जयपुर. शासन सचिवालय में कार्मिकों के ऑनलाइन प्रशिक्षण को लेकर कर्मचारी और सरकार के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है. सचिवालय अधिकारी संघ ने नॉडल अधिकारी और ऑनलाइन प्रशिक्षण की गोपनीयता पर सवाल उठाते हुई ट्रेनिंग स्थगित करने की मांग की है. साथ ही संघ ने अपनी मांगों को लेकर कार्मिक विभाग की मुख्यसचिव रोहली सिंह को ज्ञापन दिया है.
सचिवालय अधिकारी संघ का आरोप है कि सरकार की महत्वपूर्ण सूचनाएं लीक हो सकती है, क्योंकि प्रशिक्षण में काम में ली जाने वाली ऐप को पहले ही सरकार संदिग्ध मान चुकी है. कार्मिक विभाग ने शासन सचिवालय में कार्यरत अनुभाग अधिकारियों और सहायक शासन सचिवों के प्रशिक्षण के लिए आदेश जारी किए थे. इसके लिए एक अधिकारी को नोडल अधिकारी भी बनाया गया है. पहले तो कार्मिकों ने इस अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाए जाने पर विरोध जताया और फिर बुधवार को राजस्थान सचिवालय सेवा अधिकारी संघ ने प्रशिक्षण स्थगित करने की मांग की है.
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संघ के अध्यक्ष मेघराज पंवार ने मुख्य सचिव डीबी गुप्ता और कार्मिक विभाग की प्रमुख शासन सचिव रोली सिंह को पत्र लिखकर कहा है कि ऑनलाइन प्रशिक्षण के लिए जो ऐप निर्धारित किया गया है, उससे कार्मिकों की निजी जानकारियां डाटा और प्राइवेसी भंग हो सकती है. साथ ही साथ ऑनलाइन प्रशिक्षण के लिए सभी कार्मिकों के पास एंड्रॉयड फोन लैपटॉप और इंटरनेट की सुविधा होना भी जरूरी है, जबकि कई कार्मिक इस तरह के फोन का उपयोग नहीं करते हैं.
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कोरोना संकटकाल में इंटरनेट स्पीड धीमी होने की वजह से भी ट्रेनिंग को स्थगित किया जाना चाहिए. संघ ने नोडल अधिकारी के चयन पर भी आपत्ति जताई है. राजस्थान सचिवालय सेवा अधिकारी संघ ने मांग की है कि फिलहाल प्रशिक्षण को स्थगित किया जाए. कोरोना संकट के नियंत्रण के बाद पहले की तरह ओटीएस में ही कार्मिकों को प्रशिक्षण दिलवाया जाए.