जयपुर : 13 मई 2008 को जयपुर बम ब्लास्ट में अपने पिता घनश्याम तंवर को खोने के गम से उबरते हुए नाड़ी का फाटक निवासी मुस्कान तंवर की वैवाहिक बंधन में बंधी. इसके गवाह प्रदेश के राज्यपाल हरिभाउ बागड़े, उपमुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री और विधायक बने. जयपुर की बेटी 16 जनवरी को सात फेरों की रस्म निभाने के बाद शुक्रवार सुबह विदा हुई.
ये शादी भी ठीक उसी शान ओ शौकत के साथ हुई, जैसे इससे पहले जयपुर की 9 बेटियों की हुई. राजस्थान प्रदेश पंजाबी महासभा, सर्व मंगल सेवा समिति और आर्य समाज ने मुस्कान तंवर की शादी कराई. नए साल 2025 का पहला सावा गुरुवार को रहा. शहर के विवाह स्थलों में शहनाइयों के गूंज के बीच 16 साल पहले जयपुर बम ब्लास्ट में अपने पिता घनश्याम तंवर को खोने मुरलीपुरा निवासी मुस्कान तंवर भी देवराज सिंह के साथ परिणय सूत्र में बंधी. मुस्कान की शादी का समारोह आमेर कुंडा स्थित रोशन हवेली में हुआ.
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राज्यपाल सहित कई राजनीतिक हस्तियां हुई शामिल: इस शादी में परिवार और रिश्तेदारों के अलावा कई राजनीतिक हस्तियां भी वर-वधू को आशीर्वाद देने पहुंचे. मुस्कान के विवाह में राज्यपाल हरिभाऊ बागडे, उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी, मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़, विधायक गोपाल शर्मा, कालीचरण सराफ, स्वामी बालमुकुंदाचार्य महाराज, गोपाल शर्मा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक निंबाराम, मूलचंद, कैलाश, राजपूत समाज से महिपाल मकराना, राजस्थान सिख समाज के अध्यक्ष सरदार अजय पाल सिंह ने मुस्कान को उनकी जीवन की नई शुरुआत की शुभकामनाएं दी. इससे पहले गाजे-बाजे के साथ यहां बारात पहुंची, जिसका जोरदार स्वागत किया गया. सभी रस्में पूरे रीत-रिवाज के साथ निभाई गई.
धमाकों के समय दस साल की थी: दुल्हन बनीं मुस्कान ने बताया कि राजस्थान प्रदेश पंजाबी महासभा, सर्व मंगल सेवा समिति और आर्य समाज ने मुस्कान की शादी का पूरा खर्च वहन किया. जयपुर बम धमाके के समय वह महज दस साल की थी. परिवार में सबसे छोटा छह महीने का भाई था. परिवार की आर्थिक स्थिति सही नहीं थी. राज्य सरकार ने उनकी मां को जॉब भी दिलाई, जिससे रहना-खाना, पढ़ाई-लिखाई का खर्च वहन हुआ, लेकिन जब उनकी शादी का समय आया, तो परिवार ने खुद को आर्थिक रूप से असहाय महसूस किया. ऐसे में उनकी मां हनुमान मंदिर गई, जहां पंडित ने बताया कि इस संबंध में वह समाजसेवी रवि नैयर से मिल सकती हैं. उन्होंने ही शादी की सारी जिम्मेदारी उठाई. शादी की हर छोटी-बड़ी चीजों का खर्च और शॉपिंग तक का खर्चा उन्होंने वहन किया.
एक माह से जुटे थे तैयारियों में: महासभा अध्यक्ष रवि नैयर ने बताया कि सर्व मंगल सेवा समिति और राजस्थानी पंजाबी महासभा के पदाधिकारी पिछले एक माह से मुस्कान की शादी की तैयारियों में जुटे हुए थे. शादी का जोड़ा, कपड़े, शृंगार की सामग्री, घर गृहस्थी बसाने के लिए सभी घरेलू सामान भी उपहार स्वरूप समिति की ओर से दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि इससे पहले वो नौ बच्चियों की शादी करा चुके हैं. मुस्कान की शादी के दौरान ऐसा लगा मानो खुद की बेटी की शादी हो. संस्थान, परिवार और साथी सभी ने इसे बेटी की शादी मानकर के ही काम किया और फिर दो-चार साल बाद मुस्कान की छोटी बहन की शादी भी कराएंगे.