जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि प्रदेशभर में संस्थागत और घरों में क्वॉरेंटाइन किए गए लोगों की संख्या घटने के बावजूद स्वास्थ्य और प्रशासनिक अधिकारी लगातार सजग रहकर कोरोना के संक्रमण की स्थिति पर नजर बनाए रखें. जिन लोगों को कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव होने पर भी घरों में क्वॉरेंटाइन किया गया है, उनके स्वास्थ्य की भी समुचित मॉनिटरिंग की जाए और आवश्यकता पड़ने पर उन्हें तुरंत चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जाए.
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गहलोत ने गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास पर कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन से उत्पन्न स्थिति की नियमित समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे. बैठक में अवगत कराया गया कि प्रदेश में संस्थागत क्वॉरेंटाइन की क्षमता 2.5 लाख बेड है. लेकिन, वर्तमान में केवल 10 हजार लोग ही संस्थागत क्वारेंटाइन में हैं. लगभग 1.9 लाख लोग होम क्वॉरेंटाइन में हैं. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम पंचायत स्तर और प्रशासनिक स्तर पर तैयार की गई संस्थागत क्वॉरेंटाइन सुविधाओं को आवश्यकता नहीं होने पर कम किया जा सकता है, ताकि स्कूल-कॉलेजों के भवनों को आगामी शैक्षणिक सत्र के लिए सैनिटाइज कराया जा सके. उन्होंने जिला स्तर पर संस्थागत क्वॉरेंटाइन की व्यवस्था आवश्यक रूप से उपलब्ध रखने के निर्देश दिए हैं.
रिकवरी रेट 70 प्रतिशत से अधिक, डबलिंग रेट 20 दिन
मुख्यमंत्री ने राजस्थान में बड़ी संख्या में लोगों के बाहर से आने-जाने के बावजूद कोविड-19 महामारी की स्थिति नियंत्रण में होने पर संतोष जाहिर किया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के कई जिलों में कोरोना संक्रमण से एक भी मौत नहीं हुई है. बैठक में बताया गया कि राजस्थान में कोरोना के एक्टिव पॉजिटिव मामलों की संख्या बीते 6 दिन से लगातार 3 हजार से कम है. संक्रमितों के ठीक होने की दर 70 प्रतिशत से भी अधिक हो गई है और संक्रमितों की संख्या दोगुनी होने के दर अब 18 से बढ़कर 20 दिन हो गई है. अभी तक 4.5 लाख से अधिक टेस्ट किए जा चुके हैं.
चालान का उद्देश्य हेल्थ प्रोटोकॉल के प्रति जागरूक करना
गहलोत ने कहा कि प्रदेश में सार्वजनिक स्थलों, दुकानों आदि पर मास्क नहीं पहनने और दूरी के नियमों का पालन नहीं करने पर चालान के प्रावधान को सख्ती से लागू किया जाए. अब तक पुलिस द्वारा 40 हजार से अधिक उल्लंघन के मामलों में जुर्माना लगाया गया है. इस पर उन्होंने कहा कि हेल्थ प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने पर जुर्माने का उद्देश्य लोगों को इसकी पालना के लिए जागरूक करना है.
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बैठक में चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा, मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, अति. मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप, पुलिस महानिदेशक भूपेन्द्र सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग सुबोध अग्रवाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा रोहित कुमार सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, अतिरिक्त मुख्य सचिव सार्वजनिक निर्माण वीनू गुप्ता, प्रमुख शासन सचिव सूचना प्रौद्योगिकी अभय कुमार, शासन सचिव सिद्धार्थ महाजन और सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी सहित अन्य उच्चाधिकारी मौजूद रहे.