जयपुर/दिल्ली. कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी को ईडी के दफ्तर पूछताछ के लिए बुलाए जाने के विरोध में धरना प्रदर्शन जारी है. वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस कार्रवाई को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है. गहलोत ने कहा कि जांच एजेंसी का जिस तरह से दुरुपयोग किया जा रहा है. देश एक है, लेकिन पक्ष और विपक्ष के लिए अलग-अलग कानून हैं. जिस केस में कोई मनी लॉन्ड्रिंग हुई ही नहीं उस केस की जांच ईडी से करवाई जा रही है.
उन्होंने कहा कि ये केवल उन्हें परेशान करने के लिए किया जा रहा है. जिस महिला ने देश को जोड़ कर रखा, प्रधानमंत्री का पद तक (Sonia gandhi interrogated by ED) ठुकरा दिया उसे इस तरह से परेशान किया जा रहा है. ईडी चाहती तो उनके घर जाकर भी पूछताछ कर सकती थी. गहलोत ने कहा कि यह सिर्फ सिर्फ नेशनल हेराल्ड के जरिए विपक्ष को खत्म करने की साजिश है, लेकिन इससे कांग्रेस डरने वाली नहीं है.
मोदी सरकार को शर्म नहीं आती: गहलोत ने केंद्र की मोदी सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि पिछले दिनों राहुल गांधी को बुलाया गया था. उनसे 5 दिन तक 50 घंटे तक पूछताछ की गई. अब सोनिया गांधी को बुलाया है. उन्होंने जिस रूप में यूपीए का गठन किया, डॉ मनमोहन को प्रधानमंत्री बनाया, इनको शर्म नहीं आती है कि किसी महिला से कैसा व्यवहार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कई बार पहले भी घर जाकर बयान लिया गया है. यह कोई पहली बार नहीं होने जा रहा था. जिस तरह से आज सोनिया गांधी को बुलाया गया उससे इनकी निम्न स्तर की सोच सामने आती है.
देश में दो कानून काम कर रहे हैं: गहलोत ने कहा कि हम कहते हैं कि कानून सबके लिए बराबर है. लेकिन जिस तरह की कार्रवाई की जा रही है, वह सबके समझ में आ रही है. इन्होंने देश में दो कानून बना रखे हैं, विपक्ष के लिए अलग और खुद के लिए अलग. उन्होंने कहा कि ईडी ने ऐसा केस हाथ में लिया है जिसका हक उसके पास है ही नहीं. मनी लॉन्ड्रिंग कहां हुई है, ईडी को सामने आकर सब को बताना चाहिए. उनको बताना चाहिए कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर क्या आरोप हैं. गहलोत ने कहा कि जिस तरह से जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है वो खतरनाक है. यह लोकतंत्र को कुचलने जैसा है. गहलोत ने कहा कि देश सब समझ रहा है, जनता का मूड कभी बदल सकता है.
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आग लगाना इनकी फितरत में है : गहलोत ने कहा कि कांग्रेस की और बीजेपी की विचारधारा का अंतर इस बात से समझा जा सकता है कि आज हम शांतिपूर्ण तरीके से धरना दे कर विरोध प्रकट कर रहे हैं. लेकिन यह हमारी जगह होते तो जगह-जगह आग लगा देते, तोड़फोड़ कर देते. यह सब इनकी फितरत में है. हम रघुपति राघव राजाराम भजन के साथ धरना दे रहे हैं, ये भजन करने वाले तोड़ फोड़ नहीं कर सकते. शांतिपूर्ण धरने के बावजूद इसके पुलिस घेर के बैठी है. गहलोत ने कहा कि बेरोजगारी, महंगाई, आर्थिक स्थिति को लेकर कोई बात नहीं करना चाहता. डॉलर ₹80 क्रॉस कर गया इस पर चिंता होनी चाहिए, यह देश के सामने चुनौती है. गहलोत ने कहा कि पूरे विपक्ष को बुलाकर बातचीत करनी चाहिए.
पीएम मोदी ने विपक्ष मुक्त भारत की बात कही: गहलोत ने कहा कि अभी कुछ दिन पहले हैदराबाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विपक्ष वंशवाद की पार्टी हैं. यानी अब विपक्ष मुक्त भारत बनाने की दिशा में जा रहा है. डेमोक्रेसी में सरकार गिराने का काम करने वाले की इससे घटिया बात कुछ हो नहीं सकती. लेकिन विपक्ष मुक्त की बात करने वाले ये भी समझ लें कि उनका यह सपना पूरा नहीं होने वाला है. उन्होंने कहा कि केंद्र की सरकार इन एजेंसी के माध्यम से डरा-धमका के सरकार बदल रहे हैं और गर्व महसूस कर रहे हैं. लेकिन उनकी अंतरात्मा को तो पता है वो किस तरह से लोकतंत्र को खत्म करने का प्रयास कर रहे हैं.
उदयपुर के डिक्लेरेशन से डर गए: गहलोत ने कहा कि कांग्रेस ने उदयपुर में डिक्लेरेशन किए थे. उदयपुर में हमने कांग्रेस के आगामी प्रोग्राम तैयार किए जिसमे पद यात्रा का प्रोग्राम था. दो अक्टूबर से भारत छोड़ो अभियान था. इससे मोदी और अमित शाह घबरा गए. उसके बाद से जबरन ईडी को मामला दर्ज करने के निर्देश दिए गए. गहलोत ने कहा कि ईडी ने अब तक 1700 में से 1569 मामलों की जांच की है. इनमे से 0.5 में जांच पूरी हो पाती है. ये बस दबाव बनाने की कोशिश होती है, लेकिन हम घबराने वाले नहीं हैं .