जयपुर. लॉकडाउन में निजी स्कूलों की फीस तय करने के लिए अब राज्य सरकार ने कमेटी का गठन कर दिया है. स्कूल शिक्षा और भाषा विभाग की प्रमुख शासन सचिव अपर्णा अरोड़ा ने इसके लिए एक आदेश जारी किया है. यह कमेटी एक सप्ताह में अपने सुझाव सरकार को देगी.
हाईकोर्ट की डबल बेंच विशेष अपील सुनील समदरिया बनाम राज्य सरकार व अन्य तथा नौ अन्य विशेष अपीलों में राजस्थान उच्च न्यायालय जयपुर ने 14 अक्टूबर को एक आदेश पारित किया था. आदेश की पालना में कोविड महामारी को देखते हुए गैर सरकारी शिक्षण संस्थाओं द्वारा अभिभावकों से फीस लेने के संबंध में राज्य सरकार को सुझाव देने के लिए अधिकारियों की एक कमेटी बनाई गई है.
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इस कमेटी में माध्यमिक शिक्षा राजस्थान, बीकानेर के निदेशक को अध्यक्ष बनाया गया है. साथ ही शिक्षा (ग्रुप 2) विभाग के संयुक्त शासन सचिव, शिक्षा विभाग के वरिष्ठ संयुक्त विधि परामर्शी और प्रारंभिक शिक्षा विभाग के उप शासन सचिव को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है. यह कमेटी पीटीशनर्स और अपीलार्थीयों से भी उनका पक्ष सुनेगी और गैर सरकारी शिक्षण संस्थाओं द्वारा शैक्षणिक सत्र 2020 21 में अभिभावको से फीस वसूल किए जाने के संबंध में अपने सुझाव एक सप्ताह में राज्य सरकार को देगी.
बता दें कि लॉक डाउन में निजी स्कूल नहीं खुलने के बावजूद भी संचालक अभिभावकों से पूरी फीस वसूल कर रहे हैं. अभिभावकों का कहना है कि लॉकडाउन में जब स्कूल बंद रहे तो स्कूल संचालकों को फीस नहीं लेनी चाहिए. सरकार ने भी कहा था कि जब तक स्कूल नहीं खुलेंगे तब तक फीस नहीं ली जाएगी.
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इन सब के बावजूद भी निजी स्कूल संचालक अभिभावकों पर फीस वसूलने के लिए दबाव बना रहे हैं. अभिभावकों ने निजी स्कूल संचालकों द्वारा धमकियां देने का भी आरोप लगाया है. लगातार अभिभावक निजी स्कूल संचालकों की ओर से फीस वसूलने के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं. अब यह मामला हाईकोर्ट पहुंच चुका है.