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ध्वनिमत से पास हुआ सदन में विश्वास प्रस्ताव, गहलोत-पायलट तकरार पर खुलकर बोले मुख्यमंत्री

राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही 21 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी गई है. विधानसभा में ध्वनिमत से विश्वास प्रस्ताव पास हो गया है. इस दौरान सदन में गहलोत-पायलट तकरार पर सीएम ने हमला करते हुए कहा कि आपने बड़ी खूबसूरती के साथ बोला, सीएम डिप्टी सीएम के बारे में. लेकिन मैं आपसे पूछता हूं कि आप कौन होते हैं, हमारी पार्टी के बारे में बोलने वाले.

CM Ashok Gehlot News, Rajasthan assembly session
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
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Published : Aug 14, 2020, 5:04 PM IST

जयपुर. राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही 21 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी गई है. सरकार ने इस दौरान विश्वास मत जीत लिया है. विधानसभा में शुक्रवार को ध्वनिमत से विश्वास प्रस्ताव पारित हो गया. इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि दिल्ली में जो सत्ता का घमंड चल रहा है, कब जनता इसे तोड़ देगी पता नहीं चलेगा.

सीएम ने कहा कि हमारी पार्टी का अंदरूनी मामला है, भाजपा उसमें नहीं बोल नहीं सकती है. गहलोत-पायलट तकरार पर सीएम ने हमला करते हुए कहा कि आपने बड़ी खूबसूरती के साथ बोला, सीएम डिप्टी सीएम के बारे में. लेकिन मैं आपसे पूछता हूं कि आप कौन होते हैं, हमारी पार्टी के बारे में बोलने वाले.

'आप कौन होते हैं, हमारी पार्टी के बारे में बोलने वाले'

पढ़ें- विस में सीट बदलने को लेकर बोले पायलट, कहा- सरहद पर सबसे मजबूत योद्धा को भेजा जाता है, मैं ढाल बनकर रक्षा करूंगा

गहलोत ने कहा कि मुझे खुशी होती कि जैसे मेरे और भैरों सिंह शेखावत में रिश्ते हैं, वैसे ही वसुंधरा राजे से भी होते. उन्होंने कहा कि देश में डेमोक्रेसी नहीं रहेगी तो आप और हम कहां रहेंगे. गहलोत ने कहा कि महामहिम का पद बड़ा होता है जब भी कभी असेंबली बुलाई जाती है तो एक सिंपल लेटर जाता है, इसके अलावा कोई काम गवर्नर का नहीं होता है.

सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि आप लोगों ने भी कई बार लेटर भेजा होगा. इस बार जब फाइल नहीं आई तो यह सोचना स्वभाविक था कि क्या कारण हुआ. गवर्नर ने जो लेटर लिखा और मैंने उनको क्या जवाब दिया, वह मैंने कभी नहीं लिखा क्योंकि मैं यह नहीं बताना चाहता कि मेरे और गवर्नर के बीच क्या बात हुई. मैं जानता हूं गवर्नर पर दबाव होते हैं, उनकी अपनी मजबूरी रही होगी, मैं उसके बारे में यहां बात नहीं करना चाहता हूं.

21 अगस्त तक सदन स्थगित

गहलोत ने कहा कि मुझे अच्छा लगा कि पहली बार ऐसे गवर्नर आए जो इतना इंटरेस्ट लेते हैं. वह शिकायत वाजिब थी तब मैंने कहा कि जनता उनका घेराव कर सकती है तो मेरी जिम्मेदारी नहीं होगी, मैंने ऐसा नहीं कहा कि मेरी सरकार कुछ नहीं करेगी. यह केवल एक पॉलिटिकल लैंग्वेज होती है. गहलोत ने कहा कि यहां पर जो भी कुछ हुआ अच्छा नहीं हुआ. 3-3 बार लेटर लिखे गए.

पढ़ें- राजस्थान जुगाड़ के लिए मशहूर है और राजस्थान का 'जादूगर' भी जुगाड़ के लिए प्रसिद्ध हैः पूनिया

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि गवर्नर की देश में अच्छी इमेज रही है और उनकी सभी तारीफ करते थे. उन्होंने मजबूरी में हमें असेंबली नहीं बुलाने की कही. हमारा बहुमत खत्म होता है तो गवर्नर कह सकते हैं कि आपको असेंबली बुलानी पड़ेगी, इसके अलावा कोई अधिकार नहीं है.

गहलोत ने कहा कि ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स का गलत इस्तेमाल नहीं होता है. आप लोग भी फोन पर बात करते हैं तो यह नहीं कहते कि फेस टाइप पर आ जाओ या व्हाट्सएप पर आ जाओ, खोलकर कोई बात नहीं कर सकता. मुझे लगता है कि नेता प्रतिपक्ष को भी गुमराह रखा गया होगा कि कौन-कौन षड्यंत्र में शामिल था. क्या उसमें कोई केंद्रीय मंत्री का नाम नहीं आया.

सीएम गहलोत ने कहा कि क्या मुझे या डिप्टी सीएम साहब को जो नोटिस दिए गए थे, वह नोटिस केवल एसओजी ने लिख कर भेजा कि आप आकर बयान दे दीजिए, सिर्फ गवाही के लिए कहा गया था. उन्होंने कहा कि कोई आरोप नहीं लगाया था.

पढ़ें- उपनेता प्रतिपक्ष राठौड़ ने कांग्रेस विधायकों पर कसा तंज, कहा- स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर आपकी स्वतंत्रता के लिए शुभकामनाएं

अशोक गहलोत ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि कोरोना की लॉकडाउन के बाद जो स्थिति बनी है, वह ज्यादा खराब है. उन्होंने कहा कि हमारा फर्ज बनता है कि क्यों ना हम उस पर चर्चा करें. उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार ने कोरोना काल में सबसे अच्छा काम किया है, इसलिए मृत्यु दर कम है.

गहलोत ने कहा कि भाजपा को इतना बड़ा झटका लगा है कि वह अब इसे बर्दाश्त नहीं कर पा रही है. उन्होंने कहा कि राजेंद्र राठौड़, सतीश पूनिया और एक केंद्रीय मंत्री सरकार गिराने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन इनका काफिला लूट गया. उन्होंने कहा कि इसका कारण यह है कि जो लीडर था, वह खुद ही लुटेरों में मिला हुआ था.

जयपुर. राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही 21 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी गई है. सरकार ने इस दौरान विश्वास मत जीत लिया है. विधानसभा में शुक्रवार को ध्वनिमत से विश्वास प्रस्ताव पारित हो गया. इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि दिल्ली में जो सत्ता का घमंड चल रहा है, कब जनता इसे तोड़ देगी पता नहीं चलेगा.

सीएम ने कहा कि हमारी पार्टी का अंदरूनी मामला है, भाजपा उसमें नहीं बोल नहीं सकती है. गहलोत-पायलट तकरार पर सीएम ने हमला करते हुए कहा कि आपने बड़ी खूबसूरती के साथ बोला, सीएम डिप्टी सीएम के बारे में. लेकिन मैं आपसे पूछता हूं कि आप कौन होते हैं, हमारी पार्टी के बारे में बोलने वाले.

'आप कौन होते हैं, हमारी पार्टी के बारे में बोलने वाले'

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गहलोत ने कहा कि मुझे खुशी होती कि जैसे मेरे और भैरों सिंह शेखावत में रिश्ते हैं, वैसे ही वसुंधरा राजे से भी होते. उन्होंने कहा कि देश में डेमोक्रेसी नहीं रहेगी तो आप और हम कहां रहेंगे. गहलोत ने कहा कि महामहिम का पद बड़ा होता है जब भी कभी असेंबली बुलाई जाती है तो एक सिंपल लेटर जाता है, इसके अलावा कोई काम गवर्नर का नहीं होता है.

सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि आप लोगों ने भी कई बार लेटर भेजा होगा. इस बार जब फाइल नहीं आई तो यह सोचना स्वभाविक था कि क्या कारण हुआ. गवर्नर ने जो लेटर लिखा और मैंने उनको क्या जवाब दिया, वह मैंने कभी नहीं लिखा क्योंकि मैं यह नहीं बताना चाहता कि मेरे और गवर्नर के बीच क्या बात हुई. मैं जानता हूं गवर्नर पर दबाव होते हैं, उनकी अपनी मजबूरी रही होगी, मैं उसके बारे में यहां बात नहीं करना चाहता हूं.

21 अगस्त तक सदन स्थगित

गहलोत ने कहा कि मुझे अच्छा लगा कि पहली बार ऐसे गवर्नर आए जो इतना इंटरेस्ट लेते हैं. वह शिकायत वाजिब थी तब मैंने कहा कि जनता उनका घेराव कर सकती है तो मेरी जिम्मेदारी नहीं होगी, मैंने ऐसा नहीं कहा कि मेरी सरकार कुछ नहीं करेगी. यह केवल एक पॉलिटिकल लैंग्वेज होती है. गहलोत ने कहा कि यहां पर जो भी कुछ हुआ अच्छा नहीं हुआ. 3-3 बार लेटर लिखे गए.

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि गवर्नर की देश में अच्छी इमेज रही है और उनकी सभी तारीफ करते थे. उन्होंने मजबूरी में हमें असेंबली नहीं बुलाने की कही. हमारा बहुमत खत्म होता है तो गवर्नर कह सकते हैं कि आपको असेंबली बुलानी पड़ेगी, इसके अलावा कोई अधिकार नहीं है.

गहलोत ने कहा कि ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स का गलत इस्तेमाल नहीं होता है. आप लोग भी फोन पर बात करते हैं तो यह नहीं कहते कि फेस टाइप पर आ जाओ या व्हाट्सएप पर आ जाओ, खोलकर कोई बात नहीं कर सकता. मुझे लगता है कि नेता प्रतिपक्ष को भी गुमराह रखा गया होगा कि कौन-कौन षड्यंत्र में शामिल था. क्या उसमें कोई केंद्रीय मंत्री का नाम नहीं आया.

सीएम गहलोत ने कहा कि क्या मुझे या डिप्टी सीएम साहब को जो नोटिस दिए गए थे, वह नोटिस केवल एसओजी ने लिख कर भेजा कि आप आकर बयान दे दीजिए, सिर्फ गवाही के लिए कहा गया था. उन्होंने कहा कि कोई आरोप नहीं लगाया था.

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अशोक गहलोत ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि कोरोना की लॉकडाउन के बाद जो स्थिति बनी है, वह ज्यादा खराब है. उन्होंने कहा कि हमारा फर्ज बनता है कि क्यों ना हम उस पर चर्चा करें. उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार ने कोरोना काल में सबसे अच्छा काम किया है, इसलिए मृत्यु दर कम है.

गहलोत ने कहा कि भाजपा को इतना बड़ा झटका लगा है कि वह अब इसे बर्दाश्त नहीं कर पा रही है. उन्होंने कहा कि राजेंद्र राठौड़, सतीश पूनिया और एक केंद्रीय मंत्री सरकार गिराने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन इनका काफिला लूट गया. उन्होंने कहा कि इसका कारण यह है कि जो लीडर था, वह खुद ही लुटेरों में मिला हुआ था.

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