जयपुर. अतिरिक्त जिला न्यायालय जयपुर जिला ने नगर निगम की कार्यप्रणाली पर (Comment of Additional District Court) कड़ी टिप्पणी की है. अदालत ने कहा है कि नगर निगम की ओर से शहर वासियों से यूजर चार्ज और यूडी टैक्स आदि (corporation collects user charge and UD tax ) के रूप में शुल्क की वसूली की जाती है. इस राशि का उपयोग नगर निगम आवारा पशुओं को नियंत्रित करने और विकास कार्यो में करता है, लेकिन ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है कि उन्होंने आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए कोई कार्रवाई की हो.
निगम की लापरवाही के कारण बंदरों के आतंक के चलते एक पन्द्रह साल की बालिका की मौत हुई है. साथ ही अदालत ने नगर निगम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, लालकोठी और मानसरोवर जोन उपायुक्त पर 4 लाख 65 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. अदालत ने यह आदेश कमलेश कुमार व अन्य की ओर से दायर क्षतिपूर्ति दावे पर सुनवाई करते हुए दिए. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि नगर निगम स्वायत्तशासी संस्था है. निगम का विधिक और नैतिक दायित्व है कि वह आवारा पशुओं को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त व्यवस्था करे, जिसके चलते कोई अप्रिय घटना नहीं हो. दावे में कहा गया कि मानसरोवर स्थित स्वर्णपथ और आसपास की कॉलोनियों के निवासी बंदरों के आतंक से परेशान हैं.
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बंदर आए दिन लोगों को काटते हैं और घरों में घुसकर सामान को नुकसान पहुंचाते हैं. उनकी पन्द्रह साल की बेटी याशिका सोनी 18 नवंबर 2014 को छत से सूखे कपड़े लेने गई थी. छत पर बंदरों के झुंड ने याशिका को घेर लिया और जगह-जगह काटकर घायल कर दिया. बंदरों से बचने के लिए बच्ची छत पर दौडी, लेकिन बंदरों ने उस पर हमला जारी रखा. इस दौरान दूसरी मंजिल से गिरने के चलते उसकी 23 नवंबर को मौत हो गई.