जयपुर. शहर में गुरुवार को सहकार भवन में सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित हुई. इस दौरान रजिस्टार और विभाग के प्रमुख शासन सचिव नरेश पाल गंगवार ने कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए.
उन्होंने कहा कि सहकारिता विभाग के कार्यों में विविधता लाई जाएगी और सहकारी समितियों के परंपरागत कार्यों के साथ नवाचारों और अन्य कार्यों की शुरुआत करके आर्थिक व्यवसाय में बढ़ोतरी की जाएगी. योजनाओं में और व्यावहारिकता लाने के लिए सहकारिता विभाग में प्रबंध निदेशकों की कमेटी भी बनाई जाएगी.
पढ़ेंः बजरी से भरे ट्रैक्टर-ट्रॉली को पुलिस ने किया जब्त, एमएमआरडी अधिनियम के तहत मामला दर्ज
सहकारिता विभाग के अधिकारियों की बैठक को संबोधित करते हुए गंगवार ने कहा कि सीबीसी के 5 प्रबंध निदेशकों की एक टीम बनाई जाएगी, जो गौण मंडी और उपज रहन ऋण योजना को और व्यवहारिक बनाने के लिए अपनी रिपोर्ट देगी. उन्होंने कहा कि किसानों को उपज बेचान के लिए सहकारी समितियों को गौण मंडी बनाने से 18 हजार से अधिक किसानों को इसका लाभ मिला है और सरकारी समितियों की आय में भी बढ़ोतरी हुई है.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा उपज रहन ऋण योजना शुरुआत से ही किसानों को अच्छा लाभ मिल रहा है और 473 सहकारी समितियों ने काम प्रारंभ कर 1100 से अधिक किसानों को इसका लाभ दिया है. इस योजना में किसानों को 3 प्रतिशत ब्याज पर ऋण मिल रहा है. उन्होंने कहा कि उनके लिए कार्य करने वाली सहकारी समितियों और कार्मिकों के लिए शीघ्र ही स्कीम जारी की जाएगी.
रजिस्ट्रार ने कहा कि कृषि व्यवसाय और कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति का लाभ ग्राम सेवा सहकारी समितियों को मिले, इसके लिए भी संभावनाओं को तलाशा जाएगा. ग्राम सेवा सहकारी समितियों में निजी गोदाम भी किराए पर ले सके, इस संबंध में विचार किया जाए और परीक्षण कर निर्देश भी जारी किए जाएं.
पढ़ेंः जयपुर: पुलिस ने दो वाहन चोरों को किया गिरफ्तार, नशा पूर्ति के लिए करते थे चोरी
सहकारी समितियों के आर्थिक वृद्धि करने का विशेष प्लान तैयार करना होगा. जिससे समितियां अपने क्षेत्र के लोगों को गुणवत्तापूर्ण सेवाएं उपलब्ध करा सके. बैठक में रश्मि गुप्ता, जीएल स्वामी, विद्याधर गोदारा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे.