जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि दिव्यांगों ने शारीरिक बाधाओं के बावजूद अपने काम से पूरी दुनिया में नाम किया है. उनकी योग्यता को देखकर संयुक्त राष्ट्र संघ ने 1992 में 3 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस मनाने की घोषणा की. इसके बाद सरकारों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रयासों से दिव्यांगों के सामाजिक, आर्थिक एवं सर्वांगीण उत्थान की दिशा में काफी काम हो सका. हमारा प्रयास है कि दिव्यांग जनों को अधिकाधिक सुविधाएं मिलें जिससे वे अपनी योग्यता साबित कर आत्मनिर्भर बन सकें.
सीएम अशोक गहलोत गुरूवार को अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री निवास से वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की ओर से आयोजित दिव्यांगता एवं पुनर्वास पर सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन एवं स्टीफन हाॅकिंग, मशहूर संगीतकार रवीन्द्र जैन, संत एवं कवि सूरदास एवं नृत्यांगना सुधा चंद्रन सहित कई ऐसी हस्तियां हैं, जो किसी न किसी दिव्यांगता से ग्रसित रहे हैं, लेकिन अपनी योग्यता से पूरी दुनिया में नाम किया.
उन्होंने कहा कि दिव्यांगों के प्रति समाज की सोच बदली है और उन्हें सम्मान मिल रहा है. हमारा प्रयास होना चाहिए कि हम दिव्यांगजन को हरसंभव मदद कर आगे बढ़ाएं, ताकि उनकी हीन भावना दूर हो और उनकी क्षमताओं का विकास हो सके. गहलोत ने कहा कि दुनिया के कई देषों में दिव्यांगजन को संबल प्रदान करने के लिए बेहतरीन काम हुए हैं. जिनसे उनकी प्रतिभा निखरी है और वे विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत में भी बड़ी संख्या में दिव्यांगजन हैं, उन्हें हम आधुनिक तकनीक के सहायक उपकरण तथा जरूरी सुविधाएं उपलब्ध करवाकर उनकी कुशलता में वृद्धि कर सकते हैं. इससे न केवल उनका आत्मविश्व बढ़ेगा, बल्कि वे समाज में सम्मानपूर्वक जीवन जी सकेंगे.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने दिव्यांगजन के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से कई महत्वपूर्ण काम किए हैं और फैसले लिए हैं. प्रदेश में राजकीय सेवाओं में दिव्यांगजन का आरक्षण तीन प्रतिशत से बढ़ाकर चार प्रतिशत किया गया है. राजकीय भवनों में दिव्यांगों के सहज आवागमन के लिए रैम्प सहित अन्य सुविधाएं विकसित की जा रही हैं. दिव्यांगों के कल्याण के लिए कार्य कर रहीं संस्थाओं के कार्मिकों के मानदेय में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है. उन्होंने कहा कि आगे भी हमारी सरकार दिव्यांगों के कल्याण के लिए संसाधनों में किसी तरह की कमी नहीं रखेगी.
सीआईआई, उत्तरी क्षेत्र के अध्यक्ष निखिल साहनी ने कहा कि सीआईआई दिव्यांगों के लिए देशभर में ऐसा वातावरण तैयार करना चाहता है, जिससे उन्हें रोजगार के क्षेत्र में आगे बढ़ने में मदद मिले. इसके लिए हमने नेशनल बिजनेस एंड डिसएबिलिटी नेटवर्क (आईबीडीएन) के सहयोग से एक ऑनलाइन नेटवर्क प्लेटफाॅर्म ‘संभव’ भी तैयार किया है.
भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति (जयपुर फुट) के संस्थापक एवं मुख्य संरक्षक डी आर मेहता ने कहा कि विगत कुछ वर्षों में दिव्यांगजन के लिए काफी काम हुए हैं, लेकिन अभी इनके लिए और अधिक सुविधाएं विकसित करने की आवश्यकता है.
राज्य स्तरीय दिव्यांगजन सम्मान समारोह...
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार दिव्यांगजनों के कल्याण तथा उन्हें कुशल मानवीय संसाधन के रूप में तैयार करने की दिशा में लगातार संवेदनशील निर्णय कर रही है. उन्होंने कहा कि जनघोषणा पत्र में हमने दिव्यांगजनों को बीपीएल के समान सुविधाएं देने का वादा किया था. जल्द ही इस संबंध में उचित निर्णय किया जाएगा. राजकीय सेवाओं में दिव्यांगों के लिए आरक्षण तीन प्रतिशत से बढ़ाकर चार प्रतिशत करने तथा उनकी सम्मान पेंशन राशि में बढ़ोतरी के बाद दिव्यांगजनों को संबल देने के उद्देश्य से राज्य सरकार का यह एक और बड़ा मानवीय निर्णय होग.
गहलोत मुख्यमंत्री निवास पर गुरूवार को अन्तरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के उपलक्ष्य में राज्य स्तरीय दिव्यांगजन सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे. वर्चुअल माध्यम से आयोजित इस कार्यक्रम में जुड़े जिला कलक्टरों ने विशिष्ट उपलब्धि अर्जित करने वाले दिव्यांगजनों तथा दिव्यांगों के कल्याण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रही संस्थाओं एवं उनके प्रतिनिधियों को जिलों में सम्मानित किया. साथ ही दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण भी प्रदान किए गए.