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बजट से संविदाकर्मी निराश ! गहलोत के पिटारे से नहीं हुई संविदा कर्मचारियों को नियमितीकरण की घोषणा, विरोध में काली पट्टी बांधकर किया काम - राजस्थान बजट 2022 से संविदा कर्मी निराश

सीएम अशोक गहलोत ने बजट (Rajasthan Budget 2022) के दौरान सभी वर्गों को साधने की कोशिश की है. खास तौर पर कर्मचारियों को खुश करने के लिए भी गहलोत सरकार ने कई घोषणाएं की. लेकिन गहलोत के इन घोषणाओं का संविदा कर्मचारियों पर कोई असर नहीं हुआ. नियमितीकरण की मांग को लेकर संविदाकर्मियों ने बजट से मायूस (Contract Workers Disappointed) होते हुए काली पट्टी बांधकर काम किया.

Contract Workers Disappointed
बजट से संविदाकर्मी निराश
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Published : Feb 24, 2022, 4:42 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को अपना चौथा बजट पेश कर दिया. इस बजट के जरिए मुख्यमंत्री गहलोत ने आम और खास सभी वर्ग को साधने की कोशिश की. खासतौर से सरकार से नाराज चल रहे कर्मचारियों के लिए सीएम गहलोत ने जमकर घोषणा की. लेकिन कर्मचारियों का एक तबका ऐसा है जो सरकार की इन घोषणाओं के बावजूद निराश हुआ है. बजट से मायूस (Contract Workers Disappointed With The Rajasthan Budget 2022) संविदा कर्मचारियों ने विरोध के रूप में काली पट्टी बांधकर काम किया.

NUHM प्रबंधकीय संविदा कार्मिक संघ ऑफ राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष मुकेश मीणा ने कहा कि संविदा कर्मचारियों की नाराजगी है. चुनाव के दौरान घोषणापत्र में कांग्रेस ने वादा किया था कि अगर उनकी सरकार बनती है तो प्रदेश के संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा. लेकिन बड़ा दुर्भाग्य है कि सरकार ने उस घोषणापत्र को सरकारी दस्तावेज बनाने के बावजूद भी प्रदेश के 80 हजार से ज्यादा संविदा कर्मचारियों को धोखा दिया है.

बजट से संविदाकर्मी निराश

संविदा कर्मचारियों को उम्मीद थी कि सरकार अपने चौथे बजट में संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण का को रास्ता निकालेगी. लेकिन बावजूद इसके इस चौथे बजट से भी संविदा कर्मचारियों को मायूसी हाथ लगी है . NUHM प्रबंधकीय संविदा कार्मिक संघ ऑफ राजस्थान महिला प्रभारी अनुपमा पारीक ने कहा कि सरकार से चिकित्सा विभाग के संविदा कर्मियों को बहुत उम्मीद थी. जिन चिकित्सा विभाग के संविदा कर्मचारियों ने कोरोना काल मे सरकार के साथ कंधे से कंधा मिला कर काम किया.

पढ़ें : बेरोजगारों का गहलोत सरकार के खिलाफ हुंकार, लंबित मांगों को लेकर किया विधानसभा का घेराव

कोरोना काल में अपनी जान जोखिम में डालकर कार्य किया. लेकिन चुनावी घोषणा पत्र में वादा करने के बाद भी सरकार ने इसे बजट में पूरा नहीं किया है. इसी के विरोध में सभी जिलों में शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर पब्लिक हेल्थ मैनेजर और अकाउंटेंट ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया. उन्होंने कहा कि मांगें नहीं मानने पर कार्य बहिष्कार किया जाएगा.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को अपना चौथा बजट पेश कर दिया. इस बजट के जरिए मुख्यमंत्री गहलोत ने आम और खास सभी वर्ग को साधने की कोशिश की. खासतौर से सरकार से नाराज चल रहे कर्मचारियों के लिए सीएम गहलोत ने जमकर घोषणा की. लेकिन कर्मचारियों का एक तबका ऐसा है जो सरकार की इन घोषणाओं के बावजूद निराश हुआ है. बजट से मायूस (Contract Workers Disappointed With The Rajasthan Budget 2022) संविदा कर्मचारियों ने विरोध के रूप में काली पट्टी बांधकर काम किया.

NUHM प्रबंधकीय संविदा कार्मिक संघ ऑफ राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष मुकेश मीणा ने कहा कि संविदा कर्मचारियों की नाराजगी है. चुनाव के दौरान घोषणापत्र में कांग्रेस ने वादा किया था कि अगर उनकी सरकार बनती है तो प्रदेश के संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा. लेकिन बड़ा दुर्भाग्य है कि सरकार ने उस घोषणापत्र को सरकारी दस्तावेज बनाने के बावजूद भी प्रदेश के 80 हजार से ज्यादा संविदा कर्मचारियों को धोखा दिया है.

बजट से संविदाकर्मी निराश

संविदा कर्मचारियों को उम्मीद थी कि सरकार अपने चौथे बजट में संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण का को रास्ता निकालेगी. लेकिन बावजूद इसके इस चौथे बजट से भी संविदा कर्मचारियों को मायूसी हाथ लगी है . NUHM प्रबंधकीय संविदा कार्मिक संघ ऑफ राजस्थान महिला प्रभारी अनुपमा पारीक ने कहा कि सरकार से चिकित्सा विभाग के संविदा कर्मियों को बहुत उम्मीद थी. जिन चिकित्सा विभाग के संविदा कर्मचारियों ने कोरोना काल मे सरकार के साथ कंधे से कंधा मिला कर काम किया.

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कोरोना काल में अपनी जान जोखिम में डालकर कार्य किया. लेकिन चुनावी घोषणा पत्र में वादा करने के बाद भी सरकार ने इसे बजट में पूरा नहीं किया है. इसी के विरोध में सभी जिलों में शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर पब्लिक हेल्थ मैनेजर और अकाउंटेंट ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया. उन्होंने कहा कि मांगें नहीं मानने पर कार्य बहिष्कार किया जाएगा.

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