जयपुर. भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और जयपुर ग्रामीण सांसद कर्नल राज्यवर्धन ने मुख्यमंत्री गहलोत के ट्वीट जिसमें उन्होंने राजस्थान के सांसदों से दिल्ली में ऑक्सीजन और दवाइयों के मामले में राजस्थान की बात गम्भीरता से रखने की बात कही है कि कड़ी भर्तसना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए बार-बार केन्द्र सरकार पर अर्नगल आरोप लगा रहें है. मुख्यमंत्री के ट्वीट पर रिट्वीट करते हुए राठौड़ ने केंद्र सरकार द्वारा राजस्थान को दी जा रही सहायता की जानकारी भी साझा की है.
भाजपा सांसद राज्यवर्धन सिंह ने एक बयान जारी कर कहा कि मुख्यमंत्री ने पूरे कोरोना काल में प्रदेश की जनता को किसी प्रकार की राहत नहीं पहुंचाई. उन्होंने प्रदेश की गरीब जनता के पानी-बिजली के बिल माफ करना तो दूर उनके लिए निःशुल्क राशन की व्यवस्था तक नहीं की. मुख्यमंत्री की प्रदेश की जनता के प्रति कोई जिम्मेदारी है या नही? प्रदेश की सरकार अपने दायित्व का निर्वहन करें और केन्द्र से मिल रहे साधनों का लाभ राज्य सरकार जनता तक पहुंचाए.
कर्नल राज्यवर्धन ने कहा प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार द्वारा राजस्थान को अब तक 1.275 करोड़ वैक्सीन, 26,500 रेमडेसिवीर इंजेक्शन, 160 मीट्रिक टन ऑक्सीजन और 1900 वेंटिलेटर की मदद तुरन्त की जा चुकी है. राजस्थान के सभी सांसद पूरे मनोयोग से प्रदेश की जनता को आवश्यक दवाएं और चिकित्सा सहायता उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है, जबकि गहलोत सरकार ने 2000 से अधिक ऑक्सीजन काॅन्संट्रेटर खरीदने का टेंडर रद्द कर दिया है. राजस्थान में कोरोना से हालात लगातार खराब हो रहें है, वहां मुख्यमंत्री जनता की सेवा करने के बजाए केन्द्र सरकार को कोसनें में लगे हुए हैं. इन हालातों में गहलोत सरकार को अस्पतालों में पेरामेडिकल स्टाफ, रेडियोग्राफर, लेब टेक्नीशियन की भर्ती करनी चाहिए, जिससे कोरोना मरीजों को तुरन्त सहायता मिल सके, इसके बारे में उन्हें सोचना चाहिए.
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कर्नल राज्यवर्धन ने जारी बयान में कहा कि कहा प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना से लड़ाई के लिए देश में बड़ा एन्फ्रास्ट्रेक्चर तैयार किया है. 2014 में 380 मेडिकल काॅलेज थे अब 2020 में इनकी संख्या 565 हो गई है. अंडर ग्रेजुएट सीट्स को 58 प्रतिशत बढ़ा दिया गया और मेडिकल की ग्रेजुएट सीट्स को 80 प्रतिशत बढ़ा दिया गया. 2014 में पूरे देश में 6 एम्स थे और आज की तारीख में 15 एम्स और स्वीकृत हो गए हैं, जिसमें से 6 ऑपरेशनल है, 75 सुपर स्पेशलिटी और ट्रॉमा सेन्टर्स स्वीकृत हो चुके हैं, जिसमें से 38 ऑपरेशनल है, जिसमें से 22 आज कोविड सेन्टर्स बन गए हैं, जो कोविड की लडाई में शामिल है. 2014 से पहले देश में पीपीई किट्स, वैंटीलेटर्स आदि नहीं बनते थे. वे आज पूरी तरह से भारत में बन रहें है, भारत उसमें आत्मनिर्भर हो गया है. यही नहीं कोविड की वैक्सीनेशन भारत ने बनाई और आज पूरे देश में वैक्सीनेशन करने का बहुत बड़ा अभियान चल रहा है.