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नए कृषि कानून लाकर लोकतंत्र का गला घोंटा गया : डोटासरा

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Published : Sep 21, 2020, 2:29 PM IST

जयपुर में कांग्रेस ने सोमवार को कृषि कानूनों के खिलाफ जिला कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा. इस दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि ये जो तीनों कानून केंद्र सरकार लेकर आई है, किसान विरोधी कानून है. इन कानूनों के जरिए किसान को किसान नहीं रहने दिया जाएगा, उसे मजदूर बना दिया जाएगा. साथ ही कहा कि 8 सांसदों को निकालकर लोकतंत्र का गला घोंटा गया है.

Congress State President, Govind Singh Dotasara,
कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने सौंपा ज्ञापन

जयपुर. राजस्थान कांग्रेस की ओर से सोमवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के नेतृत्व में कृषि कानूनों के खिलाफ जिला कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया. इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के साथ मंत्री हरीश चौधरी, मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास, मंत्री राजेंद्र यादव, विधायक कृष्णा पूनिया कलेक्ट्रेट पहुंचे और उन्होंने जयपुर कलेक्टर के माध्यम से अपना ज्ञापन राज्यपाल के जरिए राष्ट्रपति को भेजवाया.

कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने सौंपा ज्ञापन

इस दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि जिला कलेक्टर के माध्यम से राज्यपाल को राष्ट्रपति को कांग्रेस पार्टी की मंशा बताने के लिए ज्ञापन दिया है. उन्होंने कहा कि ये जो तीनों कानून केंद्र सरकार लेकर आई है, किसान विरोधी कानून है. इन कानूनों के जरिए किसान को किसान नहीं रहने दिया जाएगा. उसे मजदूर बना दिया जाएगा. बड़ी-बड़ी कंपनियां आकर किसान की जमीन और उसकी उपज पर कब्जा कर लेंगी, जिससे जमाखोरी को बढ़ावा मिलेगा. अब इस कानून के जरिए किसान की आवाज को दबाने का काम किया जा रहा है.

पढ़ें: 6 नवसृजित नगर निगमों के चुनाव कराने की अवधि बढ़ाने की हाइकोर्ट से मांग

गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि 8 सांसदों को निकालकर लोकतंत्र का गला घोंटा गया है. किसान पूरे देश में आक्रोशित हैं. बड़े-बड़े उद्योगपतियों को किसान की उपज और उसकी खेती पर नियंत्रण करने का भाजपा षड्यंत्र कर रही है. कांग्रेस पहले भी भूमि अधिकरण कानून के खिलाफ खड़ी हुई थी. उस काले कानून को वापस करवाने का काम राहुल गांधी और कांग्रेस ने किया था. अब भी कांग्रेस किसानों के साथ खड़ी है. जिस तरह से समर्थन मूल्य के आधार पर किसान की फसल खरीदने का काम यूपीए सरकार में हुआ करता था, उसे पूरी तरीके से समाप्त किया जा रहा है.

इसके साथ ही डोटासरा ने भाजपा को पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का 4 दिसंबर 2012 को लोकसभा मे दिया बयान याद दिलाया और कहा कि उस समय उन्होंने कहा था कि ये बड़े-बड़े कॉरपोरेट घराने आएंगे, उन्हें किसानों के कपड़ों और शरीर में उन्हें बदबू आएगी, वो कभी किसानों को पसंद नहीं करेंगे. क्या अब ये सोच भाजपा की किसानों के प्रति बदल चुकी है.

पढ़ें: अब घर बैठे मिल सकेगी कोरोना के इलाज से जुड़ी हर जानकारी, हेल्पलाइन नंबर 181 जारी

गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि राष्ट्रपति से हम निवेदन करना चाहते हैं कि किसानों की आवाज को नहीं दबाया जाए. इन तीनों काले कानूनों को वापस लिया जाए. उन्होंने कहा कि जब सहयोगी दल उनके साथ नहीं है, उनसे चर्चा नहीं की गई है, अधिकारियों से चर्चा नहीं की गई है और विपक्षी दलों से चर्चा नहीं की गई है तो फिर ऐसी क्या आफत आ गई है कि इस किसान विरोधी कानून को लाना पड़ा है.उन्होंने कहा कि जिस तरीके से 8 सांसदों को बाहर निकाला गया है, देश में आवाज दबाने का काला इतिहास इस एनडीए सरकार ने लिखा है. उन्होंने कहा कि जब कोरोना को लेकर सभी पार्टियों के साथ बैठक हो सकती है तो फिर इस कानून को लेकर पहले सभी दलों से बातचीत क्यों नहीं की गई और उन्हें साथ क्यों नहीं लिया गया.

जयपुर. राजस्थान कांग्रेस की ओर से सोमवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के नेतृत्व में कृषि कानूनों के खिलाफ जिला कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया. इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के साथ मंत्री हरीश चौधरी, मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास, मंत्री राजेंद्र यादव, विधायक कृष्णा पूनिया कलेक्ट्रेट पहुंचे और उन्होंने जयपुर कलेक्टर के माध्यम से अपना ज्ञापन राज्यपाल के जरिए राष्ट्रपति को भेजवाया.

कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने सौंपा ज्ञापन

इस दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि जिला कलेक्टर के माध्यम से राज्यपाल को राष्ट्रपति को कांग्रेस पार्टी की मंशा बताने के लिए ज्ञापन दिया है. उन्होंने कहा कि ये जो तीनों कानून केंद्र सरकार लेकर आई है, किसान विरोधी कानून है. इन कानूनों के जरिए किसान को किसान नहीं रहने दिया जाएगा. उसे मजदूर बना दिया जाएगा. बड़ी-बड़ी कंपनियां आकर किसान की जमीन और उसकी उपज पर कब्जा कर लेंगी, जिससे जमाखोरी को बढ़ावा मिलेगा. अब इस कानून के जरिए किसान की आवाज को दबाने का काम किया जा रहा है.

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गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि 8 सांसदों को निकालकर लोकतंत्र का गला घोंटा गया है. किसान पूरे देश में आक्रोशित हैं. बड़े-बड़े उद्योगपतियों को किसान की उपज और उसकी खेती पर नियंत्रण करने का भाजपा षड्यंत्र कर रही है. कांग्रेस पहले भी भूमि अधिकरण कानून के खिलाफ खड़ी हुई थी. उस काले कानून को वापस करवाने का काम राहुल गांधी और कांग्रेस ने किया था. अब भी कांग्रेस किसानों के साथ खड़ी है. जिस तरह से समर्थन मूल्य के आधार पर किसान की फसल खरीदने का काम यूपीए सरकार में हुआ करता था, उसे पूरी तरीके से समाप्त किया जा रहा है.

इसके साथ ही डोटासरा ने भाजपा को पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का 4 दिसंबर 2012 को लोकसभा मे दिया बयान याद दिलाया और कहा कि उस समय उन्होंने कहा था कि ये बड़े-बड़े कॉरपोरेट घराने आएंगे, उन्हें किसानों के कपड़ों और शरीर में उन्हें बदबू आएगी, वो कभी किसानों को पसंद नहीं करेंगे. क्या अब ये सोच भाजपा की किसानों के प्रति बदल चुकी है.

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गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि राष्ट्रपति से हम निवेदन करना चाहते हैं कि किसानों की आवाज को नहीं दबाया जाए. इन तीनों काले कानूनों को वापस लिया जाए. उन्होंने कहा कि जब सहयोगी दल उनके साथ नहीं है, उनसे चर्चा नहीं की गई है, अधिकारियों से चर्चा नहीं की गई है और विपक्षी दलों से चर्चा नहीं की गई है तो फिर ऐसी क्या आफत आ गई है कि इस किसान विरोधी कानून को लाना पड़ा है.उन्होंने कहा कि जिस तरीके से 8 सांसदों को बाहर निकाला गया है, देश में आवाज दबाने का काला इतिहास इस एनडीए सरकार ने लिखा है. उन्होंने कहा कि जब कोरोना को लेकर सभी पार्टियों के साथ बैठक हो सकती है तो फिर इस कानून को लेकर पहले सभी दलों से बातचीत क्यों नहीं की गई और उन्हें साथ क्यों नहीं लिया गया.

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