जयपुर: कांग्रेस पार्टी (Congress) को हमेशा से गांव की पार्टी कहा जाता है. राजस्थान में भी गांव में शहरों की अपेक्षा ज्यादा कांग्रेस के समर्थक माने जाते हैं, लेकिन इस बार सत्ता में होने के बावजूद कांग्रेस पार्टी को पंचायत चुनाव (Panchayati Raj Chunav 2021) में उम्मीद के मुताबिक जीत नहीं मिली है. यही कारण है कि कांग्रेस पार्टी अब गांव पर अपनी पकड़ मजबूत कर अपना पारंपरिक वोट बैंक (Vote bank) बचाने और बढ़ाने में जुट गई है. इसके लिए एक सम्मेलन की रूपरेखा तैयार कर ली गई है.
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ऐसी बढ़ेगी मुहिम
गांव में नई पीढ़ी को कांग्रेस की रीति-नीति और इतिहास (History Of Congress) के बारे में भी जानकारी देना चाहती है. इसके लिए कांग्रेस पार्टी अब अपने पंचायती राज के जनप्रतिनिधियों का सहारा लेगी और उनके जरिए गांव ढाणी तक पहुंचेगी. इन जनप्रतिनिधियों को खेवनहार मान उस नई पीढ़ी को कांग्रेस टारगेट करना चाहती है जो पार्टी से छिटका है. जो Grand Old Party के वैभवशाली इतिहास से अनजान है.
सम्मेलन से सफलता की आस
इस मुहिम के तहत जयपुर में ही कांग्रेस पार्टी के प्रधान ,उप प्रधान ,जिला प्रमुख ,उप जिला प्रमुख होगा. विभिन्न सम्मेलन किए जाएंगे. प्रदेश कांग्रेस कार्यालय (State Head Office) में सितंबर महीने में ही एक conference होगी. इस सम्मेलन के जरिए पार्टी अपने चुने हुए जनप्रतिनिधियों को एक टास्क देगी. गांव-ढाणी तक पहुंच कर पार्टी के इतिहास को बताने और फैलाने का.
यह सम्मेलन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Goving Singh Dotasara) की अध्यक्षता में जयपुर कांग्रेस मुख्यालय पर होगा. जिसमें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश प्रभारी अजय माकन और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के जुड़ने की संभावना है.
क्यों पड़ रही जरूरत प्रशिक्षण की
दरअसल कांग्रेस पार्टी का ग्रामीण वोट बैंक उससे कुछ छिटका है. इसके पीछे भारतीय जनता पार्टी की आक्रामक प्रचार शैली, आरएसएस (RSS) का विस्तार और सोशल मीडिया (Social Media) में भाजपा के स्ट्रैटजिक कार्यक्रम (Strategic Program) है. जबकि कांग्रेस इसमें कुछ कुछ पिछड़ती नजर आ रही है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी अपने जनप्रतिनिधियों के सहारे अपने पुराने वोट बैंक को फिर से पुख्ता करना चाहती है. अपने जिला प्रमुख और प्रधान के जरिए मैदान में उतरना चाहती है. जयपुर में होने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम (Training Program) के बाद यही जिला प्रमुख, उप जिला प्रमुख, प्रधान, उप प्रधान- गांव में मौजूद कांग्रेस मानसिकता के सरपंच, जिला परिषद सदस्यों, पंचायत समिति सदस्यों के माध्यम से कांग्रेस पार्टी की जड़ों को फिर से मजबूत करने का काम करेंगे.