जयपुर. जयपुर के वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डॉ. राजवेंद्र सिंह चौधरी ने एक जटिल ऑपरेशन को अंजाम दिया है. जिसके 6 घंटे के बाद ही मरीज चलने फिरने की स्थिति में आ गया.
दरअसल, भरतपुर के भुसावर में इटामड़ा गांव का रहने वाला 42 वर्षीय नाहरसिंह करीब चार महीने पहले ऊंचाई से गिरने के कारण गर्दन में चोट और हाथ-पैर की शक्ति खोने लगा था. 16 मई को अचानक ही उसके हाथ-पांव की पूरी ताकत चली गई. इसके बाद 17 मई को परिजनों ने वरिष्ठ न्यूरोसर्जन डॉ. राजवेंद्र सिंह चौधरी से संपर्क किया, जिसके बाद डॉ. राजवेंद्र चौधरी ने एमआरआई कराने के बाद परिजनों को ऑपरेशन की सलाह दी.
पढ़ेंः बाड़मेरः तीन मासूम बच्चों के साथ टांके में कूदकर महिला ने की आत्महत्या
डॉ. चौधरी ने बताया कि मरीज को पूर्व में चोट लगने की वजह से एटलांटो एक्जियल डिस्लोकेशन की दिक्कत हो गई थी, जो कि डेन्स फ्रेक्चर की वजह से हुआ था. यह एक क्रेन्यो वर्टिव्रल (सीवी) जंक्शन की समस्या है. उसे चार महीने पहले भी दिखाया गया था, लेकिन ऑपरेशन के नाम से ही घबराकर मरीज वापस घर चला गया था. उन्होंने बताया, कि मरीज के हाथ-पैर बिल्कुल ही काम ही नहीं कर रहे थे. इसको देखते हुए 19 मई को नाहरसिंह का ऑपरेशन करने का फैसला किया गया.
पढ़ेंः करतारपुरा नाले के संरक्षण के लिए क्या कर रही सरकार: हाई कोर्ट
ऑपरेशन इतना जटिल था कि इसमें मरीज की जान जाने तक का खतरा था. किंतु मरीज के परिजनों की सहमति से यह गंभीर ऑपरेशन किया गया. इस ऑपरेशन में C1 और C2 ज्वाइंट खोलकर उसका हड्डियों से फ्यूजन किया गया. इन दोनों जॉइंट्स में स्क्रू और रॉड डालकर इसको फिक्स किया गया.
ऑपरेशन करीब 5 घंटे चला
इस ऑपरेशन में निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. विजया गुप्ता और ओटी स्टाफ कृष्ण गोपाल सोनी का भी महत्वपूर्ण सहयोग रहा. ऑपरेशन के करीब 6 घंटे बाद ही मरीज के हाथ और पैरों की ताकत वापस आने लगी और वह चलने-फिरने लगा. अब वह अपने हाथों से खाना-पानी भी ले रहा है. रविवार को मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है.