जयपुर. जीएसटी परिषद की बैठक के बाद गठित मंत्री समूह में प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस को शामिल नहीं करने पर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी केन्द्र सरकार पर हमला बोला है. सीएम अशोक गहलोत ने मंगलवार को ट्वीट कर विरोध जताते हुए कहा है कि प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस, जिसके पास जीएसटी परिषद में तीन सदस्य हैं लेकिन उसे जानबूझकर मंत्री समूह से बाहर रखने का प्रयास किया गया है.
पढ़ें: राजस्थान में 80 लाख कर्मचारियों को वेतन कटौती के लिए मनाने की कवायद, इन अधिकारियों को दी जिम्मेदारी
गहलोत ने कहा कि जीएसटी परिषद में केवल भाजपा के अधिक सदस्य हैं. सीएम गहलोत ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए सहकारी संघवाद की जड़ों पर प्रहार करने वाला बताया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह भी कहा कि जीएसटी परिषद की बैठक में पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, पंजाब, राजस्थान और तमिलनाडु जिन्होंने प्रस्तावित एजेंडे के खिलाफ रुख अपनाया था, उनमें से किसी को भी मंत्री समूह में शामिल नहीं किया गया है.
पढ़ें: राजस्थान में वैक्सीन बर्बादी की खबरों का गहलोत सरकार ने किया खंडन, बताया तथ्यहीन और भ्रामक
दरअसल 28 मई को हुई जीएसटी परिषद की बैठक के बाद केन्द्र सरकार ने एक मंत्रीसमूह का गठन किया है. इससे पहले मुख्यमंत्री ने मंत्रीसमूह में शामिल 8 सदस्यों से अनुरोध किया है कि वे विचार-विमर्श पर आगे बढ़ने से पहले कांग्रेस के वित्त मंत्रियों के बहिष्कार पर विचार करें. राजस्थान और अन्य राज्यों की ओर से व्यक्त किए गए उन विचारों को भी ध्यान में रखा जाए जिसमें कोविड से संबंधित सप्लाई पर जीरो टैक्स दर की बात कही गई है.
28 मई को जीएसटी परिषद की बैठक हुई थी जिसमें राजस्थान से यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल शामिल हुए थे. बैठक में धारीवाल ने केन्द्र सरकार की ओर से कोविड-19 से जुड़ी सामग्री पर जीएसटी वसूलने पर आपत्ति जताई थी और इन्हें जीएसटी मुक्त करने की मांग की थी.