांत्रिक बात करते हुए कहा था कि जो भी प्रस्ताव के खिलाफ बोलेगा, वो बाहर जाएगा. कांग्रेस ने मोम की गुड़िया को महापौर बना दिया है. उन्हें पीछे से मंत्री चलाते हैं, जो चाहते नहीं कि पार्षदों के जरिए कोई विकास कार्य हो.
उधर, महापौर मुनेश गुर्जर ने कहा कि बोर्ड बैठक में जितने भी निर्णय लिए गए थे, उनमें से 80 फीसदी (Heritage Municipal Corporation Mayor on Board Decision) पूरे कर दिए गए हैं. बाकी पर काम चल रहा है, जल्द ही बोर्ड बैठक बुलाई जाएगी. उस पर चर्चा चल रही है, फिलहाल, तारीख तय नहीं की गई है.
चूंकि निगम का बजट पास होना है. ऐसे में निगम कमिश्नर ने भी जल्द बोर्ड बैठक कराए जाने की बात कही है. लेकिन फिलहाल हेरिटेज नगर निगम में समितियों के गठन को लेकर निर्दलीय पार्षद लामबंद हैं और कांग्रेसी पार्षद भी मेयर की कार्यप्रणाली से संतुष्ट नहीं है. ऐसे में बोर्ड बैठक से पहले पार्षद दल की बैठक होगी, जिसमें कोई बड़ा फैसला भी लिया जा सकता है.