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महाराष्ट्र में फ्लोर टेस्ट को लेकर गहलोत ने कहा- बीजेपी को कल मिलेगी करारी शिकस्त, Horse trading के सपने भी होंगे चकनाचूर

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि महाराष्ट्र में भाजपा को बुधवार के दिन विधानसभा में फ्लोर टेस्ट देना होगा. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी इसे लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि मुझे उम्मीद है कि कल न्याय मिलेगा और भाजपा को करारी शिकस्त मिलेगी.

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Published : Nov 26, 2019, 1:16 PM IST

महाराष्ट्र में फ्लोर टेस्ट, floor test in Maharashtra,  सीएम गहलोत का बड़ा बयान, CM Gehlot's big statement,  सुप्रीम कोर्ट के फैसला
महाराष्ट्र में फ्लोर टेस्ट को लेकर सीएम गहलोत का बड़ा बयान

जयपुर. 70वें संविधान दिवस के अवसर पर मंगलवार को बिरला सभागार में कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शिरकत की. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान सुप्रीम कोर्ट द्वारा मंगलवार को भाजपो को दिए फ्लोर टेस्ट के आदेश पर प्रतिक्रिया दी.

गहलोत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है तो सब को मानना ही है, पर जिस तरह से महाराष्ट्र में अंधेरे में लोकतंत्र की हत्या की गई है. वह देश कभी नहीं भूलेगा. ऐसा इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि कब राज्यपाल ने इसे रिकमेंड किया, कब कैबिनेट की मीटिंग हुई और मीटिंग भी हुई है या नहीं हुई यह भी नहीं पता.

महाराष्ट्र में फ्लोर टेस्ट को लेकर सीएम गहलोत का बयान

उन्होंने कहा कि मैंने सुना है कि प्रधानमंत्री ने अपने विशेषाधिकार का उपयोग किया है. प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति शासन हटाने के लिए राष्ट्रपति को अनुशंसा की. राष्ट्रपति ने कब हस्ताक्षर किए. राष्ट्रपति ने सुबह 5:47 पर राष्ट्रपति शासन हटा लिया और देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री की शपथ दिला दी. यह तमाशा पूरा देश ही नहीं दुनिया भी देख रही है. पूरी दुनिया में हमारी प्रतिष्ठा गिरी है.

यह भी पढ़ें : महाराष्ट्र में फ्लोर टेस्ट : सुप्रीम कोर्ट ने 27 नवंबर को बहुमत परीक्षण कराने का निर्देश दिया

गहलोत ने कहा कि दुनिया को पता लग गया है कि हिंदुस्तान में इस तरह की भी बातें होती हैं. गहलोत ने कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि अब न्याय मिलेगा. बुधवार को भाजपा को शिकस्त मिलेगी और उनके सारे हथकंडे फेल होंगे और उनका हॉर्स ट्रेडिंग का सपना भी कल चकनाचूर हो जाएगा. सुप्रीम कोर्ट द्वारा फ्लोर टेस्ट के लाइव प्रसारण के फैसले का भी गहलोत ने स्वागत किया.

यह भी पढ़ें : स्पेशल: आज 'पानीपत' की पटकथा और भारत का इतिहास कुछ और होता, अगर 'मराठा' महाराज सूरजमल की सलाह मानते

महाराष्ट्र के राज्यपाल को अपने पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं...

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत फिर से यही बात दोहराई कि महाराष्ट्र के राज्यपाल को अपने पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है. उन्हें नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए. राज्यपाल ने भाजपा के दबाव, प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के दबाव में जो काम किया है उस आधार पर उन्हें पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है. अशोक गहलोत ने संविधान दिवस के अवसर पर यह भी कहा कि 2 दिन पहले देश में जिस तरह से संविधान की धज्जियां उड़ाई गई है वह सही नहीं है. सत्ता पक्ष इस तरह के हथकंडे अपनाएगा तो देश उनके बारे में क्या सोचेगा.

जयपुर. 70वें संविधान दिवस के अवसर पर मंगलवार को बिरला सभागार में कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शिरकत की. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान सुप्रीम कोर्ट द्वारा मंगलवार को भाजपो को दिए फ्लोर टेस्ट के आदेश पर प्रतिक्रिया दी.

गहलोत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है तो सब को मानना ही है, पर जिस तरह से महाराष्ट्र में अंधेरे में लोकतंत्र की हत्या की गई है. वह देश कभी नहीं भूलेगा. ऐसा इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि कब राज्यपाल ने इसे रिकमेंड किया, कब कैबिनेट की मीटिंग हुई और मीटिंग भी हुई है या नहीं हुई यह भी नहीं पता.

महाराष्ट्र में फ्लोर टेस्ट को लेकर सीएम गहलोत का बयान

उन्होंने कहा कि मैंने सुना है कि प्रधानमंत्री ने अपने विशेषाधिकार का उपयोग किया है. प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति शासन हटाने के लिए राष्ट्रपति को अनुशंसा की. राष्ट्रपति ने कब हस्ताक्षर किए. राष्ट्रपति ने सुबह 5:47 पर राष्ट्रपति शासन हटा लिया और देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री की शपथ दिला दी. यह तमाशा पूरा देश ही नहीं दुनिया भी देख रही है. पूरी दुनिया में हमारी प्रतिष्ठा गिरी है.

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गहलोत ने कहा कि दुनिया को पता लग गया है कि हिंदुस्तान में इस तरह की भी बातें होती हैं. गहलोत ने कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि अब न्याय मिलेगा. बुधवार को भाजपा को शिकस्त मिलेगी और उनके सारे हथकंडे फेल होंगे और उनका हॉर्स ट्रेडिंग का सपना भी कल चकनाचूर हो जाएगा. सुप्रीम कोर्ट द्वारा फ्लोर टेस्ट के लाइव प्रसारण के फैसले का भी गहलोत ने स्वागत किया.

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महाराष्ट्र के राज्यपाल को अपने पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं...

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत फिर से यही बात दोहराई कि महाराष्ट्र के राज्यपाल को अपने पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है. उन्हें नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए. राज्यपाल ने भाजपा के दबाव, प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के दबाव में जो काम किया है उस आधार पर उन्हें पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है. अशोक गहलोत ने संविधान दिवस के अवसर पर यह भी कहा कि 2 दिन पहले देश में जिस तरह से संविधान की धज्जियां उड़ाई गई है वह सही नहीं है. सत्ता पक्ष इस तरह के हथकंडे अपनाएगा तो देश उनके बारे में क्या सोचेगा.

Intro:जयपुर। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि महाराष्ट्र में भाजपा को बुधवार को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट देना होगा। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी इसे लेकर बड़ा बयान दिया है उन्होंने कहा है कि मुझे उम्मीद है कि कल न्याय मिलेगा और भाजपा को करारी शिकस्त मिलेगी। भाजपा ने जो भी हथकंडे अपनाए हैं वह कल फेल साबित होंगे और उनके हॉर्स ट्रेडिंग के सपने भी चकनाचूर हो जाएंगे।
70 वें संविधान दिवस के अवसर पर बिरला सभागार में हुए कार्यक्रम में शिरकत करने आए प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह बयान दिया।


Body:सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को यह आदेश दिया है कि बीजेपी को बुधवार को फ्लोर टेस्ट देना होगा इसी पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रतिक्रिया दे रहे थे। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है तो सब को मानना ही है, पर जिस तरह से महाराष्ट्र में अंधेरे में लोकतंत्र की हत्या की गई है वह देश कभी नहीं भूलेगा। ऐसा इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ। कब राज्यपाल ने इसे रिकमेंट किया कब कैबिनेट की मीटिंग हुई और मीटिंग भी हुई है या नहीं हुई यह भी नहीं पता। मैंने सुना है कि प्रधानमंत्री ने अपने विशेषाधिकार का उपयोग किया है। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति शासन हटाने के लिए राष्ट्रपति को अनुशंसा की। राष्ट्रपति ने कब हस्ताक्षर किए। राष्ट्रपति ने सुबह 5:47 पर राष्ट्रपति शासन हटा लिया और देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री की शपथ दिला दी। यह तमाशा पूरा देश ही नहीं दुनिया भी देख रही है। पूरी दुनिया में हमारी प्रतिष्ठा गिरी है दुनिया को पता लग गया कि हिंदुस्तान में इस तरह की भी बातें होती है। गहलोत ने कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि अब न्याय मिलेगा। कल भाजपा को शिकस्त मिलेगी और उनके सारे हथकंडे फेल होंगे और उनका हॉर्स ट्रेडिंग सपना भी कल चकनाचूर हो जाएगा। सुप्रीम कोर्ट द्वारा फ्लोर टेस्ट के लाइव प्रसारण के फैसले का भी गहलोत ने स्वागत किया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत फिर से यही बात दोहराई कि महाराष्ट्र के राज्यपाल को अपने पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है उन्हें नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। राज्यपाल ने भाजपा के दबाव, प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के दबाव में जो काम किया है उस आधार पर उन्हें पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है। अशोक गहलोत ने सविधान दिवस के अवसर पर यह भी कहा कि 2 दिन पहले देश में जिस तरह से संविधान की धज्जियां उड़ाई गई है वह सही नहीं है। सत्तापक्ष इस तरह के हथकंडे अपनाए गा तो देश क्या सोचेगा उनके बारे में।

बाईट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत


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