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CM गहलोत का कहना प्रदेश में क्राइम कंट्रोल, पुलिस ने कहा राजस्थान में अपराध बढ़े

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान पुलिस की तारीफ करते हुए कहा कि प्रदेश में क्राइम कंट्रोल में (CM Gehlot statement on crime figures of Rajasthan) है. वहीं राजस्थान पुलिस की ओर से बयान में कहा गया कि पिछले साल की अपेक्षा इस साल राजस्थान में अपराधों के मामले बढ़े हैं.

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सीएम गहलोत
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Published : Sep 13, 2022, 12:20 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान पुलिस की तारीफ करते नहीं थक रहे और उनका कहना है कि राजस्थान पुलिस अच्छा काम कर रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि प्रदेश में क्राइम कंट्रोल है. लेकिन वहीं दूसरी ओर पुलिस खुद यह कह रही है कि प्रदेश में पिछले वर्ष की तुलना में अपराध के आंकड़े बढ़े (CM Gehlot statement on crime figures of Rajasthan) हैं. राजस्थान पुलिस अकादमी में 2 सितंबर को आयोजित दीक्षांत परेड समारोह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से यह बयान दिया गया था कि प्रदेश में महिला अत्याचारों के 56 फीसद मामले झूठे हैं और उनके इस बयान का विपक्ष ने काफी विरोध किया था. वहीं पुलिस आंकड़ों में भी महिला अत्याचारों के महज 46 प्रतिशत मामले झूठे पाए गए. वहीं अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हर जगह यह बयान दे रहे हैं कि प्रदेश में क्राइम कंट्रोल है. जबकि उसकी वास्तविक स्थिति कुछ और ही है.

मुख्यमंत्री ने क्या कहा: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि प्रदेश में राजस्थान पुलिस बहुत शानदार काम कर रही है और राजस्थान में दूसरे राज्यों की तुलना में अपराध काफी कम है. राजस्थान में पुलिस, प्रशासन और स्वयं मुख्यमंत्री हर चीज को बारीकी से मॉनिटर करते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि वह अपने स्तर पर पुलिस के आला अधिकारियों से मीटिंग करके यह चर्चा करते हैं कि प्रदेश में एक्सीडेंट और अपराध कैसे कम हों. इसके साथ ही हिस्ट्रीशीटर, मादक पदार्थों के तस्कर और भूमाफियाओं को बंद करने के बात भी मुख्यमंत्री ने कही. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम बड़ी तादाद में बदमाशों को बंद कर चुके हैं और प्रदेश में क्राइम कंट्रोल है.

पढ़ें: NCRB रिपोर्ट : 2021 में महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा कैदी पुलिस हिरासत से हुए फरार

पुलिस ने क्या कहा: प्रदेश में अपराध के आंकड़ों को लेकर जब एडीजी क्राइम डॉ.रवि प्रकाश मेहरड़ा से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अगस्त माह तक अपराध के आंकड़ों में वृद्धि दर्ज की गई है. पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अगस्त माह तक हत्या के प्रकरणों में 3.69 प्रतिशत, हत्या के प्रयास के प्रकरणों में 23.13 प्रतिशत, डकैती के प्रकरणों में 16.39 प्रतिशत, लूट के प्रकरणों में 11.79 प्रतिशत, अपहरण के प्रकरणों में 21.01 प्रतिशत, बलात्कार के प्रकरणों में 14.91 प्रतिशत, नकबजनी के प्रकरणों में 17.31 प्रतिशत, चोरी के प्रकरणों में 19.77 प्रतिशत और आईपीसी के कुल प्रकरणों में 16.09 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है.

इसी प्रकार से स्पेशल एक्ट के आंकड़ों में गैंबलिंग एक्ट में 11 प्रतिशत की वृद्धि, आर्म्स एक्ट में 23 प्रतिशत की वृद्धि, एनडीपीएस एक्ट में 26.50 प्रतिशत की वृद्धि और कुल स्पेशल एक्ट में 10 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. वहीं महिला उत्पीड़न के प्रकरणों में 21.87 प्रतिशत की वृद्धि, छेड़छाड़ के प्रकरणों में 16.12 प्रतिशत की वृद्धि और महिला अत्याचारों के कुल प्रकरणों में 17.88 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. इसी प्रकार से अनुसूचित जाति अत्याचारों में 20.25 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. जिसमें हत्या के प्रकरणों में 46 प्रतिशत की वृद्धि और बलात्कार के प्रकरण में 15.04 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. इसी प्रकार से अनुसूचित जनजाति अत्याचारों में 24 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. इसी प्रकार से पोक्सो एक्ट के प्रकरणों में 23 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है.

पढ़ें: CM गहलोत को गलत ठहराते हैं NCRB के आंकड़े, जानिए क्या है पूरी सच्चाई, महिला आयोग की अध्यक्ष ने कसा तंज

राजधानी में अपराध के आंकड़ों का हाल: यदि बात राजधानी जयपुर की करें जहां सूबे की सरकार, मुखिया और तमाम ब्यूरोक्रेट्स रहते हैं, तो जयपुर में भी अपराध की स्थित बेहद खराब बनी हुई है. पिछले वर्ष की तुलना में वर्ष 2022 में अगस्त माह तक राजधानी जयपुर में अपराध के हर तरह के आंकड़ों में वृद्धि दर्ज की गई है. राजधानी में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष हत्या के प्रकरणों में 28 प्रतिशत की वृद्धि, हत्या के प्रयास के प्रकरणों में 31 प्रतिशत की वृद्धि, लूट के प्रकरणों में 16 प्रतिशत की वृद्धि, अपहरण के प्रकरणों में 40 प्रतिशत की वृद्धि, दुष्कर्म के प्रकरणों में 30 प्रतिशत की वृद्धि, नकबजनी के प्रकरणों में 18 प्रतिशत की वृद्धि, दुपहिया वाहन चोरी के प्रकरणों में 21 प्रतिशत की वृद्धि और चौपहिया वाहनों की चोरी के प्रकरणों में 33 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान पुलिस की तारीफ करते नहीं थक रहे और उनका कहना है कि राजस्थान पुलिस अच्छा काम कर रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि प्रदेश में क्राइम कंट्रोल है. लेकिन वहीं दूसरी ओर पुलिस खुद यह कह रही है कि प्रदेश में पिछले वर्ष की तुलना में अपराध के आंकड़े बढ़े (CM Gehlot statement on crime figures of Rajasthan) हैं. राजस्थान पुलिस अकादमी में 2 सितंबर को आयोजित दीक्षांत परेड समारोह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से यह बयान दिया गया था कि प्रदेश में महिला अत्याचारों के 56 फीसद मामले झूठे हैं और उनके इस बयान का विपक्ष ने काफी विरोध किया था. वहीं पुलिस आंकड़ों में भी महिला अत्याचारों के महज 46 प्रतिशत मामले झूठे पाए गए. वहीं अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हर जगह यह बयान दे रहे हैं कि प्रदेश में क्राइम कंट्रोल है. जबकि उसकी वास्तविक स्थिति कुछ और ही है.

मुख्यमंत्री ने क्या कहा: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि प्रदेश में राजस्थान पुलिस बहुत शानदार काम कर रही है और राजस्थान में दूसरे राज्यों की तुलना में अपराध काफी कम है. राजस्थान में पुलिस, प्रशासन और स्वयं मुख्यमंत्री हर चीज को बारीकी से मॉनिटर करते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि वह अपने स्तर पर पुलिस के आला अधिकारियों से मीटिंग करके यह चर्चा करते हैं कि प्रदेश में एक्सीडेंट और अपराध कैसे कम हों. इसके साथ ही हिस्ट्रीशीटर, मादक पदार्थों के तस्कर और भूमाफियाओं को बंद करने के बात भी मुख्यमंत्री ने कही. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम बड़ी तादाद में बदमाशों को बंद कर चुके हैं और प्रदेश में क्राइम कंट्रोल है.

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पुलिस ने क्या कहा: प्रदेश में अपराध के आंकड़ों को लेकर जब एडीजी क्राइम डॉ.रवि प्रकाश मेहरड़ा से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अगस्त माह तक अपराध के आंकड़ों में वृद्धि दर्ज की गई है. पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अगस्त माह तक हत्या के प्रकरणों में 3.69 प्रतिशत, हत्या के प्रयास के प्रकरणों में 23.13 प्रतिशत, डकैती के प्रकरणों में 16.39 प्रतिशत, लूट के प्रकरणों में 11.79 प्रतिशत, अपहरण के प्रकरणों में 21.01 प्रतिशत, बलात्कार के प्रकरणों में 14.91 प्रतिशत, नकबजनी के प्रकरणों में 17.31 प्रतिशत, चोरी के प्रकरणों में 19.77 प्रतिशत और आईपीसी के कुल प्रकरणों में 16.09 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है.

इसी प्रकार से स्पेशल एक्ट के आंकड़ों में गैंबलिंग एक्ट में 11 प्रतिशत की वृद्धि, आर्म्स एक्ट में 23 प्रतिशत की वृद्धि, एनडीपीएस एक्ट में 26.50 प्रतिशत की वृद्धि और कुल स्पेशल एक्ट में 10 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. वहीं महिला उत्पीड़न के प्रकरणों में 21.87 प्रतिशत की वृद्धि, छेड़छाड़ के प्रकरणों में 16.12 प्रतिशत की वृद्धि और महिला अत्याचारों के कुल प्रकरणों में 17.88 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. इसी प्रकार से अनुसूचित जाति अत्याचारों में 20.25 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. जिसमें हत्या के प्रकरणों में 46 प्रतिशत की वृद्धि और बलात्कार के प्रकरण में 15.04 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. इसी प्रकार से अनुसूचित जनजाति अत्याचारों में 24 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. इसी प्रकार से पोक्सो एक्ट के प्रकरणों में 23 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है.

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राजधानी में अपराध के आंकड़ों का हाल: यदि बात राजधानी जयपुर की करें जहां सूबे की सरकार, मुखिया और तमाम ब्यूरोक्रेट्स रहते हैं, तो जयपुर में भी अपराध की स्थित बेहद खराब बनी हुई है. पिछले वर्ष की तुलना में वर्ष 2022 में अगस्त माह तक राजधानी जयपुर में अपराध के हर तरह के आंकड़ों में वृद्धि दर्ज की गई है. राजधानी में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष हत्या के प्रकरणों में 28 प्रतिशत की वृद्धि, हत्या के प्रयास के प्रकरणों में 31 प्रतिशत की वृद्धि, लूट के प्रकरणों में 16 प्रतिशत की वृद्धि, अपहरण के प्रकरणों में 40 प्रतिशत की वृद्धि, दुष्कर्म के प्रकरणों में 30 प्रतिशत की वृद्धि, नकबजनी के प्रकरणों में 18 प्रतिशत की वृद्धि, दुपहिया वाहन चोरी के प्रकरणों में 21 प्रतिशत की वृद्धि और चौपहिया वाहनों की चोरी के प्रकरणों में 33 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है.

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