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उंगली हिलाने से काम नहीं चलेगा...भड़के डोटासरा बोले- डरो मत, मोदी नहीं मारेंगे इनकम टैक्स का छापा

'महंगाई मुक्त भारत' अभियान के तहत गुरुवार को कांग्रेस की ओर से (Congress Protest in Jaipur) जयपुर में धरना दिया गया. इस दौरान पीसीसी चीफ डोटासरा नाराज दिखे. मौके पर मौजूद कांग्रेस कार्यकर्ताओं-मंत्रियों को लेकर डोटासरा ने यहां तक कह दिया कि केवल उंगली हिलाने से काम नहीं चलेगा, कुछ करके दिखाना पड़ेगा.

Congress Protest in Jaipur
कांग्रेस का महंगाई मुक्त भारत अभियान
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Published : Apr 7, 2022, 3:54 PM IST

Updated : Apr 7, 2022, 4:07 PM IST

जयपुर. राजस्थान कांग्रेस की ओर से आज बढ़ती महंगाई, पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के बढ़ते दामों के खिलाफ प्रदेश स्तरीय धरना जयपुर के सिविल लाइंस पर दिया गया. इस धरना में भले ही मंत्रियों और नेताओं की संख्या ज्यादा दिखाई दी हो, लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ताओं की संख्या काफी कम दिखाई दी. पहले प्रदेश स्तरीय धरने में कार्यकर्ताओं की संख्या कम देखकर और उसके बाद धरने में पहुंचे मंत्रियों को भाषण देने के लिए मंच पर बुलाए जाने के बावजूद जब मंत्री रामलाल जाट, मंत्री महेश जोशी और मंत्री गोविंद मेघवाल ने बोलने से इनकार किया तो राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा इस पर नाराज हो गए.

डोटासरा ने कहा कि आज आवश्यक वस्तुओं के दाम बढ़ाकर केंद्र सरकार ने आसमान पर पहुंचा दिया है. इसलिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं की जिम्मेदारी ज्यादा बढ़ गई है. डोटासरा ने कहा कि हमने मंत्रियों को भाषण देने के लिए कहा, लेकिन मंत्री उंगली हिलाने लगे. डोटासरा ने मंत्रियों को कहा कि यह उंगली (Dotasra Got Angry at Congress Protest) हिलाने का समय नहीं है. यह कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मेहनत से बनी हुई सरकार है. इसलिए जब भी मौका मिले तो हर नेता को अपनी बात रखनी चाहिए. मंत्रियों में जोश होना चाहिए.

क्या कहा डोटासरा ने, सुनिए...

पीसीसी चीफ ने कहा कि लोग पिस रहे हैं, आत्महत्या कर रहे हैं और अगर हम उंगली हिलाएंगे तो इसका मतलब यह होगा कि हम हमारी जिम्मेदारी से भागने की चेष्टा कर रहे हैं. इसलिए जिम्मेदारी से भागने की आवश्यकता नहीं है. जहां 100 लोग बुलाए तो वहां 500 लोग लेकर जाएं, तब तो हम मानेंगे कि हम राहुल गांधी के नेतृत्व में मोदी सरकार को हटाना चाहते हैं और 2023 में विधानसभा और फिर 2024 में लोकसभा चुनाव जीतने की बात कर रहे हैं. डोटासरा ने कहा कि हमें आम जनता से जुड़े मुद्दों पर बात मुखर होकर रखनी पड़ेगी, तब तो हम मोदी के राज को हटाने में कामयाब होंगे.

पढ़ें : Protest Against Inflation: महंगाई को लेकर गहलोत ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना, लोगों से की ये अपील

गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि कांग्रेस के कार्यकर्ता और नेता यहां पहुंचे, उसके लिए तो धन्यवाद देता हूं, लेकिन हमें और ज्यादा संघर्ष करने की आवश्यकता है. इसके आगे डोटासरा ने अपनी नाराजगी जताते हुए मंत्रियों से कहा कि कोई इनकम टैक्स का छापा उनके ऊपर मोदी सरकार नहीं डाल रही है. मैं भी आरएसएस और भाजपा के खिलाफ बोलता हूं. इसलिए सभी को बोलना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर हमने मोदी सरकार के खिलाफ संघर्ष नहीं किया और लड़ाई नहीं लड़ी तो देश का इतिहास, देश का नौजवान और आने वाली पीढ़ियां हमें कभी माफ नहीं करेंगी.

आज भी एक साथ नजर नहीं आए पायलट-गहलोत : राजस्थान में भले ही देखने में यह लग रहा है कि गहलोत और पायलट के बीच चल रहा शीतयुद्ध अब शांत हो गया है, लेकिन आज भी दोनों नेताओं के बीच शीत युद्ध जारी है. यही कारण है कि जहां गहलोत जाते हैं वहां पायलट नहीं जाते और जहां पायलट जाते हैं वहां गहलोत नहीं पहुंचते. आज भी ऐसा ही हुआ जब सचिन पायलट कांग्रेस के प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम में शामिल होने सिविल लाइन फाटक पर पहुंचे, तो इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत किसी कारण से नहीं पहुंचे.

अब भले ही कारण कोई भी रहा हो, लेकिन जिस तरह से पहले विधानसभा में दोनों नेता एक साथ नजर नहीं आए, फिर मुख्यमंत्री आवास पर हुए विधायकों के डिनर कार्यक्रम में भी (Congress Protests in Jaipur Against Rising Inflation) पायलट नहीं पहुंचे तो आज एक बार फिर कांग्रेस के धरने में दोनों नेता एक साथ नजर नहीं आए. यह घटना इंसाफ बताती है कि भले ही राजस्थान में दोनों नेताओं के बीच अभी शांति काल चल रहा हो, लेकिन यह शांति काल कब तक चलेगा यह तय नहीं है.

पढ़ें : 5 राज्यों में नकारे जाने के बाद कांग्रेस की महंगाई ने बढ़ाई आस! उम्मीद- जनता इस मुद्दे पर देगी पूरा साथ

जयपुर. राजस्थान कांग्रेस की ओर से आज बढ़ती महंगाई, पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के बढ़ते दामों के खिलाफ प्रदेश स्तरीय धरना जयपुर के सिविल लाइंस पर दिया गया. इस धरना में भले ही मंत्रियों और नेताओं की संख्या ज्यादा दिखाई दी हो, लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ताओं की संख्या काफी कम दिखाई दी. पहले प्रदेश स्तरीय धरने में कार्यकर्ताओं की संख्या कम देखकर और उसके बाद धरने में पहुंचे मंत्रियों को भाषण देने के लिए मंच पर बुलाए जाने के बावजूद जब मंत्री रामलाल जाट, मंत्री महेश जोशी और मंत्री गोविंद मेघवाल ने बोलने से इनकार किया तो राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा इस पर नाराज हो गए.

डोटासरा ने कहा कि आज आवश्यक वस्तुओं के दाम बढ़ाकर केंद्र सरकार ने आसमान पर पहुंचा दिया है. इसलिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं की जिम्मेदारी ज्यादा बढ़ गई है. डोटासरा ने कहा कि हमने मंत्रियों को भाषण देने के लिए कहा, लेकिन मंत्री उंगली हिलाने लगे. डोटासरा ने मंत्रियों को कहा कि यह उंगली (Dotasra Got Angry at Congress Protest) हिलाने का समय नहीं है. यह कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मेहनत से बनी हुई सरकार है. इसलिए जब भी मौका मिले तो हर नेता को अपनी बात रखनी चाहिए. मंत्रियों में जोश होना चाहिए.

क्या कहा डोटासरा ने, सुनिए...

पीसीसी चीफ ने कहा कि लोग पिस रहे हैं, आत्महत्या कर रहे हैं और अगर हम उंगली हिलाएंगे तो इसका मतलब यह होगा कि हम हमारी जिम्मेदारी से भागने की चेष्टा कर रहे हैं. इसलिए जिम्मेदारी से भागने की आवश्यकता नहीं है. जहां 100 लोग बुलाए तो वहां 500 लोग लेकर जाएं, तब तो हम मानेंगे कि हम राहुल गांधी के नेतृत्व में मोदी सरकार को हटाना चाहते हैं और 2023 में विधानसभा और फिर 2024 में लोकसभा चुनाव जीतने की बात कर रहे हैं. डोटासरा ने कहा कि हमें आम जनता से जुड़े मुद्दों पर बात मुखर होकर रखनी पड़ेगी, तब तो हम मोदी के राज को हटाने में कामयाब होंगे.

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गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि कांग्रेस के कार्यकर्ता और नेता यहां पहुंचे, उसके लिए तो धन्यवाद देता हूं, लेकिन हमें और ज्यादा संघर्ष करने की आवश्यकता है. इसके आगे डोटासरा ने अपनी नाराजगी जताते हुए मंत्रियों से कहा कि कोई इनकम टैक्स का छापा उनके ऊपर मोदी सरकार नहीं डाल रही है. मैं भी आरएसएस और भाजपा के खिलाफ बोलता हूं. इसलिए सभी को बोलना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर हमने मोदी सरकार के खिलाफ संघर्ष नहीं किया और लड़ाई नहीं लड़ी तो देश का इतिहास, देश का नौजवान और आने वाली पीढ़ियां हमें कभी माफ नहीं करेंगी.

आज भी एक साथ नजर नहीं आए पायलट-गहलोत : राजस्थान में भले ही देखने में यह लग रहा है कि गहलोत और पायलट के बीच चल रहा शीतयुद्ध अब शांत हो गया है, लेकिन आज भी दोनों नेताओं के बीच शीत युद्ध जारी है. यही कारण है कि जहां गहलोत जाते हैं वहां पायलट नहीं जाते और जहां पायलट जाते हैं वहां गहलोत नहीं पहुंचते. आज भी ऐसा ही हुआ जब सचिन पायलट कांग्रेस के प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम में शामिल होने सिविल लाइन फाटक पर पहुंचे, तो इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत किसी कारण से नहीं पहुंचे.

अब भले ही कारण कोई भी रहा हो, लेकिन जिस तरह से पहले विधानसभा में दोनों नेता एक साथ नजर नहीं आए, फिर मुख्यमंत्री आवास पर हुए विधायकों के डिनर कार्यक्रम में भी (Congress Protests in Jaipur Against Rising Inflation) पायलट नहीं पहुंचे तो आज एक बार फिर कांग्रेस के धरने में दोनों नेता एक साथ नजर नहीं आए. यह घटना इंसाफ बताती है कि भले ही राजस्थान में दोनों नेताओं के बीच अभी शांति काल चल रहा हो, लेकिन यह शांति काल कब तक चलेगा यह तय नहीं है.

पढ़ें : 5 राज्यों में नकारे जाने के बाद कांग्रेस की महंगाई ने बढ़ाई आस! उम्मीद- जनता इस मुद्दे पर देगी पूरा साथ

Last Updated : Apr 7, 2022, 4:07 PM IST
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