जयपुर. सीएम अशोक गहलोत सोमवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश भर के सरकारी मेडिकल काॅलेजों के प्राचार्याें, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों, प्रमुख चिकित्सा अधिकारियों सहित चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारियों के साथ कोरोना नियंत्रण की समीक्षा कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कोरोना संक्रमण रोकने और मरीजों के इलाज के लिए धन की कोई कमी नहीं आने देगी. हमारी पुरजोर कोशिश है कि इस बीमारी से मृत्यु दर को न्यूनतम स्तर पर लाया जाए. इसके लिए जो भी संसाधन उपलब्ध कराने पड़ेंगे, कराए जाएंगे.
मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य एवं सीएमएचओ इसके लिए आवश्यकतानुसार अपनी मांग के सम्बन्ध में प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजें. उन्होंने कहा कि जो मरीज ठीक हो रहे हैं, उन्हें प्लाज्मा डोनेट करने के लिए प्रेरित किया जाए. ताकि आने वाले दिनों की जरूरत को देखते हुए पर्याप्त मात्रा में प्लाज्मा उपलब्ध हो सके. सीएम गहलोत ने कहा कि पिछले करीब 5 माह से चिकित्सकों, नर्सेज और पैरामेडिकल स्टाफ ने पूरे समर्पण के साथ काम करके कोरोना नियंत्रण की दिशा में एक मिसाल कायम की है. राजस्थान के सरकारी क्षेत्र के चिकित्सा संस्थानों ने कोरोना के प्रसार को रोकने में सराहनीय कार्य किया है. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सीएचसी, पीएचसी सहित अन्य अस्पतालों का दौरा करें.
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इस महामारी को लेकर किसी तरह की लापरवाही नहीं बरती जाए और हेल्थ प्रोटोकाॅल का पालन करने के लिए आमजन को लगातार जागरूक किया जाए. उन्होंने कहा कि मौसमी बीमारियों के संक्रमण को रोकने के लिए भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं स्थानीय प्रशासन पूर्व तैयारी रखें. सीएम ने इस दौरान कोरोना पाॅजिटिव केसेज, रिकवरी रेट, होम आइसोलेशन, काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग, इंजेक्शन की उपलब्धता और प्लाज्मा थेरेपी की तैयारियों की समीक्षा की.
चिकित्सा मंत्री डाॅ. रघु शर्मा ने कहा कि जयपुर, जोधपुर और कोटा में प्लाज्मा थेरेपी की सुविधा शुरू हो चुकी है. उदयपुर में आईसीएमआर से अनुमति मिल चुुकी है. बीकानेर और अजमेर में भी इसे जल्द ही शुरू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सभी जिलों में प्लाज्मा थेरेपी शुरू करने के लिए माइक्रो प्लानिंग की जा रही है. राजस्थान मेडिकल सर्विसेज काॅर्पोरेशन लिमिटेड को जीवन रक्षक इंजेक्शन की जल्द खरीद के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं.
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वहीं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव अखिल अरोरा ने बताया कि सभी मेडिकल काॅलेजों को टोसिलीजूमेब और रेमीडेसिविर आवश्यकतानुसार उपलब्ध कराए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. आमजन को स्वास्थ्य सुविधाओं और उपचार के बारे में सहयोग करने के लिए चयनित स्वास्थ्य मित्रों का सहयोग भी अब कोरोना नियंत्रण एवं जागरूकता के प्रसार में लिया जाएगा. वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग में मुख्य सचिव राजीव स्वरूप, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह रोहित कुमार सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव खान सुबोध अग्रवाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव सार्वजनिक निर्माण वीनू गुप्ता, शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा वैभव गालरिया, शासन सचिव खाद्य आपूर्ति हेमन्त गेरा, सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.