जयपुर. जिले में मंगलवार को एक युगल ने जयपुर से 800 किलोमीटर दूर अपने घर के लिए पैदल ही निकलने का फैसला कर लिया. जबकि महिला आठ माह से गर्भवती है. ऐसे में जब यह बात जिला कलेक्टर जोगाराम तक पहुंची तो उन्होंने फौरन उनके घर वाहन भेजकर बस में विशेष व्यवस्था कराई.
मघ्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले के नजदीक रायपुर के निवासी यह पति-पत्नी वहां बजरी खनन पर रोक के कारण सालभर पहले ही जयपुर आ गए थे और हाथोज में आस-पास चल रहे निर्माण कार्यों में बेलदारी करते थे. उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण वह पैदल ही मध्यप्रदेश निकलने वाले थे. जानकारी मिलते ही जिला कलेक्टर डॉ. जोगाराम के निर्देश पर एक अधिकारी को उनसे मिलने भेजा गया.
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दीपक ने बताया कि उसने हर जगह आवेदन कर रखा है और घर का सामान भी इस उम्मीद में बांधकर रखा है कि ना जाने कब चलने का मौका आ जाए, लेकिन अभी तक जाने का नम्बर नहीं आया. इतना बताने पर जिला प्रशासन के अधिकारी उसके किराए के घर पर गए, मकान मालिक से भी बात की और सामान के साथ इस युगल को अपनी ही गाड़ी में लेकर सांगानेर के जसोदा देवी शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय पहुंचे.
यहां एक बस पहले ही पैदल जा रहे श्रमिकों को मध्यप्रदेश की सीमा पर छबड़ा में श्रमिक कैम्पों तक छोड़ने जाने के लिए तैयार खड़ी थी. इस दम्पती को रास्ते के लिए भोजन-पानी की व्यवस्था कर इसी बस में उनको भी छबड़ा में कैम्पों के लिए रवाना कर दिया गया. साथ ही बारां के जिला प्रशासन को सूचित कर दिया गया है.
जिला कलक्टर डॉ.जोगाराम ने कहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पैदल घरों को जाने वाले सभी श्रमिकों से की गई अपील 'प्रशासन आपके लिए वाहनों की व्यवस्था कर रहा है, कृपया पैदल नहीं निकले’’ से प्रेरित जिला प्रशासन इस मुद्दे पर पहले ही हाई अलर्ट पर है. उन्होंने किसी भी श्रमिक को पैदल जाने के बजाय जिला प्रशासन से सम्पर्क करने को कहा है. जिससे उनके घरों को जाने की उचित व्यवस्था कराई जा सके.