जयपुर. नागरिकता संशोधन एक्ट को लेकर देशभर में कई जगहों पर इसके विरोध तो कई जगह इसके समर्थन में रैलियां निकाली जा रही है और प्रदर्शन हो रहे हैं. इसी बीच अब नेताओं में भी इस मुद्दे को लेकर आपसी बयानबाजी का भी दौर शुरू हो चुका है. जयपुर में रविवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में शांति मार्च निकाला गया था. जिसमें कांग्रेस के सहयोगी दल सीपीएम, सीपीआई, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, जनता दल राष्ट्रीय लोक दल सहित करीब 35 सिविल सोसायटी के प्रतिनिधि और कार्यकर्ता शामिल हुए थे.
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पहले अमित शाह जी सदन में एवं आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी मेरा नाम लेकर देश को गुमराह कर रहे हैं। ये कहना क्या चाहते हैं?पाकिस्तान से प्रताड़ित होकर जो लोग सीमावर्ती राजस्थान आए उन्हें सुविधाएं मिले,इसके लिए तत्कालीन गृहमंत्री श्री पी.चिदम्बरम् को पत्र लिखना क्या गलत था?
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">पहले अमित शाह जी सदन में एवं आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी मेरा नाम लेकर देश को गुमराह कर रहे हैं। ये कहना क्या चाहते हैं?पाकिस्तान से प्रताड़ित होकर जो लोग सीमावर्ती राजस्थान आए उन्हें सुविधाएं मिले,इसके लिए तत्कालीन गृहमंत्री श्री पी.चिदम्बरम् को पत्र लिखना क्या गलत था?
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1/पहले अमित शाह जी सदन में एवं आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी मेरा नाम लेकर देश को गुमराह कर रहे हैं। ये कहना क्या चाहते हैं?पाकिस्तान से प्रताड़ित होकर जो लोग सीमावर्ती राजस्थान आए उन्हें सुविधाएं मिले,इसके लिए तत्कालीन गृहमंत्री श्री पी.चिदम्बरम् को पत्र लिखना क्या गलत था?
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दो टूक शब्दों में कहा था कि राजस्थान में नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी किसी भी कीमत पर लागू नहीं होने देंगे. गहलोत ने कहा कि देश तानाशाही से नहीं, बल्कि मोहब्बत और प्रेम से चलता है. गहलोत ने कहा बीते 70 साल में देश के संविधान लोकतंत्र की परीक्षा में खरा उतरा, लेकिन आज केंद्र की मोदी सरकार उसकी धज्जियां उड़ा रही है.
वहीं इसके कुछ समय बाद गहलोत ने ट्वीट किया कि पहले अमित शाह ने सदन में एवं आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मेरा नाम लेकर देश को गुमराह कर रहे हैं. ये कहना क्या चाहते हैं? उन्होंने ट्वीट में लिखा कि पाकिस्तान से प्रताड़ित होकर जो लोग सीमावर्ती राजस्थान आए, उन्हें सुविधाएं मिले, इसके लिए तत्कालीन गृहमंत्री पी. चिदम्बरम को पत्र लिखना क्या गलत था?
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अब भी जो प्रताड़ित होकर आते हैं, उन्हें नागरिकता/सुविधाएं दिए जाने से कौन रोक रहा है? इससे हिन्दू या मुस्लिम किसको शिकायत हो सकती है? शिकायत तो यह है कि जिस प्रकार असम में एनआरसी को लागू नहीं कर पाए, उसके बावजूद पूरे देश में गृहमंत्री एनआरसी लागू करने का ऐलान करके भड़का रहे हैं.
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अब भी जो प्रताड़ित होकर आते हैं उन्हें नागरिकता/सुविधाएं दिये जाने से कौन रोक रहा है?इससे हिन्दू या मुसलमान किसको शिकायत हो सकती है? शिकायत तो यह है कि जिस प्रकार असम में एनआरसी को लागू नहीं कर पाए उसके बावजूद पूरे देश में गृहमंत्री एनआरसी लागू करने का ऐलान करके भड़का रहे हैं।
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2/अब भी जो प्रताड़ित होकर आते हैं उन्हें नागरिकता/सुविधाएं दिये जाने से कौन रोक रहा है?इससे हिन्दू या मुसलमान किसको शिकायत हो सकती है? शिकायत तो यह है कि जिस प्रकार असम में एनआरसी को लागू नहीं कर पाए उसके बावजूद पूरे देश में गृहमंत्री एनआरसी लागू करने का ऐलान करके भड़का रहे हैं।
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बहरहाल, इस एक्ट को लेकर विरोध-प्रदर्शन और समर्थन के बीच नेताओं में बयानों को लेकर भी जंग छिड़ चुकी है. जिसमें नेता बयानों को लेकर एक-दूसरे पर पलटवार करते नजर आ रहै हैं.