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EXCLUSIVE: गहलोत के मंत्री क्या लड़े BJP को मौका मिल गया, राजेंद्र राठौड़ बोले- सरकार अपने बोझ से गिरेगी

राजस्थान बोर्ड की परीक्षओं पर फैसला लेने के लिए बुलाई गई मंत्री परिषद की बैठक (Rajasthan Cabinet Meeting) सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है. इसको लेकर ईटीवी भारत ने उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Rathore) से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार (Gehlot Government) अपने ही बोझ से कब गिर जाए पता नहीं.

controversy between ministers in Gehlot cabinet meeting,  Rajendra Rathore interview
राजेंद्र राठौड़
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Published : Jun 3, 2021, 4:19 PM IST

जयपुर. पहले कांग्रेस विधायक हेमाराम चौधरी का इस्तीफा (MLA Hemaram Choudhary resign) प्रकरण और अब गहलोत कैबिनेट बैठक (gehlot cabinet meeting) में आपस में भिड़े शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasara) और शांति धारीवाल (Shanti Dhariwal) की घटना के बाद एक बार फिर भाजपा नेताओं ने मौजूदा राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) के अस्थिर होने पर कभी भी गिरने जैसे बयान देना शुरू कर दिए हैं.

राजेंद्र राठौड़ से खास बातचीत-1

पढ़ें- डोटासरा बोले- सोनिया गांधी से करूंगा शिकायत...धारीवाल ने कहा- जो बिगाड़ना है बिगाड़ लो, जानें विवाद की पूरी कहानी

मौजूदा घटनाक्रम को प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Rathore) राजस्थान के संसदीय इतिहास का काला अध्याय मानते हैं. साथ ही यह भी कहते हैं कि यह सरकार अपने ही बोझ से कब गिर जाए कह नहीं सकते.

ईटीवी भारत (ETV BHARAT) से खास बातचीत के दौरान मौजूदा सियासी घटनाक्रम पर प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Rathore) ने कहा कि जिस तरह का अंतर्द्वंद कांग्रेस सरकार (Congress Government) के गठन के दौरान शुरू हुआ था, उसकी आग अब मंत्रिमंडल में भी फैल गई है. मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष के बयान ने भी बहुत कुछ साफ कर दिया कि न केवल गहलोत सरकार (Gehlot Government) अस्थिर है बल्कि अलग-अलग घरों में पूरी तरह बट चुकी है.

इस सरकार में जाने कब क्या हो जाए

राजेंद्र राठौड़ ने कहा जिस तरह राजस्थान पर्यटन विभाग (Rajasthan Tourism Department) का स्लोगन (Slogan) है कि 'न जाने क्या दिख जाए', उसी तरह राजस्थान कांग्रेस (Rajasthan Congress) और गहलोत सरकार को लेकर भी एक स्लोगन कहा जा सकता है कि 'इस सरकार में जाने कब क्या हो जाए'. हालांकि इस बीच जब राजेंद्र राठौड़ से पूर्व में भाजपा नेताओं की ओर से दिए गए गहलोत सरकार के 5 साल नहीं टिक पाने संबंधी बयानों को लेकर सवाल पूछा गया तो राठौड़ ने फिर कहा कि मौजूदा सरकार अपने ही बोझ से गिरेगी.

राजेंद्र राठौड़ से खास बातचीत-2

मंत्रिमंडल की बैठक में सिर फुटौवल की यह पहली घटना

मौजूदा घटनाक्रम को लेकर राजेंद्र राठौड़ ने कहा राजस्थान के संसदीय इतिहास की यह पहली घटना है जब कैबिनेट की बैठक (Rajasthan Cabinet Meeting) में मंत्रियों के बीच इस प्रकार का सिर फुटौवल बना. राठौड़ ने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री (parliamentary affairs minister) एक तरीके से सरकार पर कैबिनेट का मुखौटा होता है, इसके फैसले जग जाहिर करने का अधिकार भी उन्हीं का होता है, लेकिन उनका ही कैबिनेट की बैठक में इस तरह से अपमान मैंने कभी नहीं देखा.

पहले मुख्यमंत्री की लड़ाई और अब वर्चस्व की

राठौड़ ने कहा जिस दिन से प्रदेश की गहलोत सरकार (Gehlot Government in Rajasthan) बनी उसके पहले से ही लड़ाई शुरू हो गई थी. पहले मुख्यमंत्री बनने की लड़ाई थी, दो अलग-अलग गुट दिल्ली में डेरा डाले रखे और जब मुख्यमंत्री का फैसला हुआ तो यह दोनों गुट अलग-अलग खेमों में बैठकर होटलों में कैद भी हो गए. लेकिन अब आए दिन सरकार के मंत्री एक दूसरे से लड़ते हैं. विधायक मंत्रियों पर सवाल उठाते हैं. कुल मिलाकर यह सरकार अंतर्विरोध से पूरी तरह गिर चुकी है, लेकिन इसका खामियाजा सिर्फ प्रदेश की जनता को उठाना पड़ रहा है.

परिवहन मंत्री के आरोप सही

ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ (Deputy Leader of Opposition Rajendra Rathore) ने कैबिनेट बैठक (Cabinet Meeting) के दौरान परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास (Transport Minister Pratap Singh Khachariyawas) की ओर से जयपुर कलेक्टर (Jaipur Collector) पर काम नहीं करने के आरोपों को भी सही बताया.

पढ़ें- रफीक खान पर मुकदमा दर्ज करना गलत: प्रताप सिंह खाचरियावास

राठौड़ ने कहा यदि परिवहन मंत्री यह बात कह रहे हैं कि उनके जिले का कलेक्टर पूरे कोरोना कालखंड (Corona Pandemic) में ऑफिस से कम बाहर निकला और कोई काम नहीं किया तो निश्चित तौर पर हमारा यह आरोप भी सही साबित हो गया कि कोरोना कालखंड के दौरान सरकार ने कुछ नहीं किया. क्योंकि जब अधिकारी ही काम नहीं करते तो कोरोना का प्रबंधन (management of corona) सही तरीके से कैसे होगा.

राजेंद्र राठौड़ ने यह भी कहा कि न केवल जयपुर (Jaipur) बल्कि प्रदेश के तमाम जिलों में यही हालात थे. उन्होंने गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasara) की प्रभारी मंत्री शांति धारीवाल (Shanti Dhariwal) पर लगाया गया आरोप पर भी चुटकी ली. उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष यह कह रहे हैं कि प्रभारी मंत्री ने जयपुर में कोई बैठक नहीं ली तो मतलब साफ है कि प्रभारी मंत्री भी कोरोना काल में सजगता के साथ काम नहीं कर रहे थे.

कांग्रेस का ज्ञापन केवल नौटंकी

कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) मामले में कांग्रेस की ओर से शुक्रवार को राज्यपाल को दिए जाने वाले ज्ञापन के मामले मे राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि इस मामले में तो कांग्रेस को बोलने का कोई नैतिक अधिकार ही नहीं है क्योंकि पहले भारतीय वैक्सीन (Indian Vaccine) का कांग्रेस (Congress) और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने विरोध किया और बाद में इसे लगाने के लिए कतारों में भी लगे.

पढ़ें- मंत्रिपरिषद की बैठक में भिड़े गहलोत के मंत्री, देख लेने तक की दे डाली धमकी...कलेक्टर पर भड़के खाचरियावास

अब जब केंद्र सरकार (Central Government) ने कोरोना काल में आमजन के बचाव के लिए पूरी तरह व्यवस्था की है तब वैक्सीन मामले को लेकर ही कांग्रेस के लोग सियासत कर रहे हैं. जबकि एक बड़ी आबादी को केंद्र सरकार में कोरोना वैक्सीनेशन (Corona Vaccination) का काम करवा दिया है. राजेंद्र राठौड़ ने कहा चिकित्सा राज्यों का विषय है और प्रदेश सरकार की ही इस मामले में पूरी जिम्मेदारी है, लेकिन कांग्रेस के नेता केवल केंद्र सरकार का ही विरोध कर रहे हैं और पूरी जिम्मेदारी भी डाल रहे हैं.

कब क्या हो जाए इस सरकार में पता नहीं

ईटीवी भारत (ETV BHARAT) से खास बातचीत के दौरान राजेंद्र राठौड़ ने यह भी कहा कि उनका भी एक लंबा संसदीय जीवन हो गया है, लेकिन इस तरह अंतर्विरोध में बची हुई सरकार नहीं देखी. आज कैबिनेट मंत्री ही एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. सत्तारूढ़ दल के विधायक अलग-अलग खेमों में नजर आ रहे हैं.

उन्होंने कहा कि मौजूदा घटनाक्रम में तो 1 साल पहले होटलों में कैद हुए कांग्रेस के नेताओं की याद भी ताजा कर दी है. राठौड़ के अनुसार हेमाराम चौधरी के इस्तीफे (MLA Hemaram Choudhary resign) प्रकरण के बाद इस घटना को देखकर तो यही कहा जा सकता है कि राजनीतिक रूप से इस सरकार में कब क्या हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता है.

जयपुर. पहले कांग्रेस विधायक हेमाराम चौधरी का इस्तीफा (MLA Hemaram Choudhary resign) प्रकरण और अब गहलोत कैबिनेट बैठक (gehlot cabinet meeting) में आपस में भिड़े शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasara) और शांति धारीवाल (Shanti Dhariwal) की घटना के बाद एक बार फिर भाजपा नेताओं ने मौजूदा राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) के अस्थिर होने पर कभी भी गिरने जैसे बयान देना शुरू कर दिए हैं.

राजेंद्र राठौड़ से खास बातचीत-1

पढ़ें- डोटासरा बोले- सोनिया गांधी से करूंगा शिकायत...धारीवाल ने कहा- जो बिगाड़ना है बिगाड़ लो, जानें विवाद की पूरी कहानी

मौजूदा घटनाक्रम को प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Rathore) राजस्थान के संसदीय इतिहास का काला अध्याय मानते हैं. साथ ही यह भी कहते हैं कि यह सरकार अपने ही बोझ से कब गिर जाए कह नहीं सकते.

ईटीवी भारत (ETV BHARAT) से खास बातचीत के दौरान मौजूदा सियासी घटनाक्रम पर प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Rathore) ने कहा कि जिस तरह का अंतर्द्वंद कांग्रेस सरकार (Congress Government) के गठन के दौरान शुरू हुआ था, उसकी आग अब मंत्रिमंडल में भी फैल गई है. मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष के बयान ने भी बहुत कुछ साफ कर दिया कि न केवल गहलोत सरकार (Gehlot Government) अस्थिर है बल्कि अलग-अलग घरों में पूरी तरह बट चुकी है.

इस सरकार में जाने कब क्या हो जाए

राजेंद्र राठौड़ ने कहा जिस तरह राजस्थान पर्यटन विभाग (Rajasthan Tourism Department) का स्लोगन (Slogan) है कि 'न जाने क्या दिख जाए', उसी तरह राजस्थान कांग्रेस (Rajasthan Congress) और गहलोत सरकार को लेकर भी एक स्लोगन कहा जा सकता है कि 'इस सरकार में जाने कब क्या हो जाए'. हालांकि इस बीच जब राजेंद्र राठौड़ से पूर्व में भाजपा नेताओं की ओर से दिए गए गहलोत सरकार के 5 साल नहीं टिक पाने संबंधी बयानों को लेकर सवाल पूछा गया तो राठौड़ ने फिर कहा कि मौजूदा सरकार अपने ही बोझ से गिरेगी.

राजेंद्र राठौड़ से खास बातचीत-2

मंत्रिमंडल की बैठक में सिर फुटौवल की यह पहली घटना

मौजूदा घटनाक्रम को लेकर राजेंद्र राठौड़ ने कहा राजस्थान के संसदीय इतिहास की यह पहली घटना है जब कैबिनेट की बैठक (Rajasthan Cabinet Meeting) में मंत्रियों के बीच इस प्रकार का सिर फुटौवल बना. राठौड़ ने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री (parliamentary affairs minister) एक तरीके से सरकार पर कैबिनेट का मुखौटा होता है, इसके फैसले जग जाहिर करने का अधिकार भी उन्हीं का होता है, लेकिन उनका ही कैबिनेट की बैठक में इस तरह से अपमान मैंने कभी नहीं देखा.

पहले मुख्यमंत्री की लड़ाई और अब वर्चस्व की

राठौड़ ने कहा जिस दिन से प्रदेश की गहलोत सरकार (Gehlot Government in Rajasthan) बनी उसके पहले से ही लड़ाई शुरू हो गई थी. पहले मुख्यमंत्री बनने की लड़ाई थी, दो अलग-अलग गुट दिल्ली में डेरा डाले रखे और जब मुख्यमंत्री का फैसला हुआ तो यह दोनों गुट अलग-अलग खेमों में बैठकर होटलों में कैद भी हो गए. लेकिन अब आए दिन सरकार के मंत्री एक दूसरे से लड़ते हैं. विधायक मंत्रियों पर सवाल उठाते हैं. कुल मिलाकर यह सरकार अंतर्विरोध से पूरी तरह गिर चुकी है, लेकिन इसका खामियाजा सिर्फ प्रदेश की जनता को उठाना पड़ रहा है.

परिवहन मंत्री के आरोप सही

ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ (Deputy Leader of Opposition Rajendra Rathore) ने कैबिनेट बैठक (Cabinet Meeting) के दौरान परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास (Transport Minister Pratap Singh Khachariyawas) की ओर से जयपुर कलेक्टर (Jaipur Collector) पर काम नहीं करने के आरोपों को भी सही बताया.

पढ़ें- रफीक खान पर मुकदमा दर्ज करना गलत: प्रताप सिंह खाचरियावास

राठौड़ ने कहा यदि परिवहन मंत्री यह बात कह रहे हैं कि उनके जिले का कलेक्टर पूरे कोरोना कालखंड (Corona Pandemic) में ऑफिस से कम बाहर निकला और कोई काम नहीं किया तो निश्चित तौर पर हमारा यह आरोप भी सही साबित हो गया कि कोरोना कालखंड के दौरान सरकार ने कुछ नहीं किया. क्योंकि जब अधिकारी ही काम नहीं करते तो कोरोना का प्रबंधन (management of corona) सही तरीके से कैसे होगा.

राजेंद्र राठौड़ ने यह भी कहा कि न केवल जयपुर (Jaipur) बल्कि प्रदेश के तमाम जिलों में यही हालात थे. उन्होंने गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasara) की प्रभारी मंत्री शांति धारीवाल (Shanti Dhariwal) पर लगाया गया आरोप पर भी चुटकी ली. उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष यह कह रहे हैं कि प्रभारी मंत्री ने जयपुर में कोई बैठक नहीं ली तो मतलब साफ है कि प्रभारी मंत्री भी कोरोना काल में सजगता के साथ काम नहीं कर रहे थे.

कांग्रेस का ज्ञापन केवल नौटंकी

कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) मामले में कांग्रेस की ओर से शुक्रवार को राज्यपाल को दिए जाने वाले ज्ञापन के मामले मे राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि इस मामले में तो कांग्रेस को बोलने का कोई नैतिक अधिकार ही नहीं है क्योंकि पहले भारतीय वैक्सीन (Indian Vaccine) का कांग्रेस (Congress) और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने विरोध किया और बाद में इसे लगाने के लिए कतारों में भी लगे.

पढ़ें- मंत्रिपरिषद की बैठक में भिड़े गहलोत के मंत्री, देख लेने तक की दे डाली धमकी...कलेक्टर पर भड़के खाचरियावास

अब जब केंद्र सरकार (Central Government) ने कोरोना काल में आमजन के बचाव के लिए पूरी तरह व्यवस्था की है तब वैक्सीन मामले को लेकर ही कांग्रेस के लोग सियासत कर रहे हैं. जबकि एक बड़ी आबादी को केंद्र सरकार में कोरोना वैक्सीनेशन (Corona Vaccination) का काम करवा दिया है. राजेंद्र राठौड़ ने कहा चिकित्सा राज्यों का विषय है और प्रदेश सरकार की ही इस मामले में पूरी जिम्मेदारी है, लेकिन कांग्रेस के नेता केवल केंद्र सरकार का ही विरोध कर रहे हैं और पूरी जिम्मेदारी भी डाल रहे हैं.

कब क्या हो जाए इस सरकार में पता नहीं

ईटीवी भारत (ETV BHARAT) से खास बातचीत के दौरान राजेंद्र राठौड़ ने यह भी कहा कि उनका भी एक लंबा संसदीय जीवन हो गया है, लेकिन इस तरह अंतर्विरोध में बची हुई सरकार नहीं देखी. आज कैबिनेट मंत्री ही एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. सत्तारूढ़ दल के विधायक अलग-अलग खेमों में नजर आ रहे हैं.

उन्होंने कहा कि मौजूदा घटनाक्रम में तो 1 साल पहले होटलों में कैद हुए कांग्रेस के नेताओं की याद भी ताजा कर दी है. राठौड़ के अनुसार हेमाराम चौधरी के इस्तीफे (MLA Hemaram Choudhary resign) प्रकरण के बाद इस घटना को देखकर तो यही कहा जा सकता है कि राजनीतिक रूप से इस सरकार में कब क्या हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता है.

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