जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि शिक्षा किसी भी देश की तरक्की का मुख्य आधार है. राज्य सरकार ने प्रदेश में शिक्षा का बेहतरीन माहौल तैयार कर भावी पीढ़ी को अच्छे अवसर उपलब्ध कराने के लिए तीन वर्षों में एक से बढ़कर एक निर्णय लिए हैं. साथ ही नवाचार किए हैं. बजट पूर्व संवाद के माध्यम से हमारा प्रयास है कि विशेषज्ञों से सुझाव लेकर शिक्षा के क्षेत्र में राजस्थान को उच्चतम पायदान पर ले जाएं और शिक्षा से सम्बन्धित समस्याओें का समुचित हल निकले.
शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर काम के प्रयास : सीएम गहलोत शनिवार को मुख्यमंत्री निवास से वीसी के माध्यम से शिक्षा क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ बजट पूर्व संवाद (CM Gehlot Pre budget conversation) किया. उन्होंने कहा कि शिक्षा राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल है और इस दिशा में पूरी प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ रहे हैं. बैठक में आए सुझावों का परीक्षण कर आगामी बजट में शामिल करने का प्रयास किया जाएगा, ताकि वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर काम हो सके.
गहलोत ने कहा कि गरीब और जरूरतमंद परिवारों के बच्चों को भी अंग्रेजी माध्यम में गुणवतापूर्ण शिक्षा मिल सके, उनका आत्मविश्वास बढ़े और वे प्रतिस्पर्धा में किसी से पीछे नहीं रहें. इस सोच के साथ हमने अंग्रेजी माध्यम के महात्मा गांधी विद्यालय संचालित करने की महत्वपूर्ण पहल की है. इसके प्रति लोगों में विशेष उत्साह है. हम इन विद्यालयों का दायरा लगातार बढ़ा रहे हैं, ताकि अधिकाधिक बच्चों को इनका लाभ मिल सके. आने वाले समय में इस पहल का व्यापक सकारात्मक असर देखने को मिलेगा.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के माध्यम से उत्कृष्ट मानव संसाधन तैयार किया जा सकता है, जो देश के विकास में अहम भागीदारी निभाता है. उन्होंने कहा कि दूसरे विश्व युद्ध में तबाह हो गए कई देशों ने बाद में शिक्षा पर विशेष जोर दिया और आज वे विकसित राष्ट्र बन गए हैं. उन्होंने कहा कि राजस्थान भौगोलिक दृष्टि से विषम परिस्थितियों वाला प्रदेश है, यहां सुविधाएं पहुंचाने में अधिक लागत आती है. लेकिन तमाम चुनौतियों के बावजूद राज्य में शिक्षा के विविध क्षेत्रों में तेजी से प्रगति हो रही है.
बैठक में शिक्षा से जुड़े विभिन्न गैर सरकारी संगठनों, गैर सरकारी विद्यालयों के प्रतिनिधि, शिक्षक प्रतिनिधि, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति और कॉलेजों के प्राचार्य, तकनीकी शिक्षण संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने अपने सुझाव दिए. उन्होंने शिक्षा को लेकर राज्य सरकार की ओर से तीन वर्षों में किए गए निर्णय एवं नवाचारों की सराहना की.