जयपुर. राजस्थान में राज्यसभा का चुनावी रण चरम पर पहुंच गया है. सियासी बहार शुरू हो गई है, हाथ और कमल अपना कुनबा टटोलने में लगे हैं. राजनीतिक दांवपेंच भी तेज हो गए है. वहीं, दिल्ली से पॉलिटिकल फंड जयपुर पहुंचने की सूचना भी मिल रही है. साथ ही अंदेशा जताया जा रहा है कि विधायकों की खरीद फरोख्त का काम शुरू हो गया है.
ऐसे में पॉलिटिकल खतरे को भांपते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कमान अपने हाथ में ली है. जिसके बाद कांग्रेस और अन्य पार्टी समर्थित विधायकों से सीएमआर में मुलाकात की. इसके बाद सभी विधायकों को 5 बसों के जरिए शिव विलास रिसोर्ट में शिफ्ट कर दिया गया. वहीं, स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला भी जयपुर पहुंच चुके है.
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ऐसे में साफ है कि कांग्रेस में एक बार फिर अचानक खलबली मच गई है. राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों को मुख्यमंत्री आवास बुलाना और वहां से बाड़ेबंदी कर विधायकों को रिसोर्ट ले जाना बहुत कुछ बया करता है. वहीं, कांग्रेस विधायकों का कहना है कि, वो किसी भी प्रलोभन में नहीं आएंगे. वे सभी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस पार्टी के साथ हैं. सिर्फ उनको विधायक दल की बैठक में बुलाया गया है जहां राज्यसभा चुनाव को लेकर ही चर्चा होगी.
लेकिन हकीकत ये है की विधायक की खरीद फरोख्त की आंशका के चलते विधायकों की बाड़ेबंदी की गई है. बता दें कि यह वही होटल है, जहां गुजरात के कांग्रेस विधायकों की बाड़ेबंदी की गई थी. जयपुर के रिसोर्ट कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियों के लिए सबसे सेफ जगह मानी जाती है और यही वजह है कि एकबार फिर राज्यसभा चुनाव की दिशा और दशा रिसोर्ट पॉलिटिक्स से ही तेज होगी.