जयपुर. बड़ी चौपड़ से छोटी चौपड़ तक मेट्रो स्टेशन का बुधवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्चुअल उद्घाटन किया है. इसी दौरान इसके विरोध में जयपुर शहर के 108 छोटे-बड़े मंदिरों में सद्बुद्धि यज्ञ किए गए है. साथ ही इन मेट्रो के विकास में तोड़े गए मंदिरों को पुनर्स्थापित करने की एक स्वर में मांग उठी है. दरअसल परकोटे के दोनों मेट्रो स्टेशन के निर्माण के समय 5 साल पहले दर्जनों छोटे-बड़े प्राचीन शिव और हनुमान जी के मंदिर तोड़े गए थे और इसका जयपुर के सामाजिक और धार्मिक संगठनों ने उस समय प्रबल विरोध किया था.
उसके बाद लगातार जन विरोध को देखते हुए 1 फरवरी, 2016 और 25 मई, 2016 को नगरीय विकास मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित समीक्षा बैठक में तय हुआ था कि मेट्रो स्टेशन का कार्य पूर्ण होते ही विस्थापित किए गए मंदिरों को अपने मूल स्थान पर स्थापित कर दिया जाएगा.
इन मंदिरों की सुध नहीं ली गई है. आज भी उन मंदिरों के भगवान शहर के अलग-अलग हिस्सों में तिरपाल के नीचे बैठे हैं. इसलिए पिछले कई सालों से राजस्थान जन कल्याण संघर्ष समिति के द्वारा इनको पुनर्स्थापित करने की सरकार से पुरजोर मांग भी की गई है. साथ ही विभिन्न लोकतांत्रिक माध्यमों से सरकार का ध्यान आकर्षित भी किया है, लेकिन सरकार और प्रशासन की ओर से अभी तक कोई भी सकारात्मक संकेत नजर नहीं आ रहे हैं.
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ऐसे में संघर्ष समिति के आह्वान पर छोटी काशी जयपुर के 108 छोटे-बड़े मंदिरों में यज्ञ, मंत्रोजाप और भोलेनाथ के अभिषेक किए गए हैं. जहां शहरवासी ने धारा 144 और कोरोना गाइडलाइंस की पालना को देखते हुए सीमित संख्या में सरकार और प्रशासन की सद्बुद्धि के लिए भगवान से प्रार्थना की. साथ ही सरकार से विस्थापित मंदिरों को पुनः उनके मूल स्थान पर स्थापित करने की मांग रखी है.