जयपुर. राजस्थान सरकार की ओर से बिजली में प्रति यूनिट 33 पैसे पर यूनिट फ्यूल सरचार्ज वसूल करने का निर्णय लिया गया है. इसको लेकर आमजनता में रोष व्याप्त है. इस फैसले का लोगों ने विरोध जताते हुए कहा की पहले ही जनता लगातार बढ़ती महंगाई से त्रस्त है. ऐसे में अब बिजली बिलों पर फ्यूल सरचार्ज लगाया जाना आमजनता पर दोहरी मार की तरह है.
दरअसल, घाटे को पूरा करने के लिए सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं से 33 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल सरचार्ज फसूलने का निर्णय किया है. इस सरचार्ज से सरकार 550 करोड़ रुपए का घाटा पूरा करेगी और अगले तीन महीनों में बिजली के बिलों में सरचार्ज जोड़कर इस राशि को वसूल किया जाएगा. इससे आम जनता से 850 रुपए तक की वसूली होगी.
विकास कुमार ने कहा कि कोरोना के कारण आमजनता की आर्थिक स्थिति पहले ही खराब है. ऊपर से देश-प्रदेश में लगातार बढ़ती महंगाई से आम आदमी की जैब पहले से ही खाली है. ऐसे में अब प्रदेश सरकार की ओर से बिजली बिलों में प्रति यूनिट 33 पैसे फ्यूल सरचार्ज वसूलना लोगों पर महंगाई की दोहरी मार की तरह है. ईमानदार उपभोक्ताओं को इससे ज्यादा परेशानी होगी.
गृहणी पूनम शर्मा ने कहा कि बिजली के बिलों पर फ्यूल सरचार्ज बढ़ाने से आम आदमी की कमर टूट गई है. पानी और बिजली पहले से ही महंगी थी और अब सरकार ने सरचार्ज बढ़ाकर बिजली को और महंगा कर दिया है. पहले से ही रसोई का बजट बिगड़ा हुआ था और इससे रसोई का बजट और ज्यादा बिगड़ जाएगा. फ्यूल सरचार्ज से आम जनता पर महंगाई की दोहरी मार पड़ी है.
जयपुर में रहकर पढ़ाई कर रही चंपा ने बताया कि वह मध्यमवर्गीय परिवार से आती है और सीमित रूप से ही उसे घर के लिए खर्चा मिलता है. पहले ही महंगाई के कारण एक-एक पैसा जोड़कर घरवाले खर्चा भेज रहे थे और उसमें से बचत कर अन्य काम कर रहे थे. लेकिन सरकार ने फ्यूल सरचार्ज बढ़ाकर हमें परेशानी में डाल दिया है. किराए के मामले में मकान मालिक कोई रियायत नहीं देते हैं और सरचार्ज बढ़ाने से बिजली का और अधिक पैसा देना पड़ेगा. चंपा ने नाराजगी जताते हुए कहा कि पहले ही सरकार हमें रोजगार नहीं दे रही और अब फ्यूल सरचार्ज बढ़ाकर हमें मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है.
राजकुमार चौधरी ने कहा कि सूबे की गहलोत सरकार संवेदनशील मानी जाती है वह गरीबों के साथ रहती है लेकिन इन दिनों सरकार जो काम कर रही है. उससे लगता है कि गहलोत सरकार गरीबों के बारे में कुछ नहीं सोचती है. रोजगार सृजित करने की बजाय गहलोत सरकार अपने घाटे की पूर्ति आम जनता पर सरचार्ज लगाकर कर रही है. यह किसी भी मायने में सही नहीं है. अभी कोरोना से संभले भी नहीं और सरकार ने फ्यूल सरचार्ज बढ़ा दिया. उन्होंने कहा कि जिस तरह से केंद्र की मोदी सरकार पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाकर कुछ पैसे कम कर दिए और आम जनता को बेवकूफ बना दिया. कम से कम गहलोत सरकार यह काम न करें.
राजकुमार चौधरी ने गहलोत सरकार से अपील की कि गहलोत सरकार रोजगार सृजित करें और आम जनता को जीने के साधन मुहैया कराए. सरकार को आम जनता की आमदनी बढ़ाने के बारे में सोचना चाहिए. लेकिन उन्होंने कहा कि सरकार ईमानदार उपभोक्ताओं से तो पैसा वसूल कर लेगी लेकिन जो अवैध तरीके से बिजली का उपयोग कर रहे हैं. उनके बारे में सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही. इससे बेईमान उपभोक्ताओं का भार भी ईमानदार उपभोक्ताओं पर पड़ रहा है. यदि सरकार समय रहते उन पर कार्रवाई करें तो सरकार को फ्यूल सरचार्ज लेने की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी.