जयपुर. एसीबी की विशेष अनुसंधान इकाई जयपुर के ग्रामीण इलाकों में पेयजल सप्लाई को लेकर हुए भ्रष्टाचार के खुलासे के बाद घूसखोरी की कई परतें खुलती जा रही हैं. एसीबी ने 26 सितंबर को पीएचईडी के चीफ इंजीनियर मनीष बेनीवाल को 10 लाख रुपए की रिश्वत लेते मालवीय नगर में उनके सरकारी क्वार्टर पर पकड़ा था. जिसमें पेयजल सप्लाई करने वाली कंपनी का दलाल कजोड़मल तिवाड़ी भी रिश्वत देते ट्रैप हुआ था. दलाल रिश्वत मांगने के लिए कोडवर्ड का इस्तेमाल करता था, जिसमें 'भोग' और 'प्रसाद' जैसे शब्द शामिल (Codewords used in taking bribe in PHED) थे.
एसीबी की गिरफ्त में आया दलाल कजोड़मल एक पूर्व मंत्री का खास हुआ करता था. एसीबी की जांच में यह तथ्य सामने आए हैं कि कजोड़मल तिवाड़ी पहले सरकारी टीचर था, जो बाद में नौकरी छोड़कर कई अफसरों व कर्मचारियों के लिए दलाली करने लगा. करीब छह महीने से एसीबी फोन सर्विंलांस के जरिए इन पर निगरानी कर रही थी. अभी भी इस पूरे प्रकरण में एसीबी की जांच जारी है और विभाग के कई अधिकारी व कर्मचारी एसीबी की रडार पर हैं.
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कोडवर्ड में होती रिश्वत की बात: एसीबी की विशेष अनुसंधान इकाई के एडिशनल एसपी बजरंग सिंह शेखावत ने बताया कि प्रकरण में रिश्वत के लेनदेन को लेकर चीफ इंजीनियर के लिए दलाली करने वाला कजोड़मल फोन पर होने वाली बातचीत में कोडवर्ड का इस्तेमाल करता था. इसमें रिश्वत के लिए 'स्टांप', 'अटेची', 'भोग' व 'प्रसाद' शब्द का प्रयोग होता था. एसीबी के अनुसंधान में सामने आया कि रिश्वत लेते पकड़े गए चीफ इंजीनियर मनीष बेनीवाल के खिलाफ वर्ष 2006 और इसके कुछ वर्ष बाद आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने व पद के दुरुपयोग के मुकदमे भी दर्ज हुए थे. 17 सितंबर को हुई बातचीत में कजोड़मल ने कहा कि मनीष बेनीवाल लालची प्रवृत्ति का है. टेंडर जारी हो गया है, अब 'अटैची' तैयार रखना.
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ट्रांसफर होने के चलते बचा सीपीडब्ल्यू का चीफ इंजीनियर: एडिशनल एसपी बजरंग सिंह शेखावत ने बताया कि शहर में पेयजल सप्लाई करने वाली फर्मों को टेंडर देने की एवज में जलदाय विभाग के अफसर लाखों रुपए की रिश्वत वसूल रहे थे. एसीबी की जांच में सामने आया कि दलाल कजोड़मल जयपुर में सीपीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर बनवारी लाल मीणा के लिए भी रिश्वत वसूल करता था. एसीबी के पास बनवारी लाल के खिलाफ पुख्ता सबूत इकट्ठे हो गए थे, लेकिन एसीबी उसे पकड़ती इसके पहले ही उसका ट्रांसफर हरियाणा हो गया और वह बच निकला.