जयपुर. प्रदेश में सत्ता और संगठन के बीच चल रही तल्खी को कम करने और एक दूसरे को साथ लेकर चलने की कवायद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुरू कर दी है. राज्य में सत्ता और संगठन एक-दूसरे के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर सकें, इसके लिए सोनिया गांधी ने जल्द ही कॉर्डिनेशन कमेटी बनाने को कहा है.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्देश के बाद प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने कमेटी के गठन की तैयारियां शुरू कर दी है. पार्टी के विश्वस्त सूत्रों की मानें तो कॉर्डिनेशन कमेटी का गठन इस माह के आखिर तक हो जाएगा. इस कमेटी में कुल 21 सदस्य होंगे. बताया जा रहा है कि कमेटी विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी की ओर से जारी किए गए घोषणा पत्र के वादों को किस प्रकार अमलीजामा पहनाए और कौनसी घोषणा कब लागू करनी है, इस पर सरकार के साथ मंथन करे.
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हर महीने होगी कमेटी की बैठक, जनहित के मुद्दों पर होगी चर्चा
कॉर्डिनेशन कमेटी की बैठक हर माह में एक बार होने की बात भी कही जा रही है. कॉर्डिनेशन कमेटी सरकार को जनहित के मुद्दों और संगठनात्मक मुद्दों को लेकर सरकार को सुझाव देगी. सरकार को भी कॉर्डिनेशन कमेटी के सुझावों को गंभीरता से लेना होगा.
ये होंगे कमेटी के सदस्य
कांग्रेस नेताओं की मानें तो पार्टी के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे इस कॉर्डिनेशन कमेटी के चेयरमैन होंगे. इसके अलावा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट, प्रदेश के सह प्रभारी विवेक बंसल, मंत्रिमंडल के करीब आधा दर्जन मंत्री, पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी और पूर्व प्रदेशाध्यक्षों को इस कमेटी में शामिल करने की बात कही जा रही है.
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इसलिए पड़ी कॉर्डिनेशन कमेटी की जरुरत
दरअसल, पिछले कुछ माह से सत्ता और संगठन के बीच तल्खी साफ देखी जा रही थी. कार्यकर्ताओं और कांग्रेस नेताओं ने भी कई बार दिल्ली जाकर वरिष्ठ नेताओं से सरकार में सुनवाई नहीं होने और संगठन को तवज्जो नहीं मिलने की शिकायतें की थी. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट भी कई मौकों पर कार्यकर्ताओं की अनदेखी होने की बात कर चुके हैं. ऐसे में सत्ता और संगठन के बीच बढ़ते टकराव को देखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कॉर्डिनेशन कमेटी गठित करने का फॉर्मूला निकाला है. बताया जाता है कि सोनिया गांधी ने हाल ही में दिल्ली दौरे के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पीसीसी चीफ सचिन पायलट से इस बारे में बात भी की थी.