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जयपुर : नए मोटर व्हीकल एक्ट का विरोध, 20 जुलाई को चक्का जाम की चेतावनी

प्रदेश में 8 जुलाई 2020 को राज्य सरकार के की ओर से मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन कर उसे लागू किया गाया है. जिसके बाद नए मोटर व्हीकल एक्ट को लेकर ट्रांसपोर्ट यूनियनों का विरोध जारी है. नए मोटर व्हीकल एक्ट के विरोध में राजस्थान कमर्शियल वाहन महासंघ सोसिएशन की ओर से 20 जुलाई को चक्का जाम करने की चेतावनी दी गई है.

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नए मोटर व्हीकल एक्ट का विरोध
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Published : Jul 16, 2020, 7:53 PM IST

जयपुर. देश भर में 1 सितंबर 2019 को केंद्र सरकार के की ओर से नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू किया गया था. जिसके बाद 8 जुलाई 2020 को राज्य सरकार की ओर से भी मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन कर उसको लागू कर दिया गया है. इसे लेकर परिवहन विभाग की ओर से भी अधिसूचना जारी हो गई है. लेकिन अब प्रदेश में लागू हुए नए मोटर व्हीकल एक्ट का लगातार ट्रांसपोर्ट यूनियनों की ओर से विरोध किया जा रहा है.

नए मोटर व्हीकल एक्ट का विरोध

राजस्थान कमर्शियल वाहन महासंघ सोसिएशन के अध्यक्ष दिलीप महरौली ने बताया कि संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट राजस्थान में लागू हो गया है. इसका राज्य स्तर पर ट्रांसपोर्टर विरोध भी कर रहे हैं. कोविड-19 काल में ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों ने कोरोना वॉरियर की तरह जान जोखिम में डालकर सप्लाई लाइन को कायम रखा. अभी देश भर में बुरी तरह कोरोनावायरस फैल रहा है. इन परिस्थितियों में उत्पादन की स्थिति भी सामान्य नहीं है. ऐसे में कोरोना से ट्रांसपोर्ट व्यवसायी भी पूरी तरह उबर नहीं पा रहा है.

वहीं, कमर्शियल वाहन महासंघ के महासंघ के संयोजक अनिल आनंद ने कहा कि सरकार ने अब कोरोना काल में नया आदेश भी जारी कर दिया है. उन्होंने कहा कि यह आदेश विभागीय उत्पीड़न की श्रेणी में ही आता है. जबकि ऐसी परिस्थिति में समृद्ध सोच की आवश्यकता होनी चाहिए थी और जुर्माने को पूरी तरह से ठप कर देना चाहिए था. इसे लेकर ट्रांसपोर्ट व्यवसायी परिवहन मंत्री से भी गुहार लगा रहे हैं.

ये पढ़ें: राजस्थान आवासन मंडल ने 11 दुकान और 371 मकानों को बेचा, 67 करोड़ रुपये का मिला राजस्व

इसके साथ ही संयोजक अनिल आनंद ने परिवहन मंत्री को पत्र लिखकर कहा कि इस समय हर व्यापार को रियायत देने का समय है. जिससे कमजोर मोटर मालिक मंदी का सामना कर सके. उन्होंने कहा कि राजस्थान खनिज उत्पादक राज्य है. लोडिंग स्थल पर काटा नहीं होने से वजन थोड़ा ऊपर नीचे हो जाता है. इसका आभास ही नहीं होता है. ऐसी परिस्थिति में इतने भारी ओवरलोड जुर्माने गाड़ी वाला देने में सक्षम नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि नंबर प्लेट का जुर्माना भी किया गया है जो बिल्कुल गलत है. ऐसे में राज्य सरकार को राहत देनी चाहिए और मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन कर इस राशि को और कम करना चाहिए.

20 जुलाई को नहीं चलेंगे वाहन...

राजस्थान कमर्शियल वाहन महासंघ के संयोजक दिलीप महरौली ने बताया कि आने वाली 20 जुलाई को राजधानी जयपुर सहित प्रदेश के सभी इलाकों में 1 दिन के लिए कमर्शियल वाहन का चक्का जाम भी किया जाएगा. जिससे कि परिवहन विभाग की आंखें खुल सके और विभाग उन सभी लोगों को रियायत भी दे. इसके साथ ही महरौली ने कहा कि यदि 1 दिन के चक्के जाम से नहीं सरकार हमारी बात नहीं समझती है, तो आने वाले दिनों में एक बार फिर संपूर्ण प्रदेश में कमर्शियल वाहन महासंघ के की ओर चक्का जाम किया जाएगा. जब तक सरकार उनकी मांगें नहीं मानेगी तब तक चक्का जाम जारी रहेगा.

जयपुर. देश भर में 1 सितंबर 2019 को केंद्र सरकार के की ओर से नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू किया गया था. जिसके बाद 8 जुलाई 2020 को राज्य सरकार की ओर से भी मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन कर उसको लागू कर दिया गया है. इसे लेकर परिवहन विभाग की ओर से भी अधिसूचना जारी हो गई है. लेकिन अब प्रदेश में लागू हुए नए मोटर व्हीकल एक्ट का लगातार ट्रांसपोर्ट यूनियनों की ओर से विरोध किया जा रहा है.

नए मोटर व्हीकल एक्ट का विरोध

राजस्थान कमर्शियल वाहन महासंघ सोसिएशन के अध्यक्ष दिलीप महरौली ने बताया कि संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट राजस्थान में लागू हो गया है. इसका राज्य स्तर पर ट्रांसपोर्टर विरोध भी कर रहे हैं. कोविड-19 काल में ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों ने कोरोना वॉरियर की तरह जान जोखिम में डालकर सप्लाई लाइन को कायम रखा. अभी देश भर में बुरी तरह कोरोनावायरस फैल रहा है. इन परिस्थितियों में उत्पादन की स्थिति भी सामान्य नहीं है. ऐसे में कोरोना से ट्रांसपोर्ट व्यवसायी भी पूरी तरह उबर नहीं पा रहा है.

वहीं, कमर्शियल वाहन महासंघ के महासंघ के संयोजक अनिल आनंद ने कहा कि सरकार ने अब कोरोना काल में नया आदेश भी जारी कर दिया है. उन्होंने कहा कि यह आदेश विभागीय उत्पीड़न की श्रेणी में ही आता है. जबकि ऐसी परिस्थिति में समृद्ध सोच की आवश्यकता होनी चाहिए थी और जुर्माने को पूरी तरह से ठप कर देना चाहिए था. इसे लेकर ट्रांसपोर्ट व्यवसायी परिवहन मंत्री से भी गुहार लगा रहे हैं.

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इसके साथ ही संयोजक अनिल आनंद ने परिवहन मंत्री को पत्र लिखकर कहा कि इस समय हर व्यापार को रियायत देने का समय है. जिससे कमजोर मोटर मालिक मंदी का सामना कर सके. उन्होंने कहा कि राजस्थान खनिज उत्पादक राज्य है. लोडिंग स्थल पर काटा नहीं होने से वजन थोड़ा ऊपर नीचे हो जाता है. इसका आभास ही नहीं होता है. ऐसी परिस्थिति में इतने भारी ओवरलोड जुर्माने गाड़ी वाला देने में सक्षम नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि नंबर प्लेट का जुर्माना भी किया गया है जो बिल्कुल गलत है. ऐसे में राज्य सरकार को राहत देनी चाहिए और मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन कर इस राशि को और कम करना चाहिए.

20 जुलाई को नहीं चलेंगे वाहन...

राजस्थान कमर्शियल वाहन महासंघ के संयोजक दिलीप महरौली ने बताया कि आने वाली 20 जुलाई को राजधानी जयपुर सहित प्रदेश के सभी इलाकों में 1 दिन के लिए कमर्शियल वाहन का चक्का जाम भी किया जाएगा. जिससे कि परिवहन विभाग की आंखें खुल सके और विभाग उन सभी लोगों को रियायत भी दे. इसके साथ ही महरौली ने कहा कि यदि 1 दिन के चक्के जाम से नहीं सरकार हमारी बात नहीं समझती है, तो आने वाले दिनों में एक बार फिर संपूर्ण प्रदेश में कमर्शियल वाहन महासंघ के की ओर चक्का जाम किया जाएगा. जब तक सरकार उनकी मांगें नहीं मानेगी तब तक चक्का जाम जारी रहेगा.

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