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नियुक्तियों में भ्रष्टाचार को लेकर सक्षम अधिकारी को दें शिकायत : राजस्थान हाई कोर्ट

राजस्थान हाई कोर्ट ने सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग में एनालिस्ट-कम- प्रोग्रामर भर्ती में नियुक्तियां देने में कथित भ्रष्टाचार के मामले में याचिकाकर्ता को सक्षम अधिकारी के समक्ष अपनी शिकायत देने को कहा है

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एनालिस्ट-कम- प्रोग्रामर भर्ती मामले में हाईकोर्च के निर्देश
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Published : May 28, 2020, 5:23 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाई कोर्ट ने सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग में एनालिस्ट-कम- प्रोग्रामर भर्ती में नियुक्तियां देने में कथित भ्रष्टाचार के मामले में याचिकाकर्ता को सक्षम अधिकारी के समक्ष अपनी शिकायत देने को कहा है. मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महान्ति और न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश रोहिताश सारस्वत की याचिका पर दिए.

याचिका में कहा गया कि आरपीएससी ने सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग में एनालिस्ट-कम- प्रोग्रामर के पदों पर भर्ती निकाली थी. जिसमें वर्ष 2013-14 में नियुक्तियां दी गई. याचिका में आरोप लगाया गया कि विभाग ने फर्जीवाड़ा कर प्रतियोगी परीक्षा में फेल हुए अभ्यर्थियों को भी नियुक्ति दे दी. वहीं कुछ अभ्यर्थियों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्तियां दी गई.

पढ़ेंः राजस्थान सरकार ने 1 करोड़ लेने के बाद ही बिहारी छात्रों को आने दियाः सुशील कुमार मोदी

याचिका में कहा गया कि प्रतियोगी परीक्षा में सफल रहे एक सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी को ओबीसी वर्ग में नियुक्त किया गया. ऐसे में नियुक्तियों में हुए भ्रष्टाचार को देखते हुए मामले की स्वतंत्र एजेंसी से निष्पक्ष जांच कराई जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने सक्षम अधिकारी को शिकायत देने के निर्देश देते हुए याचिका का निस्तारण कर दिया है.

जयपुर. राजस्थान हाई कोर्ट ने सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग में एनालिस्ट-कम- प्रोग्रामर भर्ती में नियुक्तियां देने में कथित भ्रष्टाचार के मामले में याचिकाकर्ता को सक्षम अधिकारी के समक्ष अपनी शिकायत देने को कहा है. मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महान्ति और न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश रोहिताश सारस्वत की याचिका पर दिए.

याचिका में कहा गया कि आरपीएससी ने सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग में एनालिस्ट-कम- प्रोग्रामर के पदों पर भर्ती निकाली थी. जिसमें वर्ष 2013-14 में नियुक्तियां दी गई. याचिका में आरोप लगाया गया कि विभाग ने फर्जीवाड़ा कर प्रतियोगी परीक्षा में फेल हुए अभ्यर्थियों को भी नियुक्ति दे दी. वहीं कुछ अभ्यर्थियों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्तियां दी गई.

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याचिका में कहा गया कि प्रतियोगी परीक्षा में सफल रहे एक सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी को ओबीसी वर्ग में नियुक्त किया गया. ऐसे में नियुक्तियों में हुए भ्रष्टाचार को देखते हुए मामले की स्वतंत्र एजेंसी से निष्पक्ष जांच कराई जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने सक्षम अधिकारी को शिकायत देने के निर्देश देते हुए याचिका का निस्तारण कर दिया है.

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