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जयपुर: पार्कों में लगी कंपोस्ट मशीनें मरम्मत और रखरखाव के अभाव में कबाड़ हो रही

जयपुर नगर निगम प्रशासन ने 2017 में स्वच्छता सर्वेक्षण के दौरान जैविक खाद बनाने के लिए कंपोस्ट मशीनों को लगाया था. लेकिन देख रेख की अभाव में और प्रशासन की लापरवाही के कारण ये माशीनें अब कबाड़ हो रही हैं. ऑपरेशन और मेंटेनेंस के अभाव में 60 लाख रुपए की लागत से शहर के 70 पार्कों में लगी ये मशीन महज टीन के डिब्बे बनकर रह गए हैं.

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कंपोस्ट मशीनें खराब हो रही हैं
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Published : Jul 21, 2020, 2:47 AM IST

Updated : Jul 22, 2020, 4:58 PM IST

जयपुर. राजधानी में नगर निगम के छोटे बड़े 900 से ज्यादा पार्क हैं. निगम ने राजापार्क, तिलक नगर, मानसरोवर, सी स्कीम जैसे पॉश इलाकों के 70 पार्क में कंपोस्ट मशीन लगाई. लेकिन फिलहाल ये मशीनें कबाड़ हो रही हैं. खाद बनाना तो दूर इन्हें शुरू भी नहीं किया जा रहा.

आलम ये है कि, कई पार्कों से तो मशीनें चोरी तक हो गई. कुछ जगह मशीनों की मोटर, तो कहीं तार चोरी हो गए. नगर निगम प्रशासन की देख रेख के अभाव में फिलहाल ये मशीनें टीन के डिब्बे से ज्यादा और कुछ नहीं.

ये पढ़ें: राजस्थान के राजनीतिक खींचतान में सोमवार दिनभर क्या रहा खास, देखें एक नजर में...

बता दें कि, नगर निगम प्रशासन ने साल 2017 में स्वच्छता सर्वेक्षण के दौरान फूल-पत्तियों से जैविक खाद बनाने के लिए मशीनें खरीदी थी. 70 पार्कों में करीब 60 लाख रुपए की लागत से ये मशीनें लगाई गई थी. इसके साथ ही इस मशीन को लगाने के लिए पार्कों में टीन शेड भी लगवाए गए थे. खाद को तैयार करने के लिए सीमेंट के हौद भी बनाए गए थे.

कंपोस्ट मशीनें खराब हो रही हैं

मशीन सहित इस पूरे स्ट्रक्चर को तैयार करने में करीब डेढ़ लाख रुपए प्रति पार्क निगम की ओर से खर्च किए गए. लेकिन मेंटेनेंस के अभाव में ये रकम खटाई में जाती दिख रही है. निगम प्रशासन ने न तो ऑपरेशन और न ही मेंटेनेंस का टेंडर किया. जिसकी वजह से अब इन मशीनों का स्विच तक ऑन नहीं होता, और धीरे-धीरे ये मशीनें कबाड़ बनती जा रही हैं.

ये पढ़ें: जयपुर: श्वानों का बर्थ कंट्रोल प्रोग्राम को जारी रखने के लिए अनुभवी लोगों को दिया जाएगा टेंडर

कुछ महीने पहले पार्कों में बागवान और दूसरे स्टाफ की हड़ताल के दौरान मानसरोवर और आसपास के इलाके के पार्कों से मशीन और उसके पुर्जे तक चोरी हो गए. यदि समय रहते निगम प्रशासन इन मशीनों को नहीं संभालता तो, बाकी मशीनें भी खराब होना तय है.

जयपुर. राजधानी में नगर निगम के छोटे बड़े 900 से ज्यादा पार्क हैं. निगम ने राजापार्क, तिलक नगर, मानसरोवर, सी स्कीम जैसे पॉश इलाकों के 70 पार्क में कंपोस्ट मशीन लगाई. लेकिन फिलहाल ये मशीनें कबाड़ हो रही हैं. खाद बनाना तो दूर इन्हें शुरू भी नहीं किया जा रहा.

आलम ये है कि, कई पार्कों से तो मशीनें चोरी तक हो गई. कुछ जगह मशीनों की मोटर, तो कहीं तार चोरी हो गए. नगर निगम प्रशासन की देख रेख के अभाव में फिलहाल ये मशीनें टीन के डिब्बे से ज्यादा और कुछ नहीं.

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बता दें कि, नगर निगम प्रशासन ने साल 2017 में स्वच्छता सर्वेक्षण के दौरान फूल-पत्तियों से जैविक खाद बनाने के लिए मशीनें खरीदी थी. 70 पार्कों में करीब 60 लाख रुपए की लागत से ये मशीनें लगाई गई थी. इसके साथ ही इस मशीन को लगाने के लिए पार्कों में टीन शेड भी लगवाए गए थे. खाद को तैयार करने के लिए सीमेंट के हौद भी बनाए गए थे.

कंपोस्ट मशीनें खराब हो रही हैं

मशीन सहित इस पूरे स्ट्रक्चर को तैयार करने में करीब डेढ़ लाख रुपए प्रति पार्क निगम की ओर से खर्च किए गए. लेकिन मेंटेनेंस के अभाव में ये रकम खटाई में जाती दिख रही है. निगम प्रशासन ने न तो ऑपरेशन और न ही मेंटेनेंस का टेंडर किया. जिसकी वजह से अब इन मशीनों का स्विच तक ऑन नहीं होता, और धीरे-धीरे ये मशीनें कबाड़ बनती जा रही हैं.

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कुछ महीने पहले पार्कों में बागवान और दूसरे स्टाफ की हड़ताल के दौरान मानसरोवर और आसपास के इलाके के पार्कों से मशीन और उसके पुर्जे तक चोरी हो गए. यदि समय रहते निगम प्रशासन इन मशीनों को नहीं संभालता तो, बाकी मशीनें भी खराब होना तय है.

Last Updated : Jul 22, 2020, 4:58 PM IST
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