जयपुर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कई मौकों पर यह कहते नजर आते हैं की इलेक्टोरल बांड (Gehlot On Electoral Bond) के जरिए चुनावी चंदा लेने के बाद देश की एक ही पार्टी को 95% डोनेशन मिल रहा है. ऐसे में बाकी पार्टियों की माली हालत खराब है जिसमें कांग्रेस पार्टी भी शामिल है. लेकिन प्रदेश कांग्रेस की माली हालत के लिए पिछला एक महीना काफी बेहतर रहा है. नुकसान के बावजूद फायदा खूब हुआ है. वो भी लाखों का नहीं करोड़ों का. इसके पीछे 2 प्रमुख कारण हैं. एक मनमोहन सिंह कमेटी की सलाह और दूसरी सदस्यता अभियान (Congress Digital Membership Campaign).
जहां पहले मनमोहन कमेटी के तहत विधायकों और मंत्रियों की ओर से दी जाने वाली 1 महीने की सैलेरी के पैसे सीधे उनके अकाउंट से कट कर प्रदेश कांग्रेस के अकाउंट में पहुंच गए हैं, जिससे कांग्रेस के अकाउंट में करीब 63 लाख रुपए पहुंच गए. दूसरी ओर मेंबरशिप अभियान के जरिए 20 लाख डिजिटल मेंबर, और करीब 12 से 15 लाख ऑफलाइन मेम्बर से आई फीस के जरिए भी करीब 1.50 से 1.75 करोड़ रुपए राजस्थान कांग्रेस के अकाउंट में आए हैं. बीता एक महीना राजस्थान कांग्रेस पार्टी की आर्थिक सेहत (Financial Health Of PCC) के हिसाब से बेहतरीन रहा है.
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तनख्वाह सीधे पीसीसी एकाउंट में: मनमोहन सिंह कमेटी के अनुसार कांग्रेस के मंत्री और विधायकों को पार्टी फंड में अपनी 1 महीने की सैलरी प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में जमा करानी होती है. पिछले कई सालों से विधायकों और मंत्रियों ये रकम नहीं जमा कराई. इसका तोड़ निकाला गया. राजस्थान कांग्रेस ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के जरिए कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सभी मंत्रियों और विधायकों के सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करवाए. इस सहमति पत्र के अनुसार साल में 1 महीने की तनख्वाह अपने आप ही सीधी विधायक या मंत्री के खाते से पीसीसी के खाते में जमा हो जाएगी और ये प्रक्रिया इस बार मार्च महीने में पूरी हो गई. जिससे प्रदेश कांग्रेस को करीब 63 लाख मिल भी गए हैं. इस पार्टी फंड में विधायक को 40 हज़ार, राज्यमंत्री को 62 हज़ार और कैबिनेट मंत्री को 65 हज़ार देने होते हैं.
सदस्यता अभियान से मिले पौने दो करोड़: राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के सदस्यता अभियान से भी पार्टी की माली हालात में सुधार आया है. कांग्रेस पार्टी ने डिजिटल मेंबरशिप अभियान में करीब 20 लाख डिजिटल मेंबर बनाए हैं. इससे पार्टी को करीब 1 करोड़ रुपए मिला तो वहीं ऑफलाइन मेंबरशिप के जरिए भी पार्टी को करीब 75 लाख मिल चुके हैं. ऐसे में बीते 1 महीने में ही कांग्रेस पार्टी के खाते में करीब ढाई करोड़ रुपए आ चुके हैं. आपको बता दें की कांग्रेस पार्टी में बनने वाले प्रत्येक मेंबर को 5 रुपये मेंबरशिप फीस के तौर पर जमा कराने होते हैं ओर इसी मेंबरशिप फीस से पार्टी अकाउंट में राशि जमा हुई है.