जयपुर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने इस कार्यकाल का तीसरा बजट 24 फरवरी यानी आज पेश करेंगे. गहलोत के बजट के पिटारे से किस वर्ग के लिए क्या कुछ निकलेगा, यह तो कुछ घंटों बाद ही सामने आएगा, लेकिन कहा जा सकता है कि यह बजट किसानों, स्वास्थ्य और इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी पर आधारित होगा. जिस तरीके से किसान आंदोलन चल रहा है और केंद्र सरकार से जो बजट पास हुआ है, उसके अनुसार भी स्वास्थ्य और कृषि से जुड़ी योजनाओं पर सरकार ज्यादा से ज्यादा फंड केंद्र से लेना चाहेगी.
ऐसे में इन तीन विभागों पर मुख्यमंत्री का खास फोकस रह सकता है. किसानों को लेकर जहां बिजली आपूर्ति के कृषि कनेक्शन, दिन में बिजली के नए फीडर, नहर क्षेत्रों में सुधार, कृषि कर्ज की उपलब्धता, कृषि संसाधनों पर प्रदेश सरकार की ओर से अतिरिक्त सब्सिडी, किसानों को पशुधन खरीद के लिए सहयोग समेत कई प्रस्तावों पर हरी झंडी मिल सकती है. वहीं, प्रदेश में जिस तरीके से बेरोजगारी को लेकर बातें चल रही हैं, इसे देखते हुए सरकारी नौकरियों के लिए भी बजट में प्रावधान रखा जा सकता है. बजट में स्वास्थ्य, पंचायती राज, शिक्षा, ऊर्जा सहित निगम और नगर निकायों में रोजगार के नए अवसर रखे जा सकते हैं, ताकि युवाओं को साथ लिया जा सके.
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वहीं, महिला सशक्तिकरण को लेकर भी इस बजट पर खासी नजर है, जिसमें महिला उद्यमियों को रिको में जमीन आवंटन में प्रमुखता, स्टार्टअप के लिए लोन, आईटी नवाचारों पर सहयोग, मनरेगा और आंगनबाड़ी में कार्यरत महिलाओं के मानदेय से जुड़ी घोषणा हो सकती है. कारोबारियों की मांग पर वैट को लेकर एमनेस्टी स्कीम बजट का फिर से हिस्सा बन सकती है और खनन तथा पेट्रोलियम सेक्टर में निवेश को बढ़ाने के लिए कुछ रियायतें बजट में मुख्यमंत्री दे सकते हैं. नई औद्योगिक क्षेत्रों के साथ ही औद्योगिक निवेश बढ़ाने के प्रस्ताव वी राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बजट में रख सकते हैं. गहलोत सरकार के तीसरे बजट में सबसे ज्यादा फोकस नई सड़कों को लेकर भी हो सकता है.
इन मुद्दों को लेकर रह सकता है खास फोकस...
मुख्यमंत्री स्वास्थ्य के साथ ही किसान, महिला, रोजगार, नए निर्माण कार्य, नए शिक्षण संस्थान के साथ ही कुछ नई योजनाओं की घोषणा भी कर सकते हैं. राज्य में कुशल वित्तीय प्रबंधन के जरिए राजस्व घाटे को कम करने और राजस्व बढ़ोतरी के लिए भी बजट में प्रावधान करने साथ ही सहाड़ा, राजसमंद, सुजानगढ़, वल्लभनगर में होने वाले उपचुनाव को देखते हुए स्थानीय जरूरतों को देखते हुए मुख्यमंत्री बजट में इन क्षेत्रों के लिए भी कुछ सौगात दे सकते हैं.