जयपुर. नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (National Centre for Disease Control) और राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस (Rajasthan University of Health Sciences) के बीच शनिवार को एक एमओयू (Memorandum Of Understanding) साइन किया गया. जिसके तहत नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल की ओर से एक सेंटर जयपुर में खोला जाएगा और अब कम्युनिकेबल डिजीज यानी संक्रामक रोगों की पहचान आसानी से हो सकेगी.
राजस्थान से बाहर भेजे जाते थे सैंपलः दरअसल प्रदेश में जब कोविड-19 संक्रमण के मामले फैलने लगे तो इस दौरान कोविड-19 के अलग-अलग स्ट्रेन भी सामने आए. जिनमें डेल्टा,ओमिक्रोन, अल्फा आदि शामिल हैं. ऐसे में इन नए स्ट्रेन की जानकारी के लिए सैंपल राजस्थान से बाहर भेजे जाते थे. हालांकि कुछ समय पहले SMS मेडिकल कॉलेज में जिनोम सीक्वेंसिंग की व्यवस्था शुरू की गई थी. लेकिन यह नाकाफी साबित हो रही थी. जिसके बाद आरयूएचएस और एनसीडीसी के बीच एमओयू साइन किया गया है और अब आर यू एच एस अस्पताल में एक सेंटर एनसीडीसी की ओर से खोला जाएगा.
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जयपुर में खुलेगा सेंटरः RUHS के कार्यवाहक वीसी डॉक्टर सुधीर भंडारी ने बताया कि एनसीडीसी केंद्र सरकार के अधीन कार्य करती है. इस सेंटर का मकसद देश में कम्युनिकेबल डिजीज की पहचान करना है. इससे जुड़े सभी रिसर्च इस सेंटर की ओर से किए जाते हैं. जिसके बाद ही बीमारियों से जुड़े वायरस और बीमारियों का पता लग पाता है. भंडारी ने बताया कि ऐसे में RUHS और एनसीडीसी के बीच एक एमओयू साइन किया गया है. जिसके बाद एनसीडीसी का एक सेंटर जयपुर में भी खुल सकेगा और बीमारियों को लेकर काफी रिसर्च किया जा सकेगा.