जयपुर. राजस्थान में राहुल गांधी के दौरे के बाद कांग्रेस संगठन 4 सीटों के उपचुनावों की तैयारियों में जुट चुका है. इन सीटों की हार और जीत के साथ किसी एक नेता की नहीं बल्कि राजस्थान की पूरी कांग्रेस पार्टी और सरकार की प्रतिष्ठा जुड़ेगी. 4 में से 3 सीटों पर कांग्रेस काबिज थी, ऐसे में ये तीनों सीटें बचाना कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है.
पढ़ें- कांग्रेस कार्यकर्ताओं को जिला स्तरीय राजनीतिक नियुक्तियों के लिए करना होगा और इंतजार
कांग्रेस पार्टी ने चुनाव की तारीखों के एलान से पहले ही प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है. चारों सीटों पर प्रभारी मंत्री समेत हर सीटों पर तीन नेताओं को प्रभारी बनाया गया है, लेकिन कांग्रेसा पार्टी के सामने अब तक जो नाम निकल कर आ रहे हैं उन दावेदारों में ज्यादातर परिवार से जुड़े नेताओं के ही नाम हैं.
वैभव और हिमांशु का नाम समर्थक कर रहे आगे
बता दें, इनमें सबसे अहम नाम जो सामने आ रहे हैं उनमें राजसमंद से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत और सहाड़ा से स्पीकर सीपी जोशी के बेटे हिमांशु जोशी का नाम दोनों नेताओं के समर्थक आगे कर रहे हैं. हालांकि, अब तक ना तो सीएम अशोक गहलोत ने वैभव गहलोत को राजसमंद सीट से चुनाव लड़ने के लिए हरी झंडी दिखाई है और ना ही स्पीकर सीपी जोशी ने अपने पुत्र हिमांशु जोशी को.
परिजनों के नाम ही आ रहे सामने
इन दोनों नेताओं के अलावा बात की जाए तो भी इन चारों सीटों पर प्रत्याशी के नाम पर कांग्रेस पार्टी में जिन विधायकों का निधन हुआ है, उनके परिजनों के ही नाम सामने आ रहे हैं. मंत्री रहे मास्टर भंवर लाल मेघवाल की सीट सुजानगढ़ से उनके पुत्र मनोज मेघवाल सबसे प्रबल प्रत्याशी हैं, तो वहीं वल्लभनगर सीट से विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत की पत्नी प्रीति शक्तावत और पूर्व गृहमंत्री गुलाब सिंह शक्तावत और गजेंद्र सिंह शक्तावत के भाई देवेंद्र सिंह शक्तावत का नाम भी चर्चा में है.
पढ़ें- गहलोत को भाजपा से लड़ना चाहिए और वे लड़ रहे हैं पायलट से : आचार्य प्रमोद कृष्णम
इसी तरीके से सहाड़ा सीट से दिवंगत विधायक कैलाश त्रिवेदी के बेटे रणवीर त्रिवेदी या फिर उनके भाई पूर्व प्रधान राजेंद्र त्रिवेदी को दावेदार माना जा रहा है. हालांकि, इस सीट पर स्पीकर सीपी जोशी के बेटे हिमांशु जोशी का भी नाम सामने आ रहा है.
राजसमंद को माना जाता है भाजपा का गढ़
चौथी सीट राजसमंद की बात की जाए तो इसे भाजपा का गढ़ माना जाता है. इस सीट पर लगातार दिवंगत भाजपा विधायक किरण माहेश्वरी का एकछत्र राज रहा. ऐसे में तनसुख बोहरा, दिनेश बाबल, नारायण सिंह भाटी ओर रमेश राठौड़ के नामों पर चर्चा कांग्रेस पार्टी में चल रही है. लेकिन, कांग्रेस पार्टी का एक धड़ा यह चाहता है कि राजसमंद सीट लंबे समय से भारतीय जनता पार्टी का गढ़ रहा है. ऐसे में अगर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को यहां से टिकट मिलती है तो इस सीट पर कांग्रेस को जीत मिल सकती है.
निकाय चुनाव के बाद कांग्रेस की स्थिति में बदलाव
हालांकि, निकाय चुनाव में राजसमंद की सीट जीतने के बाद कांग्रेस की स्थिति में कुछ बदलाव आया है, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और स्पीकर सीपी जोशी जब तक ग्रीन सिग्नल नहीं देते हैं तब तक वैभव गहलोत और हिमांशु जोशी के नाम महज उनके समर्थकों की मांग भर रह जाएंगे.
डोटासरा ने किया चारों सीटों पर जीत का दावा
वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी का कार्यकर्ता कांग्रेस को जीत दिलाएगा. उन्होंने कहा कि भाजपा ना तो अपनी पार्टी में एकता रख पा रही है और ना ही प्रदेश में प्रतिपक्ष का फर्ज निभा पा रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का कार्यकर्ता एकजुट है और चुनाव में जीत नेता नहीं कांग्रेस का कार्यकर्ता दिलाएगा. उन्होंने दावा किया कि राजस्थान की चारों सीटों पर होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस जीत दर्ज करेगी.
भले ही वैभव गहलोत और हिमांशु जोशी के नाम उनके समर्थक अभी से सामने कर रहे हों, लेकिन अगर इन दोनों को टिकट नहीं मिलता है तो भी कांग्रेस के कब्जे में रही तीनों सीट सुजानगढ़, सहाड़ा और वल्लभनगर में कांग्रेस पार्टी में परिवारवाद ही हावी रहेगा.