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जयपुर: कोरोना गाइडलाइन के उल्लंघन को लेकर सीएम सहित 112 के खिलाफ परिवाद पेश

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Published : Jul 18, 2020, 10:01 PM IST

मजिस्ट्रेट अदालत में कोरोना के गाइडलाइन का उल्लंघन करने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, विधायकों और कानून व्यवस्था में लगे सभी अधिकारियों सहित 112 लोगों के खिलाफ परिवाद पेश किया गया है.

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कोरोना गाइड लाइन के उल्लंघन को लेकर सीएम सहित 112 के खिलाफ परिवाद पेश

जयपुर. महानगर मजिस्ट्रेट अदालत में कोरोना गाइडलाइन के उल्लंघन को लेकर मुख्यमंत्री, विधायकों और कानून व्यवस्था में लगे अधिकारियों सहित कुल 112 लोगों के खिलाफ परिवाद पेश किया गया है.

परिवाद में गुहार की गई है कि प्रकरण को आपदा प्रबंधन अधिनियम, धूम्रपान निषेध अधिनियम और आईपीसी के तहत शास्त्री नगर थाना पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के लिए भेजा जाए. ओम प्रकाश की ओर से पेश परिवाद में कहा गया है कि कोरोना संक्रमण के चलते देश में हजारों लोगों की मौत हो गई है.

वहीं केंद्र और राज्य सरकार ने गाइडलाइन जारी कर संक्रमण रोकने के लिए लोगों को एकत्रित होने पर रोक लगा रखी है. इसके बावजूद गत 19 जून को राज्यसभा चुनाव के समय मुख्यमंत्री गहलोत ने विधायकों की एक होटल में बाड़ेबंदी की थी.

वहीं गत 13 जुलाई से एक बार फिर दर्जनों विधायकों को एक साथ रखा गया है. इस दौरान विधायक मनोरंजन कर रहे हैं और गाइडलाइन की पालना नहीं की जा रही है, जबकि गाइडलाइन की पालना नहीं करने वालों पर कार्रवाई का प्रावधान है.

पढ़ें: मासूमों के सपनों को पंख दे रहे अध्यापक सुनील जोशी... गरीब बच्चों की मुफ्त शिक्षा का उठाया बीड़ा

परिवाद में कहा गया है कि एक ओर 50 लोग बिना अनुमति एकत्रित नहीं हो सकते, वहीं दूसरी ओर निजी होटल में विधायकों सहित कुल करीब 200 लोग एक साथ एकत्रित हैं. इनमें से कई लोगों की उम्र 60 साल से ऊपर की है. विधायकों को यहां एकत्रित करने की किसी अधिकारी से अनुमति नहीं ली गई है. ऐसे में मामले को शास्त्री नगर थाने भेजते हुए FIR दर्ज करने के आदेश दिए जाए.

जयपुर. महानगर मजिस्ट्रेट अदालत में कोरोना गाइडलाइन के उल्लंघन को लेकर मुख्यमंत्री, विधायकों और कानून व्यवस्था में लगे अधिकारियों सहित कुल 112 लोगों के खिलाफ परिवाद पेश किया गया है.

परिवाद में गुहार की गई है कि प्रकरण को आपदा प्रबंधन अधिनियम, धूम्रपान निषेध अधिनियम और आईपीसी के तहत शास्त्री नगर थाना पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के लिए भेजा जाए. ओम प्रकाश की ओर से पेश परिवाद में कहा गया है कि कोरोना संक्रमण के चलते देश में हजारों लोगों की मौत हो गई है.

वहीं केंद्र और राज्य सरकार ने गाइडलाइन जारी कर संक्रमण रोकने के लिए लोगों को एकत्रित होने पर रोक लगा रखी है. इसके बावजूद गत 19 जून को राज्यसभा चुनाव के समय मुख्यमंत्री गहलोत ने विधायकों की एक होटल में बाड़ेबंदी की थी.

वहीं गत 13 जुलाई से एक बार फिर दर्जनों विधायकों को एक साथ रखा गया है. इस दौरान विधायक मनोरंजन कर रहे हैं और गाइडलाइन की पालना नहीं की जा रही है, जबकि गाइडलाइन की पालना नहीं करने वालों पर कार्रवाई का प्रावधान है.

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परिवाद में कहा गया है कि एक ओर 50 लोग बिना अनुमति एकत्रित नहीं हो सकते, वहीं दूसरी ओर निजी होटल में विधायकों सहित कुल करीब 200 लोग एक साथ एकत्रित हैं. इनमें से कई लोगों की उम्र 60 साल से ऊपर की है. विधायकों को यहां एकत्रित करने की किसी अधिकारी से अनुमति नहीं ली गई है. ऐसे में मामले को शास्त्री नगर थाने भेजते हुए FIR दर्ज करने के आदेश दिए जाए.

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