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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कार्यकाल का दूसरा बजट, सड़क दुर्घटनाओं पर रखा अपना फोकस

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Published : Feb 20, 2020, 3:13 PM IST

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को अपने कार्यकाल का दूसरा बजट पेश किया गया है. जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने परिवहन विभाग पर फोकस करते हुए विभाग को उसका बजट भी दे दिया है. इस बार बजट में जहां सड़क दुर्घटना मृत्यु दर कम करने को लेकर फोकस रखा गया है, वहीं आमजन को जागरूक करने के लिए ट्रैफिक पार्क स्थापित करने की घोषणा भी की गई है.

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सीएम ने सड़क दुर्घटनाओं पर रखा अपना फोकस

जयपुर. सीएम अशोक गहलोत ने गुरुवार को अपने मौजूदा कार्यकाल का दूसरा बजट पेश किया. जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने परिवहन विभाग पर फोकस करते हुए विभाग को उसका बजट भी दे दिया है.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से जारी किए गए बजट में, परिवहन विभाग को सड़क सुरक्षा क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने वाले जिलों को प्रोत्साहित करने के लिए, सड़क दुर्घटना मृत्यु दर कम करने वाले सर्वश्रेष्ठ 3 जिलों को 25 लाख , 15 लाख और 10 लाख रुपये मुख्यमंत्री सड़क सुरक्षा पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की है. साथ ही सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति के उपचार के लिए सड़क सुरक्षा कोष से राज्य में 40 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को प्राइमरी ट्रोमा सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा. जिस पर 10 करोड़ रुपये का प्रस्तावित किया गया है.

सीएम ने सड़क दुर्घटनाओं पर रखा अपना फोकस

इसके साथ ही यदि प्रदेश में कहीं पर भी सड़क दुर्घटना में घायल होने वाले व्यक्ति को दुर्घटना के तुरंत बाद नजदीकी अस्पताल में ले जाया जाएगा, ऐसे में यदि अस्पताल द्वारा उसका उपचार नहीं किया जाता है, तो उस अस्पताल के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई भी की जाएगी. साथ ही अस्पताल प्रशासन को उपचार करना अनिवार्य होगा. वहीं मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि इसके लिए जरूरत पड़ी तो आवश्यक कानूनी प्रावधान भी सरकार की ओर से लाया जाएगा और दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे.

मुख्यमंत्री गहलोत ने बजट में कहा कि हर साल लगभग 10500 व्यक्तियों की सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु हो जाती है, इन सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए तमिलनाडु मॉडल पर अध्ययन करके सड़क दुर्घटना मृत्यु दर में 30% की कमी लाई जाएगी. साथ ही सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए मृत्यु दर को कम करने के लिए तमिलनाडु की तर्ज पर रोडमैप भी तैयार किया जाएगा. साथ ही मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया जाएगा. जिसमें विभागों के मंत्री, मुख्य सचिव, डीजीपी, अतिरिक्त डीजीपी यातायात एवं संबंधित विभागों के प्रशासन सचिव शामिल होंगे.

यह भी पढ़े : राजस्थान बजट 2020 : बजट से पूर्व सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं ने क्या कहा, जानें

उन्होंने बताया कि यह कमेटी साल में दो बार स्थिति की समीक्षा भी करेगी और सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए सड़क सुरक्षा कोष की स्थापना भी की गई है. जिसमें लगभग 100 करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध कराई जाएगी. बजट भाषण में मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि आमजन की सुविधा के लिए प्रदेश भर के समस्त प्रादेशिक परिवहन कार्यालय में पासपोर्ट सेवा की तर्ज पर लाइसेंस एवं पंजीयन संबंधी सेवाएं भी उपलब्ध करवाई जाएगी. जिसके लिए हर आरटीओ कार्यालय में फ्रंट ऑफिस मैनेजमेंट सिस्टम संचालित किया जाएगा.

इसके साथ ही जोधपुर जिले के पीपाड़ शहर का परिवहन कार्यालय जिला परिवहन कार्यालय में क्रमोन्नत किया जाएगा. वहीं छात्र-छात्राओं एवं आमजन को प्रोत्साहित करने के लिए भी ट्रैफिक पार्क स्थापित किए जाएंगे, जिस पर 16 करोड़ 50 लाख खर्च होंगे.

जयपुर. सीएम अशोक गहलोत ने गुरुवार को अपने मौजूदा कार्यकाल का दूसरा बजट पेश किया. जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने परिवहन विभाग पर फोकस करते हुए विभाग को उसका बजट भी दे दिया है.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से जारी किए गए बजट में, परिवहन विभाग को सड़क सुरक्षा क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने वाले जिलों को प्रोत्साहित करने के लिए, सड़क दुर्घटना मृत्यु दर कम करने वाले सर्वश्रेष्ठ 3 जिलों को 25 लाख , 15 लाख और 10 लाख रुपये मुख्यमंत्री सड़क सुरक्षा पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की है. साथ ही सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति के उपचार के लिए सड़क सुरक्षा कोष से राज्य में 40 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को प्राइमरी ट्रोमा सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा. जिस पर 10 करोड़ रुपये का प्रस्तावित किया गया है.

सीएम ने सड़क दुर्घटनाओं पर रखा अपना फोकस

इसके साथ ही यदि प्रदेश में कहीं पर भी सड़क दुर्घटना में घायल होने वाले व्यक्ति को दुर्घटना के तुरंत बाद नजदीकी अस्पताल में ले जाया जाएगा, ऐसे में यदि अस्पताल द्वारा उसका उपचार नहीं किया जाता है, तो उस अस्पताल के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई भी की जाएगी. साथ ही अस्पताल प्रशासन को उपचार करना अनिवार्य होगा. वहीं मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि इसके लिए जरूरत पड़ी तो आवश्यक कानूनी प्रावधान भी सरकार की ओर से लाया जाएगा और दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे.

मुख्यमंत्री गहलोत ने बजट में कहा कि हर साल लगभग 10500 व्यक्तियों की सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु हो जाती है, इन सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए तमिलनाडु मॉडल पर अध्ययन करके सड़क दुर्घटना मृत्यु दर में 30% की कमी लाई जाएगी. साथ ही सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए मृत्यु दर को कम करने के लिए तमिलनाडु की तर्ज पर रोडमैप भी तैयार किया जाएगा. साथ ही मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया जाएगा. जिसमें विभागों के मंत्री, मुख्य सचिव, डीजीपी, अतिरिक्त डीजीपी यातायात एवं संबंधित विभागों के प्रशासन सचिव शामिल होंगे.

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उन्होंने बताया कि यह कमेटी साल में दो बार स्थिति की समीक्षा भी करेगी और सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए सड़क सुरक्षा कोष की स्थापना भी की गई है. जिसमें लगभग 100 करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध कराई जाएगी. बजट भाषण में मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि आमजन की सुविधा के लिए प्रदेश भर के समस्त प्रादेशिक परिवहन कार्यालय में पासपोर्ट सेवा की तर्ज पर लाइसेंस एवं पंजीयन संबंधी सेवाएं भी उपलब्ध करवाई जाएगी. जिसके लिए हर आरटीओ कार्यालय में फ्रंट ऑफिस मैनेजमेंट सिस्टम संचालित किया जाएगा.

इसके साथ ही जोधपुर जिले के पीपाड़ शहर का परिवहन कार्यालय जिला परिवहन कार्यालय में क्रमोन्नत किया जाएगा. वहीं छात्र-छात्राओं एवं आमजन को प्रोत्साहित करने के लिए भी ट्रैफिक पार्क स्थापित किए जाएंगे, जिस पर 16 करोड़ 50 लाख खर्च होंगे.

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