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कोरोना काल में वरदान साबित हुई मनरेगा और राजीविका जैसी योजनाएंः सीएम गहलोत

सीएम अशोक गहलोत ने गुरुवार को ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की समीक्षा बैठक ली. इस दौरान उन्होंने कहा कि मनरेगा और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन जैसी योजनाएं कोरोना संक्रमण के इस चुनौतीपूर्ण समय में वरदान साबित हुई है.

Jaipur News,  CM Ashok Gehlot Review Meeting
सीएम अशोक गहलोत की समीक्षा बैठक
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Published : Aug 6, 2020, 7:45 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को सीएम निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग की समीक्षा की. कॉन्फ्रेंस में 33 जिलों के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के जिला एवं ब्लाॅक स्तरीय अधिकारी भी जुड़े. मुख्यमंत्री ने जिला परिषद सीईओ, एसीईओ सहित अन्य अधिकारियों के साथ ग्रामीण विकास से जुड़ी योजनाओं के संबंध में सीधा संवाद किया.

'ग्राम विकास अधिकारी और बीडीओ के पद जल्द सृजित करें'

गहलोत ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण शहरों के साथ-साथ गांवों में भी रोजगार का बड़ा संकट पैदा हुआ है. ऐसे में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए ग्राम विकास से जुड़ी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए. उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के समय शुरू हुई महात्मा गांधी नरेगा योजना और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन जैसी योजनाएं कोरोना संक्रमण के इस चुनौतीपूर्ण समय में वरदान साबित हुई है. उन्होंने अधिक से अधिक लोगों को इससे जोड़कर रोजगार उपलब्ध कराने के निर्देश दिए.

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सीएम अशोक गहलोत की समीक्षा बैठक

पढ़ें- बीजेपी और वसुंधरा राजे को कांग्रेस या किसी मुख्यमंत्री के मेहरबानी की जरूरत नहींः पूनिया

स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों की हो बेहतर मार्केटिंग

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से गांव-गांव में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की अच्छी भूमिका रही है. उन्होंने निर्देश दिए कि इन समूहों को प्रोत्साहन देने के साथ ही इस योजना में और अधिक स्वयं सहायता समूहों के गठन को बढ़ावा दिया जाए. साथ ही इन्हें मजबूत बनाने के लिए इनके उत्पादों की बेहतर ढंग से मार्केटिंग की जाए. उन्होंने बताया कि कोविड के इस दौर में इन्हें ई-बाजार जैसे ऑनलाइन प्लेटफाॅर्म के माध्यम से भी जोड़ा जा सकता है.

45 दिन में जारी हो विधायक कोष के कार्यों की स्वीकृतियां...

गहलोत ने कहा कि विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम और सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत होने वाले विकास कार्यों में देरी की शिकायत मिलती है. इसे दूर करने के लिए इनकी प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृतियां 45 दिन के निर्धारित समय में जारी की जाए. उन्होंने कहा कि इन कार्यक्रमों की प्रभावी माॅनिटरिंग के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया जाए. साथ ही इनकी नियमित माॅनिटरिंग सुनिश्चित की जाए.

पंचायत सहायकों को जल्द मिलेगा मानदेय

बैठक में मुख्यमंत्री के समक्ष करीब 26 हजार पंचायत सहायकों को मानदेय नहीं मिलने का मामला सामने लाया गया, तो उन्होंने अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य को तत्काल प्रभाव से 100 करोड़ रुपए की स्वीकृति जारी करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि पंचायत सहायकों को जल्द से जल्द मानदेय का भुगतान किया जाए.

ग्राम विकास अधिकारी और बीडीओ के पद जल्द सृजित करें...

मुख्यमंत्री ने राज्य में नवगठित 1456 नई ग्राम पंचायतों और 57 नई पंचायत समितियों के लिए ग्राम विकास अधिकारी और ब्लाॅक डेवलपमेंट ऑफिसर के नए पद जल्द सृजित करने के निर्देश दिए. उन्होंने संवाद के दौरान कोरोना के संक्रमण के कारण आवश्यकतानुसार विद्युत शवदाह गृह के निर्माण की स्वीकृति शीघ्र जारी करने के निर्देश भी दिए.

पढ़ें- 'जादूगर का जादू जरूर चलेगा' के बयान पर पूनिया का पलटवार, कहा- धारीवाल खुद को अदालत से बड़ा मानते हैं...

सीएम अशोक गहलोत ने बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन, राष्ट्रीय रूर्बन मिशन योजना, सीमांत क्षेत्रीय विकास योजना, महात्मा गांधी जनभागीदारी विकास योजना, डांग, मगरा और मेवात विकास योजना सहित ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज से जुड़ी अन्य योजनाओं की गहन समीक्षा की. उन्होंने कहा कि कोरोना के इस दौर में ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग की बड़ी भूमिका है. वे इन योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन कर लोगों को राहत प्रदान करें.

'प्रदेश की ज्यादातर संख्या गांवों में निवास करती है'

मुख्य सचिव राजीव स्वरूप ने कहा कि प्रदेश की ज्यादातर जनसंख्या गांव में निवास करती है. उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने में ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग अपनी जिम्मेदारी निभाएं. साथ ही राजस्थान महामारी अध्यादेश के तहत आमजन को जागरूक कर हेल्थ प्रोटोकाॅल की पालना सुनिश्चित करवाएं ताकि गांवों में संक्रमण नहीं फैले.

अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज राजेश्वर सिंह ने विभागीय योजनाओं का प्रस्तुतीकरण देते हुए बताया कि मनरेगा योजना के तहत प्रदेश में एक दिन में अधिकतम नियोजित श्रमिकों की संख्या 53.45 लाख है, जो गत वर्षों से 20 लाख अधिक है. इस वर्ष करीब 6 लाख नए जॉब कार्ड जारी किए गए हैं.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को सीएम निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग की समीक्षा की. कॉन्फ्रेंस में 33 जिलों के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के जिला एवं ब्लाॅक स्तरीय अधिकारी भी जुड़े. मुख्यमंत्री ने जिला परिषद सीईओ, एसीईओ सहित अन्य अधिकारियों के साथ ग्रामीण विकास से जुड़ी योजनाओं के संबंध में सीधा संवाद किया.

'ग्राम विकास अधिकारी और बीडीओ के पद जल्द सृजित करें'

गहलोत ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण शहरों के साथ-साथ गांवों में भी रोजगार का बड़ा संकट पैदा हुआ है. ऐसे में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए ग्राम विकास से जुड़ी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए. उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के समय शुरू हुई महात्मा गांधी नरेगा योजना और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन जैसी योजनाएं कोरोना संक्रमण के इस चुनौतीपूर्ण समय में वरदान साबित हुई है. उन्होंने अधिक से अधिक लोगों को इससे जोड़कर रोजगार उपलब्ध कराने के निर्देश दिए.

Jaipur News,  CM Ashok Gehlot Review Meeting
सीएम अशोक गहलोत की समीक्षा बैठक

पढ़ें- बीजेपी और वसुंधरा राजे को कांग्रेस या किसी मुख्यमंत्री के मेहरबानी की जरूरत नहींः पूनिया

स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों की हो बेहतर मार्केटिंग

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से गांव-गांव में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की अच्छी भूमिका रही है. उन्होंने निर्देश दिए कि इन समूहों को प्रोत्साहन देने के साथ ही इस योजना में और अधिक स्वयं सहायता समूहों के गठन को बढ़ावा दिया जाए. साथ ही इन्हें मजबूत बनाने के लिए इनके उत्पादों की बेहतर ढंग से मार्केटिंग की जाए. उन्होंने बताया कि कोविड के इस दौर में इन्हें ई-बाजार जैसे ऑनलाइन प्लेटफाॅर्म के माध्यम से भी जोड़ा जा सकता है.

45 दिन में जारी हो विधायक कोष के कार्यों की स्वीकृतियां...

गहलोत ने कहा कि विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम और सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत होने वाले विकास कार्यों में देरी की शिकायत मिलती है. इसे दूर करने के लिए इनकी प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृतियां 45 दिन के निर्धारित समय में जारी की जाए. उन्होंने कहा कि इन कार्यक्रमों की प्रभावी माॅनिटरिंग के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया जाए. साथ ही इनकी नियमित माॅनिटरिंग सुनिश्चित की जाए.

पंचायत सहायकों को जल्द मिलेगा मानदेय

बैठक में मुख्यमंत्री के समक्ष करीब 26 हजार पंचायत सहायकों को मानदेय नहीं मिलने का मामला सामने लाया गया, तो उन्होंने अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य को तत्काल प्रभाव से 100 करोड़ रुपए की स्वीकृति जारी करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि पंचायत सहायकों को जल्द से जल्द मानदेय का भुगतान किया जाए.

ग्राम विकास अधिकारी और बीडीओ के पद जल्द सृजित करें...

मुख्यमंत्री ने राज्य में नवगठित 1456 नई ग्राम पंचायतों और 57 नई पंचायत समितियों के लिए ग्राम विकास अधिकारी और ब्लाॅक डेवलपमेंट ऑफिसर के नए पद जल्द सृजित करने के निर्देश दिए. उन्होंने संवाद के दौरान कोरोना के संक्रमण के कारण आवश्यकतानुसार विद्युत शवदाह गृह के निर्माण की स्वीकृति शीघ्र जारी करने के निर्देश भी दिए.

पढ़ें- 'जादूगर का जादू जरूर चलेगा' के बयान पर पूनिया का पलटवार, कहा- धारीवाल खुद को अदालत से बड़ा मानते हैं...

सीएम अशोक गहलोत ने बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन, राष्ट्रीय रूर्बन मिशन योजना, सीमांत क्षेत्रीय विकास योजना, महात्मा गांधी जनभागीदारी विकास योजना, डांग, मगरा और मेवात विकास योजना सहित ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज से जुड़ी अन्य योजनाओं की गहन समीक्षा की. उन्होंने कहा कि कोरोना के इस दौर में ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग की बड़ी भूमिका है. वे इन योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन कर लोगों को राहत प्रदान करें.

'प्रदेश की ज्यादातर संख्या गांवों में निवास करती है'

मुख्य सचिव राजीव स्वरूप ने कहा कि प्रदेश की ज्यादातर जनसंख्या गांव में निवास करती है. उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने में ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग अपनी जिम्मेदारी निभाएं. साथ ही राजस्थान महामारी अध्यादेश के तहत आमजन को जागरूक कर हेल्थ प्रोटोकाॅल की पालना सुनिश्चित करवाएं ताकि गांवों में संक्रमण नहीं फैले.

अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज राजेश्वर सिंह ने विभागीय योजनाओं का प्रस्तुतीकरण देते हुए बताया कि मनरेगा योजना के तहत प्रदेश में एक दिन में अधिकतम नियोजित श्रमिकों की संख्या 53.45 लाख है, जो गत वर्षों से 20 लाख अधिक है. इस वर्ष करीब 6 लाख नए जॉब कार्ड जारी किए गए हैं.

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