जयपुर. प्रदेश में भर्ती प्रक्रिया के सुदृढ़ीकरण और इसमें सुधार के लिए गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है. दरअसल, सीएम गहलोत ने प्रदेश की विभिन्न राजकीय सेवाओं में भर्तियों की प्रक्रिया को समय पर पूरा करने और राज्य लोक सेवा आयोग और राज्य कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से निर्धारित कैलेण्डर के अनुरूप भर्तियों को सम्पन्न कराने के उद्देश्य से यह उच्च स्तरीय समिति गठित करने के निर्देश दिए थे.
इसके साथ ही, भर्ती परीक्षाओं में नकल और पेपर लीक जैसी घटनाओं को रोकने के उपाय, विभिन्न सेवा नियमों की समीक्षा करने, समान पात्रता परीक्षा के साथ भर्ती प्रक्रिया में न्यायिक विवादों को उत्पन्न होने से रोकने के संबंध में सुझाव देने सहित भर्ती प्रक्रिया में सुधार से संबंधित अन्य विषय भी समिति के कार्यक्षेत्र में निर्धारित किए गए.
कुमावत ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि 10 अप्रैल, 2021 को गठन के बाद से ही समिति ने आरपीएससी, राज्य कर्मचारी चयन बोर्ड, विभिन्न विभागों सहित भारत सरकार और विभिन्न राज्यों के भर्ती बोर्डाें और अन्य एजेंसियों से निरंतर संवाद कर आवश्यक सूचनाएं संकलित की है. गठन के बाद 13 अप्रैल, 2021 को समिति की पहली बैठक आयोजित की गई. इसके बाद से इस अवधि में समिति ने कुल 13 बैठकें और विभिन्न भर्ती एजेंसियों से समन्वय और विस्तृत विश्लेषण के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की है.
एमएल कुमावत ने बताया कि समिति को 1 महीने में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी थी, लेकिन कोरोना महामारी की दूसरी लहर और लॉकडाउन की परिस्थितियों के मद्देनजर रिपोर्ट प्रस्तुत करने में 2 महीने का अतिरिक्त समय लग गया. हालांकि, इस रिपोर्ट में किस तरह के सुझाव दिए गए हैं यह सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन जिस तरीके से इस कमेटी ने आधा दर्जन से ज्यादा अलग-अलग बैठक करके जो सुझाव लिए और अपनी रिपोर्ट दी, उसके बाद बेरोजगार अभ्यार्थी इस बात की उम्मीद कर सकते हैं कि आने वाले समय में जो भर्तियां होंगी वह किसी तरह से कानूनी अड़चनों और घोटालों में नहीं फंसेंगी.