जयपुर. प्रदेश की जनकल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने को लेकर हुई मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की क्लास में 26 जिलों के जिला कलेक्टर फेल हो गए. सीएम गहलोत ने कमजोर प्रदर्शन वाले 26 जिला कलेक्टर्स के रवैये पर नाराजगी जताई. साथ ही इन जिलों में शिकायत निस्तारण में सुधार की नसीहत दी. इस दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में काम में लापरवाही बरतने वाले हिंडौन एसडीओ सुरेश कुमार यादव को सस्पेंड करने के आदेश दिए हैं.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर्स और संभागीय आयुक्त के साथ हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जिन जिलों की कमजोर परफॉर्मेंस रही उनमें जयपुर, कोटा, नागौर, बीकानेर, जालोर, जोधपुर, भरतपुर और पाली शामिल है. इन जिलों की शिकायतें ज्यादा है. वहीं, इनमें भी जयपुर और भरतपुर की सबसे कमजोर रिपोर्ट सामने आई. वहीं, प्रतापगढ़, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, धौलपुर, चूरू, बाड़मेर और सिरोही जिले की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में परफॉर्मेंस अच्छी समने आई.
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि जन शिकायत निवारण में देर ना हो. इसके लिए उनके पास जो परिवादी आए और वे जो निर्देश दें उस पर तुरन्त कार्रवाई हो. साथ ही उन्होंने कहा कि या तो उसे बताया जाए कि काम क्यों नहीं हो सकता.
सीएम गहलोत ने वीसी में 65 बिंदुओं पर की चर्चा
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सर्विस डिलीवरी पर जोर देते हुए मापदंडों पर खड़ा नहीं उतरने वाले कलेक्टर्स को फटकार मिली. सीएम गहलोत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कहा कि निःशुल्क दवा योजना में अनुपलब्धता का कोई शब्द नहीं होना चाहिए और दवाइयों का एडवांस स्टॉक रहना चाहिए ताकि जरूरतमंद को तुरंत दवा मिल सके.
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सीएम गहलोत ने खाद्य आपूर्ति के लिए कहा कि अक्सर देखा जाता है कि पात्र और अपात्र की वजह से जरूरत मंद को लाभ नहीं मिल पाता है. पात्र और अपात्र कौन है इसकी जांच में समय नहीं गंवाया जाए. उन्होंने कहा कि खाद्यान्न आपूर्ति सुनिश्चित की जाए. सीएम ने कहा कि पेंशन और नरेगा में बजट की कोई कमी नहीं है और बजट की वजह से कोई काम नहीं रुकेगा.