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आदेश के बावजूद नियुक्ति नहीं देने पर डीजीपी सहित अन्य को अवमानना नोटिस - Rajasthan News

राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश के बावजूद अभ्यर्थी को कॉन्सटेबल पद पर नियुक्ति नहीं देने पर डीजीपी मोहनलाल लाठर सहित अन्य को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

Constable Recruitment-2018,  Rajasthan High Court Order
राजस्थान हाईकोर्ट
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Published : Dec 12, 2020, 6:24 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश के बावजूद अभ्यर्थी को कॉन्सटेबल पद पर नियुक्ति नहीं देने पर डीजीपी मोहनलाल लाठर सहित अन्य को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. न्यायाधीश अशोक कुमार गौड़ ने यह आदेश पूरणमल जोया की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिकाकर्ता के वकील

याचिका में अधिवक्ता मनीष कुमार शर्मा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने कॉन्सटेबल भर्ती-2018 में भाग लिया था, जिसमें सफल होने के बावजूद विभाग ने उसे कलर ब्लाइंड होने का हवाला देते हुए नियुक्ति से वंचित कर दिया. इस पर हाईकोर्ट ने मामले में चिकित्सीय रिपोर्ट तलब की, जिसमें सामने आया कि याचिकाकर्ता पूरी तरह स्वस्थ है. इस पर हाइकोर्ट ने गत वर्ष 2 दिसंबर को याचिकाकर्ता को कॉन्सटेबल पद पर नियुक्ति देने के आदेश दिए.

अदालत ने अपने आदेश में यह भी स्पष्ट किया था कि नियुक्ति संबंधी आदेश 10 दिन में जारी किए जाए. इसके बावजूद एक साल बीतने के बाद भी अदालती आदेश की पालना नहीं की गई, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने डीजीपी सहित अन्य को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

आरएएस भर्ती प्रक्रिया से अपात्र होंगे बाहर

राजस्थान हाईकोर्ट ने आरएएस भर्ती-2018 की मुख्य परीक्षा में मंत्रालयिक कर्मचारी और भूतपूर्व सैनिक कोटे में अपात्र अभ्यर्थियों को उत्तीर्ण करने के चलते साक्षात्कार लेने पर लगी रोक को जारी रखा है. इसके साथ ही अदालत ने आरपीएससी को 14 दिसंबर तक अपात्रों को बाहर करने के संबंध में शपथ पत्र पेश करने को कहा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश के बावजूद अभ्यर्थी को कॉन्सटेबल पद पर नियुक्ति नहीं देने पर डीजीपी मोहनलाल लाठर सहित अन्य को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. न्यायाधीश अशोक कुमार गौड़ ने यह आदेश पूरणमल जोया की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिकाकर्ता के वकील

याचिका में अधिवक्ता मनीष कुमार शर्मा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने कॉन्सटेबल भर्ती-2018 में भाग लिया था, जिसमें सफल होने के बावजूद विभाग ने उसे कलर ब्लाइंड होने का हवाला देते हुए नियुक्ति से वंचित कर दिया. इस पर हाईकोर्ट ने मामले में चिकित्सीय रिपोर्ट तलब की, जिसमें सामने आया कि याचिकाकर्ता पूरी तरह स्वस्थ है. इस पर हाइकोर्ट ने गत वर्ष 2 दिसंबर को याचिकाकर्ता को कॉन्सटेबल पद पर नियुक्ति देने के आदेश दिए.

अदालत ने अपने आदेश में यह भी स्पष्ट किया था कि नियुक्ति संबंधी आदेश 10 दिन में जारी किए जाए. इसके बावजूद एक साल बीतने के बाद भी अदालती आदेश की पालना नहीं की गई, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने डीजीपी सहित अन्य को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

आरएएस भर्ती प्रक्रिया से अपात्र होंगे बाहर

राजस्थान हाईकोर्ट ने आरएएस भर्ती-2018 की मुख्य परीक्षा में मंत्रालयिक कर्मचारी और भूतपूर्व सैनिक कोटे में अपात्र अभ्यर्थियों को उत्तीर्ण करने के चलते साक्षात्कार लेने पर लगी रोक को जारी रखा है. इसके साथ ही अदालत ने आरपीएससी को 14 दिसंबर तक अपात्रों को बाहर करने के संबंध में शपथ पत्र पेश करने को कहा है.

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