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उपचुनाव से पहले कांग्रेस में दिखी एकजुटता लेकिन भाजपा की पिक्चर अभी है बाकी...

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Published : Feb 28, 2021, 9:25 PM IST

प्रदेश भाजपा में उपचुनाव से पहले चल रही गुटबाजी थमती नहीं दिख रही. शनिवार को मातृकुंडिया में हुए कांग्रेस के किसान सम्मेलन में शामिल होने के लिए हेलिकॉप्टर से लेकर मंच तक गहलोत और पायलट साथ-साथ नजर आए, लेकिन प्रदेश भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की अच्छी तस्वीर सामने नहीं आ पा रही. देखिए ये रिपोर्ट...

Rajasthan Congress News,  Rajasthan BJP News
भाजपा की पिक्चर अभी है बाकी

जयपुर. प्रदेश की 4 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव से ठीक पहले अलग-अलग गुटों में बंटी कांग्रेस ने अपनी एकजुटता शनिवार को हुए किसान सम्मेलन में दिखा दी. जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट साथ में मंच साझा करते हुए दिखे, लेकिन प्रदेश भाजपा में उपचुनाव से पहले चल रही गुटबाजी थमती नहीं दिख रही. यह स्थिति तब है जब राजे से लेकर पूनिया तक दिल्ली में कई बार चक्कर लगा चुके हैं.

भाजपा की पिक्चर अभी है बाकी

पढ़ें- सियासी गलियारों में चर्चा... पूनिया के आते ही कार्यक्रम से उठकर क्यों चल दिए कटारिया और राठौड़ ?

दरअसल, शनिवार को मातृकुंडिया में हुए कांग्रेस के किसान सम्मेलन में शामिल होने के लिए हेलिकॉप्टर से लेकर मंच तक गहलोत और पायलट साथ-साथ नजर आए, लेकिन प्रदेश भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की अच्छी तस्वीर सामने नहीं आ पा रही. जिस तरह पिछले दिनों विधानसभा के भीतर लेटर बम का मसला उठा और उससे पहले राजे समर्थकों द्वारा की गई बयानबाजी सामने आई उसके बाद यह तो तय है कि प्रदेश भाजपा में इन दिनों सब कुछ सही नहीं चल रहा.

वहीं, सब कुछ सही करने का जिम्मा पार्टी आलाकमान पर है. इसके लिए हाल ही में प्रदेश कोर कमेटी की बैठक में प्रदेश प्रभारी और राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह को भी भेजा गया, लेकिन इस कोर कमेटी की बैठक में जो कुछ हुआ वो भी सबके सामने है. आलम यह है विधानसभा के भीतर भी केवल बजट के दिन ही वसुंधरा राजे भाजपा विधायकों के साथ नजर आई.

पढ़ें- सादिक खान ने संभाला भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष का पदभार, शक्ति प्रदर्शन के कारण टूटी कोरोना गाइडलाइन

उपचुनाव की बैठकों में भी अब तक वसुंधरा राजे रही गायब

प्रदेश भाजपा ने चारों उप चुनाव क्षेत्र सहाड़ा, सुजानगढ़, राजसमंद और वल्लभनगर में अपनी चुनावी तैयारी शुरू कर दी है. बकायदा इसके लिए प्रभारियों और चुनाव पर्यवेक्षक तक की तैनातगी कर दी, लेकिन उसमें कहीं पर भी पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे या उनके समर्थकों का नाम शामिल नहीं हुआ. आलम ये रहा कि इन क्षेत्रों में केंद्रीय मंत्रियों से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक के दौरे हो गए, लेकिन वसुंधरा राजे अब तक इनसे दूर ही रही.

एकजुटता का पाठ पढ़ाने आ रहे हैं जेपी नड्डा!

प्रदेश भाजपा में पिछले दिनों जो भी कुछ घटनाक्रम हुए वह सबके सामने है, लेकिन पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया से लेकर प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह मीडिया में यही कहते रहे कि भाजपा एकजुट है, लेकिन धरातल पर एकजुटता दिखी नहीं. हालांकि, प्रदेश संगठन की मजबूती उसके कामकाज से दिख रही है, लेकिन उपचुनाव बिना एकजुटता के नहीं जीता जा सकता. यह बात पार्टी आलाकमान को भी अच्छी तरह से पता है.

यही कारण है कि भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा 2 मार्च को जयपुर आ रहे हैं. इस दौरान वे प्रदेश कार्यसमिति की बैठक को संबोधित करेंगे और साथ ही प्रदेश में अलग-अलग खेमों में बैठे नेताओं को एकजुटता का पाठ भी पढ़ा कर जाएंगे.

जयपुर. प्रदेश की 4 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव से ठीक पहले अलग-अलग गुटों में बंटी कांग्रेस ने अपनी एकजुटता शनिवार को हुए किसान सम्मेलन में दिखा दी. जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट साथ में मंच साझा करते हुए दिखे, लेकिन प्रदेश भाजपा में उपचुनाव से पहले चल रही गुटबाजी थमती नहीं दिख रही. यह स्थिति तब है जब राजे से लेकर पूनिया तक दिल्ली में कई बार चक्कर लगा चुके हैं.

भाजपा की पिक्चर अभी है बाकी

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दरअसल, शनिवार को मातृकुंडिया में हुए कांग्रेस के किसान सम्मेलन में शामिल होने के लिए हेलिकॉप्टर से लेकर मंच तक गहलोत और पायलट साथ-साथ नजर आए, लेकिन प्रदेश भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की अच्छी तस्वीर सामने नहीं आ पा रही. जिस तरह पिछले दिनों विधानसभा के भीतर लेटर बम का मसला उठा और उससे पहले राजे समर्थकों द्वारा की गई बयानबाजी सामने आई उसके बाद यह तो तय है कि प्रदेश भाजपा में इन दिनों सब कुछ सही नहीं चल रहा.

वहीं, सब कुछ सही करने का जिम्मा पार्टी आलाकमान पर है. इसके लिए हाल ही में प्रदेश कोर कमेटी की बैठक में प्रदेश प्रभारी और राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह को भी भेजा गया, लेकिन इस कोर कमेटी की बैठक में जो कुछ हुआ वो भी सबके सामने है. आलम यह है विधानसभा के भीतर भी केवल बजट के दिन ही वसुंधरा राजे भाजपा विधायकों के साथ नजर आई.

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उपचुनाव की बैठकों में भी अब तक वसुंधरा राजे रही गायब

प्रदेश भाजपा ने चारों उप चुनाव क्षेत्र सहाड़ा, सुजानगढ़, राजसमंद और वल्लभनगर में अपनी चुनावी तैयारी शुरू कर दी है. बकायदा इसके लिए प्रभारियों और चुनाव पर्यवेक्षक तक की तैनातगी कर दी, लेकिन उसमें कहीं पर भी पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे या उनके समर्थकों का नाम शामिल नहीं हुआ. आलम ये रहा कि इन क्षेत्रों में केंद्रीय मंत्रियों से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक के दौरे हो गए, लेकिन वसुंधरा राजे अब तक इनसे दूर ही रही.

एकजुटता का पाठ पढ़ाने आ रहे हैं जेपी नड्डा!

प्रदेश भाजपा में पिछले दिनों जो भी कुछ घटनाक्रम हुए वह सबके सामने है, लेकिन पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया से लेकर प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह मीडिया में यही कहते रहे कि भाजपा एकजुट है, लेकिन धरातल पर एकजुटता दिखी नहीं. हालांकि, प्रदेश संगठन की मजबूती उसके कामकाज से दिख रही है, लेकिन उपचुनाव बिना एकजुटता के नहीं जीता जा सकता. यह बात पार्टी आलाकमान को भी अच्छी तरह से पता है.

यही कारण है कि भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा 2 मार्च को जयपुर आ रहे हैं. इस दौरान वे प्रदेश कार्यसमिति की बैठक को संबोधित करेंगे और साथ ही प्रदेश में अलग-अलग खेमों में बैठे नेताओं को एकजुटता का पाठ भी पढ़ा कर जाएंगे.

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