जयपुर. यूक्रेन में हालात लगातार तनावपूर्ण (Russia vs Ukraine) होते जा रहे हैं, ऐसे में यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों की वतन वापसी को लेकर चिंता लगातार बनी हुई है. इस बीच सरकार की ओर से स्टूडेंट्स को वापस लाने का दौर जारी है. स्टूडेंट्स को हिम्मत देने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विद्यार्थियों से लगातार वीडियो कॉल के जरिए संवाद स्थापित किये हुए हैं और उन्हें इस बात को लेकर आश्वस्त कर रहे हैं कि भारत सरकार और राज्य सरकार मिलकर उन्हें सकुशल अपने वतन लेकर आएंगे.
सीएम गहलोत मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से यूक्रेन से पौलेंड पहुंचे राजस्थान के विद्यार्थियों से संवाद किया. सीएम गहलोत ने विद्यार्थियों को सुरक्षित पौलेंड लाने तथा मदद पहुंचाने के लिए प्रवासी राजस्थानी उद्यमी अमित लाठ और अशोक सेवक रामानी को साधुवाद दिया. उन्होंने कहा कि आप लोगों को नेक काम का अवसर मिला है और मुझे खुशी है कि आप सब आगे बढ़ कर इस कार्य में सहयोग कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने इन विद्यार्थियों से यूक्रेन के वर्तमान हालातों तथा बॉर्डर पर फंसे भारतीय विद्यार्थियों के पौलेंड तक पहुंचने में आ रही परेशानियों के बारे में जानकारी ली. विद्यार्थियों ने बताया कि लाखों लोग यूक्रेन की सीमाओं पर फंसे हुए हैं. बॉर्डर पार करने के लिए उन्हें जान जोखिम में डाल कर लम्बी दूरी पैदल तय करनी पड़ रही है. वे भाग्यशाली हैं जो ऐसी भयानक मानवीय त्रासदी में सुरक्षित निकल कर पौलेंड पहुंच सके. यहां राजस्थान सरकार, भारतीय दूतावास और प्रवासी राजस्थानियों के साथ ही पौलेंड की सरकार से जरूरी मदद उपलब्ध हो पा रही है.
उन्होंने बताया कि अभी भी बड़ी संख्या में विद्यार्थी यूक्रेन में फंसे हुए हैं. गहलोत ने विद्यार्थियों से कहा कि वे यूक्रेन में अभी तक फंसे अपने भारतीय विद्यार्थी मित्रों से बातचीत कर उन्हें हौंसला देते रहें और उन्हें पौलेंड या अन्य सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने के लिए जरूरी मार्गदर्शन उपलब्ध कराएं. उन्होंने अधिकारियों को भी निर्देश दिए कि वे पौलेंड स्थित भारतीय दूतावास और प्रवासी भारतीयों के निरंतर संपर्क में रह कर विद्यार्थियों की सकुशल वापसी के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इसमें वित्तीय सहायता सहित अन्य किसी भी तरह की मदद में कोई कमी नहीं आने देगी. इस दौरान मुख्यमंत्री ने शिवांगी शर्मा, हरिओम मीणा, आदित्य सहित अन्य विद्यार्थियों से बातचीत कर उन्हें भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार विपत्ति के इस समय में उनकी सुरक्षा को लेकर गम्भीर है. हमारा प्रयास है कि विद्यार्थियों तक जल्द से जल्द राहत पहुंचे और वे सभी सकुशल घर लौट सकें.
सीएम गहलोत ने मंगलवार को यूक्रेन के माइकोलेव शहर में पढ़ाई कर रहीं जयपुर की छात्रा पायल मूलानी और लवीना रावल से (Ashok Gehlot on Russia Ukraine War) वीडियो कॉल पर बात की. उन्होंने बताया वे अभी बस से माल्डोवा बॉर्डर जा रहे हैं जहां से दिल्ली के लिए फ्लाइट लेंगे. इन सभी को सकुशल भारत आने के लिए सीएम गहलोत ने शुभकामनाएं दी.
यह भी पढ़ें- यूक्रेन से एक और छात्रा का वीडियो आया सामने, कहा- इंडियन एंबेसी नहीं कर रही मदद
सीएम गहलोत ने पायल मुलानी से बात करते हुए कहा कि कल आपके पापा मुझसे मिलने आए थे. उन्होंने आपको और वहां पर फंसे हुए बाकी तमाम बच्चों को लेकर चिंता जाहिर की. हमने उन्हें आश्वस्त किया है कि भारत सरकार और राज्य सरकार मिलकर सभी बच्चों को सकुशल वापस लेकर आएंगे. सीएम गहलोत ने पायल से पूछा कि वह भी कहां पर है तो पायल ने बताया कि वह माल्डोवा बॉर्डर जा रहे हैं, उसके बाद वहां से दिल्ली के लिए फ्लाइट लेंगे. सीएम गहलोत ने कहा कि आप लोग दिल्ली आइए, वहां पर टीम लगाई हुई है जो आपको रिसीव करेगी और कुशल आपके घर तक पहुंचाएगी.
इस दौरान गहलोत ने पायल के साथ लवीना रावल से भी बात की. लवीना ने बताया कि जयपुर की रहने वाली है और इस समय उनके साथ में 5 से 6 बसों में भारत के करीब 300 से बच्चें हैं, सभी माल्डोवा बॉर्डर पहुंच रहे हैं. मुख्यमंत्री गहलोत ने आश्वस्त किया कि घबराए नहीं और आगे की गतिविधि को लेकर अपडेट करें, सरकार पूरी तरीके से हर संभव मदद के लिए उनके साथ खड़ी है.