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CM Gehlot ने वैक्सीन सप्लाई को लेकर केंद्र पर बोला हमला, 'राजस्थान के साथ भेदभाव बंद हो' - Rajasthan News

पहले रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) और ऑक्सीजन सप्लाई के बाद अब वैक्सीनेशन (Corona Vaccination) को लेकर केंद्र और राजस्थान सरकार के बीच जुबानी हमला तेज हो गया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान के लिए वैक्सीन की सप्लाई को शीघ्र बढ़ाने की बात कही है. सीएम गहलोत ने वैक्सीन आपूर्ति समय पर न होने के कारण आ रही परेशानियों पर गहरी चिंता जताई है.

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
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Published : Jun 29, 2021, 7:24 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Rajasthan Chief Minister Ashok Gehlot) ने केंद्र सरकार से राजस्थान के लिए वैक्सीन सप्लाई अविलंब बढ़ाए जाने की मांग करते हुए हमला बोला है. सीएम गहलोत ने कहा कि वैक्सीन सप्लाई में केंद्र सरकार राजस्थान के साथ भेदभाव बंद करे जिससे कि वैक्सीनेशन कार्यक्रम को तेज किया जा सके. कहा कि जब केंद्र सरकार की ओर से 21 जून से 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए वैक्सीनेशन शुरू करने और वैक्सीन की पर्याप्त आपूर्ति के ऐलान के बावजूद ऐसा नहीं हो रहा है, जो ​कि दुखद है.

राजस्थान को आवश्यकतानुसार वैक्सीन नहीं मिलने के कारण बार-बार वैक्सीनेशन को रोकना पड़ रहा है. प्रदेश में अभी तक लगभग 2 करोड़ 44 लाख वैक्सीन की डोज (Covid-19 Vaccine Dose) लगाई जा चुकी है और प्रतिदिन 15 लाख वैक्सीन लगाने की क्षमता है. अगर केंद्र सरकार समय पर वैक्सीन उपलब्ध करवाए तो समय रहते राजस्थान वासियों को वैक्सीन लगवाई जा सकती है. इससे कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave Of Corona) के खतरे को टाला जा सकता है.

पढ़ें: राजस्थान में कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वैरिएंट का खतरा, CM गहलोत ने की ये अपील

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को प्रेस नोट जारी करके बताया कि 26 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को पत्र लिखकर राजस्थान में वैक्सीन की आपूर्ति बढ़ाने की मांग की गई थी. अब तक प्रदेश में 2 करोड़ 5 लाख से अधिक लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है. इनमें से करीब 75 लाख लोगों को दूसरी डोज जुलाई महीने में लगनी है, लेकिन मांग के अनुरूप अभी तक सिर्फ 65 लाख वैक्सीन की डोज ही आवंटित की गई है. इनमें से भी 16 लाख डोज निजी अस्पतालों को आवंटित की जाएंगी.

...तो रोकना होगा वैक्सीनेशन

यदि समय रहते राजस्थान को अधिक वैक्सीन की आपूर्ति नहीं हुई, तो पहली डोज लगाने का काम रोकना पड़ेगा और बड़ी संख्या में लोगों को दूसरी डोज भी समय पर नहीं लग सकेगी. सीएम ने बताया कि वैक्सीनेशन की शुरुआत से ही राजस्थान अव्वल रहा. यहां सबसे पहले 50 लाख वैक्सीन और दूसरे स्थान पर एक करोड़ वैक्सीन लगाए गए थे. यही वजह है कि यहां बड़ी संख्या में लोगों की दूसरी डोज लगना बाकी है. केंद्र सरकार को राजस्थान को अविलंब 1.50 करोड़ वैक्सीन की डोज भेजनी चाहिए.

पढ़ें: अनलॉक 3.0 : राजस्थान में लगभग चार महीने बाद सशर्त खुलेंगे धार्मिक स्थल, जानिये आज से कहां-कहां मिली है राहत

वैक्सीन लगाकर रिकॉर्ड बनाने का फैलाया भ्रम

गहलोत ने कहा कि कुछ राज्यों ने वैक्सीनेशन महाअभियान कार्यक्रम (Vaccination Campaign) को ध्यान में रखकर 21 जून के पहले वाले सप्ताह में जानबूझकर सिर्फ कुछ हजार लोगों को ही वैक्सीन लगाई गई और वैक्सीन का स्टॉक बचाकर रखा. अब इन राज्यों में रोज लाखों वैक्सीन लगाकर रिकॉर्ड बनाने का भ्रम फैलाया जा रहा है. जैसे मध्य प्रदेश ने 18 जून को 15 हजार, 19 जून को 22 हजार, 20 जून को 692 वैक्सीन ही लगाई, लेकिन 21 जून को 16 लाख वैक्सीन लगा दी. ये लोगों के जीवन को बचाने का अभियान है जिसमें किसी दिखावे की आवश्यकता नहीं है.

वैक्सीन के वितरण में पारदर्शिता लाए केंद्र सरकार

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry) को वैक्सीन के वितरण में पारदर्शिता रखनी चाहिए और राज्यों को सप्लाई की जा रही वैक्सीन की जानकारी भी सार्वजनिक करनी चाहिए. इससे राज्यों को होने वाली वैक्सीन की आपूर्ति के बारे में सटीक जानकारी मिल सकेगी. राजस्थान भौगोलिक रूप से देश का सबसे बड़ा राज्य है और यहां गांवों की दूरी भी काफी अधिक है. यहां वैक्सीन के ट्रांसपोर्टेशन (Vaccine Transportation) में अधिक समय लगता है. एक बार प्रदेश में वैक्सीन खत्म होने पर ट्रांसपोर्टेशन और स्टोरेज के समय के कारण दोबारा कार्य सुचारु होने में दो से तीन दिन का समय लगता है जिसमें वैक्सीनेशन का कार्य बुरी तरह प्रभावित होता है.

पढ़ें: Vaccination Politics: सीएम गहलोत ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध कराने की मांग

गलत जानकारी देकर नेगेटिव वेस्टेज की कोशिश

प्रदेश में वैक्सीन के प्रबंधन पर गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार और स्वास्थ्य कर्मचारियों के बेहतर प्रबंधन का नतीजा है कि प्रदेश में वैक्सीन का वेस्टेज नेगेटिव (-0.27%) (Vaccine Wastage Negative) है. मतलब साफ है कि केंद्र सरकार से जितनी डोज मिलीं उससे अधिक लोगों को वैक्सीन लगाई गई हैं. हालांकि, कुछ लोगों ने जानकारी के अभाव में नेगेटिव वेस्टेज की आलोचना करने का असफल प्रयास भी किया. ऐसे लोगों में जानकारी का अभाव है. इस कार्य में फील्ड में कार्य कर रहे सभी अधिकारियों, कर्मचारियों, नर्सिंग स्टाफ, आशा सहयोगिनी आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. राजस्थान में अन्य राज्यों की तुलना में आमजन में वैक्सीन को लेकर झिझक बेहद कम है. जन प्रतिनिधियों ने भी इसमें भूमिका निभाई है और ये सभी धन्यवाद के पात्र हैं.

रेमडेसिवीर इंजेक्शन और ऑक्सीजन सप्लाई पर लगे थे आरोप

बताते चलें कि पूर्व में रेमडेसिवीर इंजेक्शन और ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर राजस्थान सरकार ने केंद्र सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया था. प्रदेश के मुखिया से लेकर सभी मंत्रियों ने लगातार आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार राज्य के साथ भेदभाव कर रही है.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Rajasthan Chief Minister Ashok Gehlot) ने केंद्र सरकार से राजस्थान के लिए वैक्सीन सप्लाई अविलंब बढ़ाए जाने की मांग करते हुए हमला बोला है. सीएम गहलोत ने कहा कि वैक्सीन सप्लाई में केंद्र सरकार राजस्थान के साथ भेदभाव बंद करे जिससे कि वैक्सीनेशन कार्यक्रम को तेज किया जा सके. कहा कि जब केंद्र सरकार की ओर से 21 जून से 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए वैक्सीनेशन शुरू करने और वैक्सीन की पर्याप्त आपूर्ति के ऐलान के बावजूद ऐसा नहीं हो रहा है, जो ​कि दुखद है.

राजस्थान को आवश्यकतानुसार वैक्सीन नहीं मिलने के कारण बार-बार वैक्सीनेशन को रोकना पड़ रहा है. प्रदेश में अभी तक लगभग 2 करोड़ 44 लाख वैक्सीन की डोज (Covid-19 Vaccine Dose) लगाई जा चुकी है और प्रतिदिन 15 लाख वैक्सीन लगाने की क्षमता है. अगर केंद्र सरकार समय पर वैक्सीन उपलब्ध करवाए तो समय रहते राजस्थान वासियों को वैक्सीन लगवाई जा सकती है. इससे कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave Of Corona) के खतरे को टाला जा सकता है.

पढ़ें: राजस्थान में कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वैरिएंट का खतरा, CM गहलोत ने की ये अपील

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को प्रेस नोट जारी करके बताया कि 26 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को पत्र लिखकर राजस्थान में वैक्सीन की आपूर्ति बढ़ाने की मांग की गई थी. अब तक प्रदेश में 2 करोड़ 5 लाख से अधिक लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है. इनमें से करीब 75 लाख लोगों को दूसरी डोज जुलाई महीने में लगनी है, लेकिन मांग के अनुरूप अभी तक सिर्फ 65 लाख वैक्सीन की डोज ही आवंटित की गई है. इनमें से भी 16 लाख डोज निजी अस्पतालों को आवंटित की जाएंगी.

...तो रोकना होगा वैक्सीनेशन

यदि समय रहते राजस्थान को अधिक वैक्सीन की आपूर्ति नहीं हुई, तो पहली डोज लगाने का काम रोकना पड़ेगा और बड़ी संख्या में लोगों को दूसरी डोज भी समय पर नहीं लग सकेगी. सीएम ने बताया कि वैक्सीनेशन की शुरुआत से ही राजस्थान अव्वल रहा. यहां सबसे पहले 50 लाख वैक्सीन और दूसरे स्थान पर एक करोड़ वैक्सीन लगाए गए थे. यही वजह है कि यहां बड़ी संख्या में लोगों की दूसरी डोज लगना बाकी है. केंद्र सरकार को राजस्थान को अविलंब 1.50 करोड़ वैक्सीन की डोज भेजनी चाहिए.

पढ़ें: अनलॉक 3.0 : राजस्थान में लगभग चार महीने बाद सशर्त खुलेंगे धार्मिक स्थल, जानिये आज से कहां-कहां मिली है राहत

वैक्सीन लगाकर रिकॉर्ड बनाने का फैलाया भ्रम

गहलोत ने कहा कि कुछ राज्यों ने वैक्सीनेशन महाअभियान कार्यक्रम (Vaccination Campaign) को ध्यान में रखकर 21 जून के पहले वाले सप्ताह में जानबूझकर सिर्फ कुछ हजार लोगों को ही वैक्सीन लगाई गई और वैक्सीन का स्टॉक बचाकर रखा. अब इन राज्यों में रोज लाखों वैक्सीन लगाकर रिकॉर्ड बनाने का भ्रम फैलाया जा रहा है. जैसे मध्य प्रदेश ने 18 जून को 15 हजार, 19 जून को 22 हजार, 20 जून को 692 वैक्सीन ही लगाई, लेकिन 21 जून को 16 लाख वैक्सीन लगा दी. ये लोगों के जीवन को बचाने का अभियान है जिसमें किसी दिखावे की आवश्यकता नहीं है.

वैक्सीन के वितरण में पारदर्शिता लाए केंद्र सरकार

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry) को वैक्सीन के वितरण में पारदर्शिता रखनी चाहिए और राज्यों को सप्लाई की जा रही वैक्सीन की जानकारी भी सार्वजनिक करनी चाहिए. इससे राज्यों को होने वाली वैक्सीन की आपूर्ति के बारे में सटीक जानकारी मिल सकेगी. राजस्थान भौगोलिक रूप से देश का सबसे बड़ा राज्य है और यहां गांवों की दूरी भी काफी अधिक है. यहां वैक्सीन के ट्रांसपोर्टेशन (Vaccine Transportation) में अधिक समय लगता है. एक बार प्रदेश में वैक्सीन खत्म होने पर ट्रांसपोर्टेशन और स्टोरेज के समय के कारण दोबारा कार्य सुचारु होने में दो से तीन दिन का समय लगता है जिसमें वैक्सीनेशन का कार्य बुरी तरह प्रभावित होता है.

पढ़ें: Vaccination Politics: सीएम गहलोत ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध कराने की मांग

गलत जानकारी देकर नेगेटिव वेस्टेज की कोशिश

प्रदेश में वैक्सीन के प्रबंधन पर गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार और स्वास्थ्य कर्मचारियों के बेहतर प्रबंधन का नतीजा है कि प्रदेश में वैक्सीन का वेस्टेज नेगेटिव (-0.27%) (Vaccine Wastage Negative) है. मतलब साफ है कि केंद्र सरकार से जितनी डोज मिलीं उससे अधिक लोगों को वैक्सीन लगाई गई हैं. हालांकि, कुछ लोगों ने जानकारी के अभाव में नेगेटिव वेस्टेज की आलोचना करने का असफल प्रयास भी किया. ऐसे लोगों में जानकारी का अभाव है. इस कार्य में फील्ड में कार्य कर रहे सभी अधिकारियों, कर्मचारियों, नर्सिंग स्टाफ, आशा सहयोगिनी आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. राजस्थान में अन्य राज्यों की तुलना में आमजन में वैक्सीन को लेकर झिझक बेहद कम है. जन प्रतिनिधियों ने भी इसमें भूमिका निभाई है और ये सभी धन्यवाद के पात्र हैं.

रेमडेसिवीर इंजेक्शन और ऑक्सीजन सप्लाई पर लगे थे आरोप

बताते चलें कि पूर्व में रेमडेसिवीर इंजेक्शन और ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर राजस्थान सरकार ने केंद्र सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया था. प्रदेश के मुखिया से लेकर सभी मंत्रियों ने लगातार आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार राज्य के साथ भेदभाव कर रही है.

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