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CM Gehlot Wrote a letter to PM Modi : खाद्य सुरक्षा के लाभार्थियों की संख्या का पुनर्निर्धारण 2021 की अनुमानित जनसंख्या के आधार पर हो : गहलोत - ETV Bharat Rajasthan News

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से वर्ष 2021 की अनुमानित जनसंख्या के आधार पर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों की सीमा का पुनर्निर्धारण (Gehlot Letter About Beneficiaries of Food Security) करने का अनुरोध किया है. इस संबंध में प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में गहलोत ने बताया कि बीते 10 वर्षों में देश के सभी राज्यों की जनसंख्या बढ़ी है और कोविड महामारी के चलते कई परिवार खाद्य सुरक्षा की पात्रता के दायरे में आ गए हैं. ऐसे में जरूरतमंद परिवारों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केन्द्र सरकार की ओर से साल 2021 की अनुमानित जनसंख्या के अनुसार खाद्य सुरक्षा की सीलिंग का पुनर्निर्धारण किया जाना जरूरी है.

CM Gehlot Wrote a letter to PM Modi
मुख्यमंत्री ने लिखा प्रधानमंत्री को पत्र
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Published : Dec 28, 2021, 8:45 PM IST

जयपुर. राजस्थान सीएम गहलोत ने पीएम मोदी को पत्र लिखा है. मुख्यमंत्री ने लिखा है कि भारत सरकार ने खाद्य सुरक्षा योजना के अन्तर्गत राजस्थान में वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर शहरी क्षेत्र में 53 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्र में 69 प्रतिशत की सीमा निर्धारित की हुई है. इस सीमा के आधार पर 4 करोड़ 46 लाख लाभार्थियों के लिए प्रति माह 2 लाख 30 हजार 882 मीट्रिक टन गेहूं का आवंटन किया जा रहा है. जबकि वर्ष 2011 की जनगणना के बाद बीते 10 वर्षों में देश-प्रदेश की आबादी में काफी इजाफा हुआ है और इन वर्षाें में स्वाभाविक रूप से कई परिवार एनएफएसए के पात्र हो गए हैं.

कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण भी कई परिवार एनएफएसए की पात्रता में आ गए हैं. ऐसे में वर्ष 2011 की जनसंख्या के आधार पर पात्र परिवारों की सीलिंग निश्चित करना तार्किक नहीं है. गहलोत ने कहा कि राजस्थान में वर्ष 2021 की अनुमानित जनसंख्या 8 करोड़ होने की संभावना है.

पढ़ें : Ashok Gehlot Alleged BJP : धर्म को आधार बनाकर राजनीति कर रही भाजपा, राहुल गांधी ने समझा दिए 'मायने'

ऐसे में भारत सरकार अनुमत प्रतिशत के आधार पर राज्य में लगभग 74 लाख अतिरिक्त व्यक्तियों को खाद्य सुरक्षा प्रदान करे. मुख्यमंत्री ने कहा कि (Gehlot Letter About Beneficiaries of Food Security) कोरोना परिस्थितियों के कारण वर्ष 2021 की जनगणना में दूर होगी. ऐसे में खाद्य सुरक्षा के दायरे में आने वाले पात्र व्यक्तियों की संख्या के पुनर्निर्धारण में भी विलंब होने की आशंका है.

पढ़ें : सीएम गहलोत ने पीएम को लिखा पत्र: बूस्टर डोज और 18 वर्ष से कम आयु के नागरिकों के टीकाकरण के लिए शीघ्र जारी हो दिशा-निर्देश

उन्होंने प्रधानमंत्री से मांग की है कि (CM Gehlot Wrote a letter to PM Modi) लाभार्थियों के नाम जोड़े जाने के लिए वर्तमान में बंद की हुई अपीलीय प्रक्रिया को फिर से शुरू कराया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा है कि खाद्य सुरक्षा के तहत प्रदेश के 4.46 करोड़ लाभार्थियों में से 4.15 करोड़ लाभार्थी ही नियमित अनाज ले रहे हैं, शेष 30 लाख परिवार पूरे वर्ष के स्थान पर कुछ माह ही अनाज लेते हैं. ऐसे में लाभार्थियों की चयन सीमा को यदि वितरण सीमा में बदल दिया जाए तो वितरित होने वाले अनाज को 30 लाख लोगों तक पहुंचाया जा सकता है. इस व्यवस्था में राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि सीलिंग सीमा प्रतिमाह 2.32 लाख मीट्रिक टन गेहूं से अधिक का उठाव न हो.

जयपुर. राजस्थान सीएम गहलोत ने पीएम मोदी को पत्र लिखा है. मुख्यमंत्री ने लिखा है कि भारत सरकार ने खाद्य सुरक्षा योजना के अन्तर्गत राजस्थान में वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर शहरी क्षेत्र में 53 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्र में 69 प्रतिशत की सीमा निर्धारित की हुई है. इस सीमा के आधार पर 4 करोड़ 46 लाख लाभार्थियों के लिए प्रति माह 2 लाख 30 हजार 882 मीट्रिक टन गेहूं का आवंटन किया जा रहा है. जबकि वर्ष 2011 की जनगणना के बाद बीते 10 वर्षों में देश-प्रदेश की आबादी में काफी इजाफा हुआ है और इन वर्षाें में स्वाभाविक रूप से कई परिवार एनएफएसए के पात्र हो गए हैं.

कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण भी कई परिवार एनएफएसए की पात्रता में आ गए हैं. ऐसे में वर्ष 2011 की जनसंख्या के आधार पर पात्र परिवारों की सीलिंग निश्चित करना तार्किक नहीं है. गहलोत ने कहा कि राजस्थान में वर्ष 2021 की अनुमानित जनसंख्या 8 करोड़ होने की संभावना है.

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ऐसे में भारत सरकार अनुमत प्रतिशत के आधार पर राज्य में लगभग 74 लाख अतिरिक्त व्यक्तियों को खाद्य सुरक्षा प्रदान करे. मुख्यमंत्री ने कहा कि (Gehlot Letter About Beneficiaries of Food Security) कोरोना परिस्थितियों के कारण वर्ष 2021 की जनगणना में दूर होगी. ऐसे में खाद्य सुरक्षा के दायरे में आने वाले पात्र व्यक्तियों की संख्या के पुनर्निर्धारण में भी विलंब होने की आशंका है.

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उन्होंने प्रधानमंत्री से मांग की है कि (CM Gehlot Wrote a letter to PM Modi) लाभार्थियों के नाम जोड़े जाने के लिए वर्तमान में बंद की हुई अपीलीय प्रक्रिया को फिर से शुरू कराया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा है कि खाद्य सुरक्षा के तहत प्रदेश के 4.46 करोड़ लाभार्थियों में से 4.15 करोड़ लाभार्थी ही नियमित अनाज ले रहे हैं, शेष 30 लाख परिवार पूरे वर्ष के स्थान पर कुछ माह ही अनाज लेते हैं. ऐसे में लाभार्थियों की चयन सीमा को यदि वितरण सीमा में बदल दिया जाए तो वितरित होने वाले अनाज को 30 लाख लोगों तक पहुंचाया जा सकता है. इस व्यवस्था में राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि सीलिंग सीमा प्रतिमाह 2.32 लाख मीट्रिक टन गेहूं से अधिक का उठाव न हो.

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