जयपुर. CAA और NRC को लेकर चल रहे विवाद के बीच केंद्रीय कैबिनेट के राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को लेकर आए फैसले पर भी सियासत शुरू हो गई है. हालांकि, एनपीआर को लेकर कांग्रेस सहित विपक्षी दलों की ओर से आए बयानों को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने ना केवल सिरे से खारिज किया है बल्कि यह भी साफ कर दिया है कि एनपीआर का नागरिकता संशोधन अधिनियम और एनआरसी से कोई लेना-देना नहीं है.
राजधानी में पत्रकारों से बातचीत के दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि यह एक सामान्य प्रक्रिया है, जो जनगणना के दौरान होती है. लेकिन कांग्रेस पार्टी इस काम में भी वैचारिक रूप से आग लगाने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नागरिकता से जुड़े मसले पर अपनी राजनैतिक रोटियां सेंकने के लिए देश के अल्पसंख्यकों को भी बरगला रही है, जबकि इन कानूनों से देश के किसी भी अल्पसंख्यक की नागरिकता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और ना ही वह खत्म होगी.
पूनिया ने कहा कि अब यह बहस का विषय नहीं है और ना ही इस पर बहस होना चाहिए, क्योंकि खुद गृहमंत्री अमित शाह ने सार्वजनिक रूप से सब कुछ साफ कर दिया है. सतीश पूनिया ने इस दौरान कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि 55 साल तक देश में झूठ और लूट का खेल खेलने के बाद अब राजनीतिक तौर पर कांग्रेस की विदाई शुरू हो चुकी है. यही कारण है कि प्रदेशों में कांग्रेस को प्रादेशिक पार्टियों का सहारा लेना पड़ रहा है.