जयपुर. अक्टूबर महीने के आखिरी में होने वाले निकाय चुनाव से पहले कांग्रेस में एक बार फिर सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पकड़ ली है. लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद अब कांग्रेस राम के सहारे निकाय चुनाव में जीत दर्ज करना चाहती है. इसकी एक बानगी तो हाल ही में विधानसभा में भी देखने को मिली, जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट पारित होने से पहले सदन में दो बार जय श्री राम के नारे लगाए.
उन्होंने जय श्री राम नारे को लेकर भाजपा पर तंज भी कसा. राम के नाम को लेकर सरकार के मंत्री भी गहलोत के साथ सुर से सुर मिलाते दिखाई दिए. शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि भगवान राम पर भाजपा का पेटेंट नहीं है. वह हमारे भी आदर्श है. तो वहीं उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने भी कहा कि राम पूरे देश के हैं.
गहलोत और उनके मंत्रियों के जय श्रीराम के नारे को लेकर राजनीति गलियारों में चर्चा का दौर शुरू हो गया है. राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद आगामी निकाय चुनाव कांग्रेस राम के नाम को लेकर ही मैदान में उतरेगी. वहीं कांग्रेस नेताओं के जय श्रीराम के नारे को लेकर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने चुटकी लेते हुए कहा कि कांग्रेस के नेता देर से ही सही लेकिन अब हमारी विचारधारा को मानने लगे हैं. हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस ने सॉफ्ट हिंदुत्व को अपनाया हो. इससे पहले गुजरात विधानसभा चुनाव और राजस्थान विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी सहित कई नेताओं ने प्रमुख मंदिरों में पूजा-अर्चना कर मतदाताओं को रिझाने का प्रयास सॉफ्ट हिंदुत्व के माध्यम से किया था.